‘There is no word Hindustan in the constitution’; Dr Bhimrao Ambedkar; Rama Ambedkar teltumbare; Bhopal; BJP; Congress; Rahul Gandhi | धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान से अंबेडकर की पोती असहमत: बोलीं- संविधान में हिंदुस्तान शब्द नहीं; कथावाचक ने कहा था- नाम के आगे हिंदू लगाओ – Bhopal News

डॉ. भीमराव अंबेडकर की पोती रमा अंबेडकर तेलतुंबडे ने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान ‘नाम के आगे हिंदू लगाओ’ पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा, ‘यह उनका हिंदू राष्ट्र बनाने का तरीका है। संविधान में कहीं भी हिंदुस्तान शब्द का जिक्र नहीं है।’
.
उन्होंने कहा, ‘हर एक लीडर… मैं नाम नहीं लूंगी। उनके मन में हिंदुस्तान एक नाम की चीज है। जो संविधान बचाने जाते हैं, उनको खुद को यह नहीं पता कि संविधान में कौन सा वर्ड है।’
रमा अंबेडकर तेलतुंबडे उर्फ रमा ताई डॉ. अंबेडकर के बेटे यशवंत की बेटी हैं। वे भोपाल में धम्म संदेश महोत्सव में शामिल हुईं।
रमा ताई ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। पढ़िए, प्रमुख अंश…
भोपाल के कोलार गेस्ट हाउस में रमा ताई ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
भास्कर: आप बाबा साहब के परिवार से हैं, समाज में बहुत सम्मान है, क्या सरकारों से भी यही सम्मान मिलता है? रमा ताई: हम सरकार से कुछ अपेक्षा नहीं करते, क्योंकि हमारा समाज हमें इतना प्यार देता है कि हमें दूसरों की जरूरत नहीं।
भास्कर: राजनीतिक मंचों से बयान आता है कि कांग्रेस ने बाबा साहब के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर संसद में जाने का रास्ता रोका था? रमा ताई: यह सही बात है कि जो रिस्पेक्ट बाबा साहब को मिलना चाहिए थी, वो उनको नहीं मिली। कांग्रेस को जो रिस्पेक्ट उनको देना चाहिए थी, वो देती नहीं थी। मुझे तो लगता है कि एटलीस्ट वो जब तक जिंदा थे, तब तक उनकी एक सीट पार्लियामेंट में परमानेंट होना चाहिए था। इसका खेद तो रहेगा, कांग्रेस के साथ तो हमारे बहुत सारे डिस्प्यूट हैं। मैं राजनीति नहीं करती, नहीं तो मैं हर एक घटना बता सकती हूं।
भास्कर: राहुल गांधी ने कई चुनावी रैलियों में कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारियों की मंत्रालयों में भागीदारी बहुत कम है, इसे कैसे देखती हैं? रमा ताई: आजादी के बाद जो भी गवर्मेंट आई, उन्होंने कभी 100% रिजर्वेशन को पूरी तरह से भरा ही नहीं। आप वो ही देखोगे की थर्ड और फोर्थ ग्रेड के लिए रिजर्वेशन भर जाता है। लेकिन, फर्स्ट और सेकंड ग्रेड के लिए रिजर्वेशन नहीं भरा जाता है। नॉन अवेलिबिलिटी बताते हैं।

भास्कर: एससी/एसटी पर अत्याचार, महिलाओं-बच्चियों से रेप हो रहे, इन्हें कैसे रोका जा सकता है? रमा ताई: आप इलेक्शन में कैंडिडेट देखोगे तो हर एक पॉलिटिकल पार्टी 40 फीसदी से ज्यादा रेपिस्ट और चोरों को ही टिकट देती है। रूलिंग पार्टी के लोगों को ऐसी हरकत पर जल्द जमानत भी मिल जाती है। लेकिन, दलित, जिसने कुछ किया भी नहीं होता है, उसे अंदर डाल देते हैं।
भीमा कोरेगांव की घटना बताती हूं। वहां मेरे हस्बैंड अरेस्ट हुए। हम लोग तो वहां गए भी नहीं थे। लेकिन, हमारे लोग अभी भी छह-छह साल हो गए अंदर हैं…। मेरे पति तो 32 महीने जेल में रहे। हम लोगों ने कुछ नहीं किया था, हम नहीं थे। लेकिन, ये एक हवा बना है। जैसे दलितों को नक्सलाइट बोलना, पंजाबियों – सिखों को खालिस्तानी कहना, मुस्लिमों को पाकिस्तानी कहना, यह उनका तरीका है।

