बागियों से तंग कांग्रेस-भाजपा: राजनगर में त्रिकोणीय संघर्ष में फंसते दिख रहे बीजेपी के युवा नेता, घासीराम बने बड़ी चुनौती…

पिता के लिए वोट की गुजारिश करता भाजपा प्रत्याशी का बेटा प्रियम
छतरपुर जिले की राजनगर विधान सभा सीट में परिसीमन बाद से तीन बार के अजेय विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम सिंह (नाती राजा) और भाजपा छोड़ बसपा प्रत्याशी बने घासीराम पटेल और बीजेपी के लोकप्रिय युवा नेता अरविन्द पटेरिया जो पिछला चुनाव महज ७२९ वोटों से नाती राजा से हार गए थे के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है. आज की स्थिति में अरविन्द और नाती राजा के बीच कड़े मुकाबले में हाथी भी जोर मारता दिख रहा है।
परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई राजनगर विधानसभा सीट बनने से जिले में कुछ 6 विधान सभा सीट हो गई थीअभी तक हुए तीन विधानसभा चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है यहां से छतरपुर रियासत के महाराज कुंवर विक्रम सिंह( नाती राजा) जीतते आए है।2023 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो फिलहाल टक्कर भाजपा, कांग्रेस और बसपा तीनों में दिखाई दे रही है।
छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त भितरघात का खेल चल रहा है टिकिट ना मिलने से नाराज नेता या तो दूसरे दल से चुनाव लड़ रहे है या पार्टी में रहकर ही भितरघात करने में लगे हुए हैं। भाजपा से बागी हुए घासीराम पटेल बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे है। घासीराम पटेल को भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया से नाराज चल रहे भाजपाइ नेताओं का भरपूर समर्थन प्राप्त है। जो खुलकर तो सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन अपना तन मन और धन घासीराम को जीतने के लिए लगाए हुए हैं, इतना ही नहीं पटेल बाहुल्य इस क्षेत्र में घासीराम पटेल को सजातीय होने की वजह से इन्हें अच्छा समर्थन मिल रहा है।
#वहीं कांग्रेस से टिकिट की मांग कर रहे शंकर प्रताप सिंह (मुन्ना राजा) को पार्टी ने टिकिट ना देकर पुनः वर्तमान विधायक विक्रम सिंह नाती राजा को मैदान में उतारा है। जिससे सिर्फ मुन्ना राजा के समर्थक नाराज़ हैं, लेकिन वह नाती राजा का सपोर्ट तो नहीं कर रहे हैं लेकिन खुलकर नाती राजा का विरोध करने की हालत में भी नहीं दिख रहे हैं। इसके बावजूद विक्रम सिंह नाती राजा को किस्मत का धनी माना जाता है इसलिए उन्हें भी कमजोर नहीं आँका जा रहा है । उनके बारे में कहा जाता है कि वह यदि किसी का भला नहीं कर सकते तो बुरा भी नहीं करते हैं। अपनी साफ और स्वच्छ छवि के कारण उनकी लोकप्रियता तीन विधानसभाओं से लगातार बनी हुई है। हाल ही में ओबीसी वर्ग के नेता बबलू कुशवाहा, कमलनाथ और प्रियंका गांधी के समक्ष दमोह रैली के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए हैं। जिससे ओबीसी वर्ग में भी कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो चुकी है।
कुल मिलाकर राजनगर विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला अरविन्द पटैरिया, नाती राजा और घासीराम के बीच में बना हुआ है। परिणाम तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि राजनगर विधानसभा का ताज किसके सर सजेगा। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के करीबी युवा नेता अरविन्द पटेरिया को घेरने विरोधी सामंतवादी ताकतें कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिससे फिलहाल मुकाबला बड़ा ही रोचक हो गया है।
पिता के लिए वोट की गुजारिश करता बेटा प्रियम
छतरपुर राजनगर विधान सभा का चुनाव बड़ा दिलचस्प होता जा रहा हैभारी विरोध झेल रहे भाजपा उम्मीदवार अरविंद पटैरिया के पक्ष में प्रचार और वोट की गुजारिश करता उनका तेरह वर्षीय बेटा प्रियम भी डटा नजर आया है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इन दोनों अब दिनों दिन जोर पकड़ता नजर आ रहा है कहीं पति के लिए पत्नी वोट मांगती नजर आ रही है, तो कहीं पत्नी के लिए पति वोट मांग रहे हैं। वहीं छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा में अपने पिता अरविंद पटैरिया के लिए बेटा प्रियम पटैरिया की तस्वीर सामने आईजो अपने पिता भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटैरिया के लिए गांव गांव जाकर वोट मांग रहा है और लोगों से बीजेपी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहा है। प्रियम को लोगों का आशीर्वाद भी मिल रहा है यह 13 साल का प्रियम इन दिनों राजनगर विधानसभा में बीजेपी के लिए एक स्टार प्रचारक का काम कर रहा है।