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पुलिस ने आलू में ढूंढ निकाली दारू, एसपी ने थपथपाई पीठ, जानें क्या है पूरा मामला, कहां हुआ ये सब?

हाइलाइट्स

जालोर पुलिस को मिली बड़ी सफलता
अवैध अंग्रेजी शराब से भरा ट्रक पकड़ा

रेवाराम रावल.

जालोर. राजस्थान की जालोर पुलिस ने अवैध शराब की बड़ी खेप बरामद कर एक तस्कर को गिरफ्तार किया है. यह शराब आलू की बोरियों के नीचे छिपाकर गुजरात ले जाई जा रही थी. लेकिन राजस्थान बॉर्डर पार करने से पहले ही जालोर पुलिस ने उसे तस्कर को पकड़ लिया. जब्त की गई शराब पंजाब में निर्मित है. पुलिस ने आलू की बोरियों से भरे ट्रक से अंग्रेजी शराब के करीब 800 कार्टन बरामद किए हैं. पुलिस तस्कर के माफियों से जुड़े तारों को जोड़ने में लगी है.

पुलिस के अनुसार अवैध शराब और तस्कर पकड़ने की यह कार्रवाई जालोर जिले के चितलवाना पुलिस थाना इलाके में की गई है. चितलवाना और भीनमाल पुलिस थाना पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. यहां पुलिस ने शनिवार रात को पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन के निर्देश पर फाफरिया हनुमान मंदिर के पास एक ट्रक को शक के आधार पर रोककर उसकी तलाशी ली. ट्रक चालक ने बताया कि वह आलू की बोरियां लेकर जा रहा है. लेकिन पुलिस को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ.

ट्रक में आलू की बोरियों के नीचे 800 कार्टन अंग्रेजी शराब भरी हुई थी.

इस पर पुलिस ने ट्रक की तलाशी. पुलिस को तलाशी के दौरान ट्रक में आलू की बोरियों के नीचे अंग्रेजी शराब के कार्टन मिले. इस पर पुलिस ने शराब को जब्त कर ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया. ट्रक में आलू की बोरियों के नीचे शराब के करीब 800 कार्टन रखे हुए थे. यह शराब पंजाब में बनी हुई है. इसे राजस्थान के रास्ते गुजरात ले जाया जा रहा था. बरामद शराब की कीमत लाखों रुपये में है. पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर शराब माफियाओं तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.

उल्लेखनीय है पंजाब और हरियाणा राज्य से बड़ी मात्रा में अवैध शराब गुजरात ले जाई जाती है. इसके लिए शराब तस्कर राजस्थान के अलग-अलग रास्तों का उपयोग करते हैं. राजस्थान गुजरात बॉर्डर पर पुलिस कई बार अवैध शराब से भरे ट्रक जब्त कर चुकी है. लेकिन वह अभी तक माफियायों तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस के हाथ हर बार छोटे-मोटे करियर तस्कर ही लग पाते हैं.

Tags: Crime News, Illegal liquor, Liquor Mafia, Rajasthan news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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