भास्कर: हरियाणा सरकार ने अभी रिजर्वेशन में सब कैटेगराइजेशन करने का निर्णय लिया, इस फैसले को कैसे देखती हैं? रमा ताई: मुझे यह फैसला ठीक नहीं लगता है। सब कैटेगराइजेशन करने से आरक्षण कम होगा। बाबा साहब ने संविधान में आरक्षण दिया, लेकिन 70 साल में इसका किसी भी सरकार में पालन नहीं हुआ, इस वजह से पिछड़ी कलास उतनी एजुकेटेड नहीं हो पाई।
एक तो एजुकेशन में इतने कैटेगरीज हैं, गरीबों के लिए अलग, मिडिल क्लास के लिए अलग और रिच फैमिलीज के लिए अलग। सबसे गरीब लोगों को जो गांव में शिक्षा मिलती है, वहां 7वीं, 8वीं या 10वीं में पढ़ने वाले बच्चे को एक किताब भी पढ़ना नहीं आता। ये जो डिस्क्रिमिनेशन (भेदभाव) है, वहां से वह ऊपर आए ही नहीं।
मुझे ऐसा लगता है पहले एजुकेशन सिस्टम बराबर करना चाहिए। सब लोग एक लेवल पर आना चाहिए। फिर आप चाहें तो क्रीमी लेयर लगाकर डाइवर्जन कर सकते हैं। इसके पहले ऐसा करना, आरक्षण खत्म करने की साजिश है।
भास्कर: बीजेपी का तर्क है कि आरक्षित वर्ग में से जिन लोगों को लाभ नहीं मिल पाया, उनमें से जो पिछड़े हुए वर्ग हैं, उनको इसका फायदा मिलेगा? रमा ताई: बाबा साहब ने तब भी कहा था कि सबको एक जैसी एजुकेशन चाहिए। मतलब जो गरीब को मिलेगा, वही अमीर को मिलेगा। आप देखोगे कि गांव में टीचर्स नहीं रहते, स्कूल प्रॉपर नहीं लगते, कहां से आगे आएंगे ऐसे बच्चे। शहर में तो थोड़े बच्चे मिलते हैं, उनके लिए तो रिजर्वेशन अभी भी है, यही रिजर्वेशन हटा दिया तो?
अभी आप सर्विस में देखें कि नॉट अवेलेबल दिखाकर कैटेगरीज कैसे भर जाती हैं। अपर कास्ट को भरा जाता है। यही इधर भी करेंगे, क्योंकि बच्चे ही नहीं है, तो रिजर्वेशन धीरे-धीरे खत्म करने का यह तरीका है। यह हमारे लोगों को समझना चाहिए। हमारे समाज में भी बहुत से लोग जो पॉलिटिकल पार्टीज में हैं, वे क्रीमी लेयर का सपोर्ट करते हैं, लेकिन यह बहुत गलत है।

भोपाल में धम्म संदेश महोत्सव हुआ। इसी महोत्सव में रमा ताई शामिल हुईं।
भास्कर: इक्वल एजुकेशन का तरीका क्या होगा? रमा ताई: देखो, जैसे मैं महाराष्ट्र में कहती हूं कि एक महाराष्ट्र बोर्ड है, CBSE बोर्ड है, ICSI बोर्ड है, इंटरनेशनल बोर्ड है। जो बच्चे महाराष्ट्र बोर्ड में पढ़ते हैं, वे CBSE और इंटरनेशनल बोर्ड के बच्चों के साथ कंपेयर नहीं कर सकते। जो टीचर्स अमीर को पढ़ाते हैं, ऐसे ही लेवल के टीचर गरीब को भी पढ़ाएंगे, तब ही उनका लेवल अप हो पाएगा।
भास्कर: यानी जो अलग-अलग बोर्ड हैं, उनकी जगह एक कॉमन बोर्ड होना चाहिए? रमा ताई: ऐसा नहीं कह सकती, लेकिन किताबें और सिलेबस एक हों। अलग-अलग बोर्ड भी कर सकते हो। मेरा कहने का मतलब है कि सिलेबस एक होना चाहिए।

बीजेपी का जवाब- संविधान में भले न हो, लेकिन हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है

रघुनंदन शर्मा, पूर्व सांसद भाजपा
रमा ताई के बयान पर बीजेपी के पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण भारत के दो टुकड़े हुए। इस्लाम और मुसलमान के नाम पर अलग राष्ट्र भी बना लिया और मुसलमानों को यहीं रोक लिया। यदि पाकिस्तान मुसलमान के लिए बना है, तो शेष भारत हिंदुस्तान ही कहलाएगा, हिंदू राष्ट्र ही होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ बातें कहना चाहता हूं। जैसे..
- डॉक्टर अंबेडकर ने जिस संविधान को अंतिम रूप दिया, उसमें वक्फ बोर्ड नाम की कोई चीज नहीं थी, आज है।
- मूल संविधान में मुस्लिम पर्सनल लॉ नहीं था, अल्पसंख्यक बोर्ड नहीं था, धारा 370 का जिक्र नहीं था, बाद में जोड़ा।
- मदरसों को सरकारी पैसा नहीं दिया जाता था। मौलवियों को आज सरकारी खजाने से वेतन दी जा रही है।
- मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता तक नहीं है। हिंदू दूसरा विवाह करेगा तो अपराध होगा। मुसलमान चार कर सकते हैं और संविधान अब कुछ नहीं बोल रहा।
Source link