723 MBBS डॉक्टर, 7492 नर्स, 1512 फार्मासिस्ट की कमी… कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

बेंगलुरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य में 16,000 से अधिक चिकित्सा पेशेवरों की कमी पर राज्य और केंद्र सरकारों को नोटिस जारी किया. उच्च न्यायालय ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा किए गए एक अध्ययन पर आधारित एक अखबार की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था और रजिस्ट्रार जनरल को जनहित याचिका दायर करने का निर्देश दिया था.
जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रसन्न बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ ने नोटिस जारी किया और सुनवाई स्थगित कर दी. जनहित याचिका में सरकार को चिकित्सकों के लिए सभी रिक्तियों को भरने और स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर बजटीय आवंटन को लागू करने की रणनीतियों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
जनहित याचिका में कहा गया, “कर्नाटक में स्वास्थ्य सेवाएं बेहद खराब स्थिति में हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में. महामारी में चिंताजनक वृद्धि के साथ राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो जाएंगी जिनमें कर्मचारियों की कमी है और रोगियों की वृद्धि को संभालने के लिए अपर्याप्त उपकरण हैं.”
फिक्की की रिपोर्ट “एक हजार खरब डॉलर अर्थव्यवस्था कर्नाटक दृष्टिकोण” में 454 ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी का उल्लेख किया गया था. रिपोर्ट में 723 एमबीबीएस डॉक्टरों, 7,492 नर्सों, 1,517 लैब तकनीशियनों, 1,512 फार्मासिस्टों, 1,752 परिचारकों और 3,253 ग्रुप डी कर्मचारियों की कमी का उल्लेख किया गया है.
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Tags: Karnataka, Karnataka High Court
FIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 21:40 IST
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