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The Village Review: खूनी राजदार कहानी, आर्या की डेब्यू का कॉन्सेप्ट मजबूत, लेकिन ओवरड्रामे में बिगड़ा ट्रैक

मुंबई. दर्शकों को हंसाने जितना ही मुश्किल डराना है. बेहतर कॉन्सेप्ट के साथ लोगों को बांधे रखना और हर सीन के साथ डर पैदा करना आसान नहीं है. हॉरर के तड़के के साथ अमेजन प्राइम वीडियो पर वेब सीरीज ‘द विलेज’ इस हफ्ते रिलीज हुई है. इसके जरिए तमिल एक्टर आर्या ने ओटीटी की दुनिया में कदम रखा है. 6 एपिसोड वाली यह सीरी​ज एक नया कॉन्सेप्ट थ्रिल के साथ दर्शकों के सामने परोसती है.

‘द विलेज’ अश्विन श्रीवतसंगम, विवेक रंगाचारी और शमिक दासगुप्ता के ग्राफिक नॉवल पर आधारित है. अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई यह 6 एपिसोड की सीरीज है. सीरीज में तमिल एक्टर आर्या, जो डॉक्टर की भूमिक में है पर आधारित है. वह अपने परिवार के साथ रोड ट्रिप पर निकलता है और फिर कहानी में रोमांच जुड़ता है.

कहानी: डॉ. गौतम सुब्रहमण्यम यानी आर्या पत्नी नेहा (दिव्या पिल्लई), बेटी माया (बेबी आजिया) और डॉग हेक्टिक के साथ रोड ट्रिप पर निकलते हैं. रोड पर एक्सीडेंट होने के कारण एक लंबा जाम लग जाता है. इसके बाद ​जीपीएस पर नेहा दूसरा रूट देखती हैं और वे उस रास्ते से हाईवे के लिए निकल पड़ते हैं. लेकिन सुनसान रास्ते से होते हुए परिवार Kattiyal गांव पहुंच जाता है, जिसे हॉन्टेड विलेज कहा जाता है. गाड़ी पंचर होती है और परिवार भूतिया गांव में फंस जाता है. इसके बाद कई रोमांचक मोड़ लेते हुए कहानी आगे बढ़ती है.

खा​स बात: फिल्म की कहानी की शुरुआत बरसाती रात के साथ शुरू होती है. एक प्रेग्नेंट महिला और उसके परिवार के साथ हादसा होता है. Kattiyal गांव में परिवार के सदस्य बड़े भयानक तरीके से मरते हैं और यही फिल्म का सबसे इम्प्रेसिंग सीन है, जो रोंगटे खड़े कर ​देता है. पहले एपिसोड से कहानी का फ्लो बन जाता है और इसका कॉन्सेप्ट काफी अच्छा है. शुरुआत में सीरीज डराने के साथ ही मिस्ट्री क्रिएट करती है. फिल्म के मेकअप डिपार्टमेंट की यहां तारीफ करनी होगी, जिन्होंने कल्पना से परे काम किया है.

लूज पॉइंट: फिल्म में क्रिएचर का एक खास कॉन्सेप्ट दिखाया गया है और इसके पीछे की वजह भी खास है. लेकिन जैसे जैसे एपिसोड आगे बढ़ते हैं इसमें बोरियत मिक्स होने लगती है. डराने के फेर में ओवरड्रामा डाला गया है, जो एक पॉइंट पर आकर परेशान करता है. जंगल में नियोन कलर प्लांट, जानवर और कुछ सेट मैच नहीं खाते. वहीं, हॉरर का म्यूजिक थ्रिल पैदा करने के लिए सबसे मजबूत कड़ी है लेकिन यहां मेकर्स मात खा गए.

आर्या के पास करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है. कहानी को बढ़ाने में उनका कंट्रीब्यूशन नजर नहीं आता. कलाकारों ने एक्टिंग सही की है लेकिन स्क्रिप्ट उन्हें ओवरड्रामा करने पर मजबूर करती है. अच्छे कॉन्सेप्ट के लिहाज सीरीज एक बार देखी जा सकती है.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Horror films, South cinema, Web Series


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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