Event held at Brahmakumar Omprakash Bhaiji Auditorium | इन्दौर के ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह में हुआ आयोजन: हमारा निमित्त भाव मन की स्थिति को महान बनाता है – डॉ. मोहित गुप्ता – Indore News

‘जिस प्रकार कठपुतलियों के खेल में सारा कार्य करने वाला कोई और होता है पर महिमा कठपुतली की होती है, उसी प्रकार सृष्टि रंगमंच पर हम सब आत्माएं भी उस परमात्मा के हाथों की कठपुतलियां हैं, वहीं हमें चला रहा है। जब हम इस बात को स्वीकार कर लेते हैं तो हमारा
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संबोधित करते हुए डॉ.मोहित गुप्ता।
उन्होंने एक योगी की महानताओं को उजागर करते हुए कहा कि – योगी अर्थात स्थिर। परंतु आज हमारे मन की स्थिरता भंग होती दिखाई देती है, जिसका कारण शत प्रतिशत यहीं है कि हम स्वयं के स्थान पर दूसरों को देखने, उन्हें जज करने में ही अपने मन की शक्तियां व्यर्थ गंवा देते हैं। जिससे एक-दो के संस्कारों से टक्कर होना, परिवारों में लड़ाई-झगड़ा, वैर-विरोध, नफरत आदि की भावनाएं बढ़ती जा रही है। योगी के लिए सब प्राणी मात्र एक समान ही है, उसकी दृष्टि में कोई अच्छा या बुरा नहीं। सब मनुष्य आत्माएं परमात्मा की संतान है इसलिए वह दुश्मनों से भी अपनापन रख पाता है।

कार्यक्रम में संबोधित करते डॉ.मोहित गुप्ता।
श्रोताओं ने लिया स्व परिवर्तन का संकल्प
यदि हम भी घर-गृहस्थ में रहते स्थित प्रज्ञ अवस्था को पाना चाहते हैं तो हमें अपना संपूर्ण ध्यान स्वयं पर केंद्रित करना होगा। स्वयं को देख अपने संस्कारों में परिवर्तन कर, अपने आप को तराशने की मेहनत हमें स्वयं ही करनी है, तभी हम समाज के सामने एक आदर्श रूप धारण कर सकेंगे। उनके सकारात्मक भावनाओं से ओतप्रोत प्रेरणादायी उद्बोधन से प्रेरित हो सैकड़ों श्रोताओं ने स्व परिवर्तन का संकल्प लिया।

आयोजन में बड़ी संख्या में शामिल हुए सदस्य।
क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु
इस अवसर पर उज्जैन सेवाकेंद्र की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने ईश्वरीय महावाक्यों का वाचन करते हुए कहा कि क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है, इससे हमारे संबंध बहुत जल्दी बिगड़ जाते हैं, अतः क्रोध रूपी शत्रु को परमात्मा शिव पर अर्पण करना है। वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने डॉ. मोहित गुप्ता का स्वागत किया तथा ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी ने आभार माना।
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