Avnish Tiwari Hold Indian Flag At Mount Everest Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar – Amar Ujala Hindi News Live

राष्ट्रपति से पुरुस्कार लेते अवनीश। पिता आदित्य के साथ एवरेस्ट पर।
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
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कहते हैं हौसला हो तो आप दुनिया जीत सकते हैं। कोई कमी आपके आड़े नहीं आ सकती। इंदौर के 9 वर्षीय अवनीश तिवारी ने यह बात सही करके दिखाई है। अवनीश डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हैं, उन्हें जन्म से ही दिल में छेद है और घुटने भी ठीक नहीं है। इस वजह से अवनीश को उनके माता पिता ने एक साल की उम्र में ही उन्हें अनाथाश्रम में छोड़ दिया था। उस वक्त वे कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे थे। उस बुरे वक्त में अवनीश को आदित्य तिवारी ने गोद लिया और आज अवनीश भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रहे हैं। अवनीश को सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है। अवनीश सात साल की उम्र में एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके हैं और अब वे बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। अवनीश तिवारी मप्र (इंदौर) से एकमात्र नाम है जिसका चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है। वे सबसे कम उम्र के अवार्डी हैं। अब ये सभी बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में भी शामिल होंगे। इस वर्ष देश में से 19 बच्चों को यह पुरस्कार दिया गया है।
कई सम्मान मिले अवनीश को
1. अवनीश को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग बाल पुरस्कार भी मिल चुका है।
2. अवनीश के नाम पर चार वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हैं।
3. उन्हें 30 से ज्यादा एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुके हैं।
4. वर्ष 2023 में चाइल्ड आइकॉन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
5. डाउन सिंड्रोम एक्सीलेंस अवार्ड से भी उन्हें सम्मानित किया गया है।
पिता ने गोद लेने के लिए किया संघर्ष
अवनीश को गोद लेने के लिए आदित्य तिवारी को भी लंबी लड़ाई लड़ना पड़ी। उस समय वे अविवाहित थे और उनी उम्र भी बहुत कम थी। इसलिए अवनीश को गोद लेने के लिए आदित्य ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उनके लंबे संघर्ष के बाद ही सिंगल लोगों के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। आदित्य ने सात महीने के अवनीश को गोद लिया। आदित्य ने शादी से पहले अवनीश को गोद लिया। कुछ समय बाद उन्होंने अर्पिता से शादी की।
अवनीश में कई प्रतिभाएं, टाइगर भी गोद लिया
1. सात साल की उम्र में ट्रैकिंग करते हुए माउंट एवरेस्ट तक पहुंच चुके हैं।
2. एवरेस्ट पर 600 मीटर की ट्रैकिंग करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम पर है।
3. इंदौर चिड़ियाघर में एक टाइगर को भी उन्होंने गोद ले रखा है।
4. वे एक हजार से ज्यादा सेमिनार, वेबिनार को संबोधित कर चुके हैं।
5. यूनाइटेड नेशन व जिनेवा में भी कई कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए हैं।
6. मुख्य रूप से अनाथ बच्चों और दिव्यांग बच्चों के अधिकारों के लिए काम करते हैं।
7. चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट को भी एक्सपोज कर चुके हैं।
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