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इस सरकारी स्कूल में लगती है बच्चों की भीड़, खिचड़ी खाने नहीं, पढ़ने आते हैं बच्चे

पंकज कुमार प्रजापति/सागर: भारत सरकार ने देश के हर बच्चे को साक्षर करने के लिए कई स्कूल खोले. अच्छे इंटेंशन से खोले गए ये स्कूल कब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, पता ही नहीं चला. इन स्कूलों में पढ़ाई के अलावा हर काम होता नजर आया. कहीं शिक्षक भाली में घोटाला, कभी मिड डे मील में फ्रॉड. लेकिन कुछ स्कूलों ने मिसाल कायम कर दी. इन स्कूलों ने अपना उद्देश्य बखूबी पूरा किया. ऐसे ही स्कूलों में शामिल है सागर के मढपिपरिया का माध्यमिक शाला.

सागर से अस्सी किलोमीटर दूर बना ये स्कूल चर्चा में है. जहां इस समय ठंड की वजह से बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं, वहीं इस स्कूल में स्टूडेंट्स की भीड़ लगी है. वजह है यहां का क्रिएटिव माहौल. मढपिपरिया का माध्यमिक शाला हमेशा से बच्चों को नए और इंट्रेस्टिंग तरीकों से पढ़ाने की कोशिश करता है. इस पहल में अब स्कूल की बाहरी दीवारों को ट्रेन का रुप दिया गया है. इस नई पहल के बाद लोगों के बीच ये स्कूल रेलगाड़ी वाले स्कूल के तौर पर फेमस हो गया है.

बाहर से रेलगाड़ी सा है रुप
इस स्कूल को अपने अनोखे पढ़ाने के ढंग की वजह से जाना जाता है. यहां समय-समय पर कई तरह के एक्सपेरिमेंट किये जाते हैं, ताकि बच्चों का पढ़ाई में इंट्रेस्ट बना रहे. इसी कड़ी में अब इस स्कूल की बाहरी दीवार पर ट्रेन की पेंटिंग बनाई गई है. इसे देखने से ऐसा लगता है जैसे बच्चे ट्रेन के अंदर पढ़ाई कर रहे हैं. इस अनोखे पहल के बाद यहां बच्चों की भीड़ उमड़ने लगी है.

इंट्रेस्ट बढ़ाने का तरीका
विद्यालय को जहां बाहर से ट्रेन का रुप दिया गया है, वहीं अंदर की दीवारों पर सामान्य ज्ञान की जानकारी सहित मैथ्स के फॉर्मूले, विज्ञान के रोचक तथ्य, बच्चों की उपलब्धि, देश प्रदेश की रोचक जानकारियां, जिले का नक्शा, महाद्वीप, आदि चित्रित किये गए हैं. इनसे बच्चों के लिए सीखने का एक अलग ही माध्यम बनता है. स्कूल के शिक्षक अशोक राजौरिया बताते है कि बच्चों के अंदर ज्ञान की अलख जगाने के लिए ये एक्सपेरिमेंट किये जाते हैं. ताकि बच्चों का पढ़ने में इंट्रेस्ट बना रहे.

Tags: Government School, Madhya pradesh news, Sagar news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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