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695 Review: 500 साल पुराना है राम मंदिर निर्माण का इतिहास, हिंदुओं के संघर्ष को दिखाती है फिल्म

नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से चंद रोज पहले सिनेमाघरों में आई फिल्म ‘695’ ने राम जन्मभूमि के इतिहास को बताने की कोशिश की है, जिसके लिए हिंदुओं ने बीते 500 सालों तक कड़ा संघर्ष किया था, हालांकि फिल्म राम जन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास की दो प्रमुख तिथियों के बीच की कहानी को बयां करती है. पहली तिथि 6 दिसंबर 1992 है, जिस दिन बाबरी मस्जिद को ढहाया गया था. दूसरी प्रमुख तिथि 5 अगस्त 2020 है, जब राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था. फिल्म के शुरुआत में 1528 का दौर दिखाया गया है जब मुगल बादशाह भगवान राम के मंदिर को ध्वस्त करके वहां मस्जिद का निर्माण करता है.

फिल्म में दिखाया गया है राम मंदिर के लिए हिंदुओं का संघर्ष
फिल्म में राघवदास और उनके शिष्यों के संघर्ष को दिखाया गया है जो मुस्लिम समुदाय से विचार-विमर्श करके मंदिर और मस्जिद के विवाद को सुलझाने की कोशिश करते हैं, जिसके लिए मुस्लिम समुदाय राजी नहीं होता. मस्जिद के अंदर साल 1949 में एक चमत्कारी घटना घटित होती है. भगवान राम की मूर्ति अचानक विवादित जगह पर अचानक प्रकट होती है, जिसके बाद उस जगह को मंदिर बताकर ताला लगा दिया जाता है. इसके बाद, राम जन्मभूमि पर अदालत फैसला सुनाती है. राघवदास राम मंदिर के लिए संघर्ष करते हुए स्वर्ग सिधार जाते हैं, जिसके बाद उनके शिष्य रघुनंदन दास उनके सपने को पूरा करने की यात्रा पर निकल पड़ते हैं. फिल्म में आगे साल 1949 के बाद घटी तमाम घटनाओं को दिखाया गया है, जिसमें ठहराव 9 नवंबर 2019 के न्यायालय के निर्णय के बाद नजर आता है.

शानदार है कलाकारों का अभिनय
फिल्म ‘695’ का पहला इंटरवल कसा हुआ है, जो दर्शकों को बांधे रखता है, जबकि दूसरे इंटरवल में थोड़ा बिखराव दिखता है. फिल्म में एक्टर्स के अभिनय के अलावा उनके संवाद दर्शकों को प्रभावित करते हैं. संगीत भी दिल छू लेता है. अरुण गोविल ने गुरु राघवदास के किरदार में शानदार काम किया है. वह कुछ दृश्यों में दर्शकों को भावुक कर देते हैं. अशोक समर्थ ने रघुनंदन दास के किरदार में उनका अच्छा साथ दिया. मनोज जोशी ने क्लाइमैक्स में अपनी छोटी सी परफॉर्मेंस से दिल जीत लिया. केके रैना ने लाल कृष्ण आडवाणी का रोल बड़ी कुशलता से निभाया है, हालांकि बाकी नेताओं के किरदार में जितने भी कलाकार नजर आए, वे केके रैना जितने प्रभावी नहीं दिखे.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Arun Govil, Bollywood news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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