अजब गजब

आखिर स्वाति मालीवाल वहां गई क्यों थीं? विभव के वकील ने पूछा बड़ा सवाल, जानें कोर्ट में क्या-क्या हुआ

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स्वाति मालीवाल केस में कोर्ट का फैसला आज

स्वाति मालीवाल से मारपीट और अभद्रता के मामले में आज आरोपी विभव कुमार की कोर्ट में पेशी हुई और मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में विभव कुमार के वकील और दिल्ली पुलिस ने अपनी-अपनी बातें रखीं और दोनों पक्षों में जमकर बहसबाजी हुई। इस सुनवाई के बाद कोर्ट आज शाम 5.45 बजे इस मामले में फैसला सुनाने वाला था लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने विभल कुमार की पुलिस कस्टडी के मामले में आज फैसला सुरक्षित रख लिया है। तो क्या विभव की बढ़ेंगी मुश्किलें या फिर स्वाति को मिलेगा न्याय, ये देखने वाली बात होगी।

जानिए आज क्या-क्या हुआ कोर्ट में-

दिल्ली पुलिस-टॉर्चर का आरोप गलत है जब पहली बार कस्टडी के बाद पेश किया गया था तो कोर्ट ने पूछा था.. और परिवार के सदस्यों को मिलने की इजाजत दी गई थी। 

विभव के वकील- अगर फोन फॉर्मेट हुआ है तो ये एफआईआर के अंदर तो दर्ज नहीं है। यहां एफआईआर तुरंत नही दर्ज हुई है।.. मोबाइल आपके कब्जे मे है उससे भी डिलीटेड डाटा है आप रिट्रीव करा लीजिए एक आरोपी अपने खिलाफ  सबूत क्यों बनाएगा। 

दिल्ली पुलिस- पासवर्ड बता दीजिए।


विभव के वकील- संविधान के अनुच्छेद 23 ने हमे प्राईवेसी का अधिकार दिया है.. यही से पुलिस का टॉर्चर शुरू होता है। पॉलीग्राफी, नार्को,ब्रेन मैपिंग पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। 

एक झूठ को साबित करने के लिए ये कस्टडी मांगी जा रही है।

 दिल्ली पुलिस के वकील- विभव ने घटना का वीडियो बनाया.है और आरोपी विभव ने कबूल किया है कि उसने अपना फोन फॉर्मेट किया है। 

दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमको बिभव के दूसरे फोन का पता करना है,हमको पता करना है क्या उसने घटना का वीडियो बनाया था या नहीं

पुलिस विभव को लेकर कोर्ट पहुंची, देखें वीडियो

विभव के वकील- जो एविडेंस क्रियेट की जा रही है डे बाई डे उसको लेकर हमारी चिंता है। सबकुछ 16 के बाद शुरू होता है। टेंपर किया या नही किया डीवीआर आपके कब्जे में है। डिलीट शब्द बहुत कॉमन है.. कोर्ट के पास रिकॉर्ड है डिलीटेड डाटा वापस आ सकता है इसके लिए कस्टडी की क्या जरूरत… पुलिस चाहती.है कि हम कस्टडी मे रखे़गे जो चाहेंगे जबरन कहलवा लेंगे।

 विभव के वकील- मेरी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है या मै न्यायिक हिरासत मे रहू या पुलिस कस्टडी में मै सबूतों से दूर ही रहूंगा फिर पुलिस कस्टडी की क्या जरूरत…

जो चोट लगी है वो 16 तारीख की मेडिकल रिपोर्ट मे आई है और वो चोट मैने पहुंचाई है या पहले से थी इसकी कोई जांच नहीं हुई है।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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