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Cyclonic storm: कैसे बनते हैं चक्रवाती तूफान! किसने रखा ‘तेज’ का नाम, कितनी होगी तबाही? जानें सबकुछ

नई दिल्‍ली. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अरब सागर में सोमवार रात एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है जो चक्रवाती तूफान में तब्‍दील हो सकता है. अगर ये तूफान बनेगा तो इसका नाम ‘तेज’ होगा. इसके पहले जो तूफान आया था उसका नाम बिपरजॉय रखा गया था. इससे भारत के महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, गुजरात के अलावा पाकिस्‍तान के तटीय क्षेत्रों में तबाही मची थी. मौसम विज्ञान एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि अरब सागर के दक्षिणपूर्वी हिस्सों पर चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बन रही है.

नए तूफान तेज को लेकर बड़ी आशंकाएं जताई गई हैं और कहा जा रहा है कि इससे भयंकर तबाही मच सकती है. इस अलर्ट के बाद एजेंसियों ने अरब सागर की हलचलों पर निगरानी बढ़ा दी है. दरअसल, प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेटवेदर ने कहा है कि भूमध्यरेखीय क्षेत्र के बगल में अरब सागर के दक्षिणपूर्वी हिस्सों में स्थितियां बन रही हैं, जहां सकारात्मक आईओडी और मामूली रूप से अनुकूल एमजेओ के कारण गर्म हिंद महासागर में एक साथ मिलकर शीघ्र ही एक चक्रवाती विक्षोभ पैदा कर सकता है.

कैसे बनते हैं साइक्‍लोनिक स्‍टॉर्म
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि साइक्‍लोनिक स्‍टॉर्म गोलाकार तूफान हैं और ये समुद्र की गर्म सतह के ऊपर बनते हैं. भूमध्‍यरेखा के उस हिस्‍से जहां सूर्य की सीधी किरणे पड़ती हैं; वहां समुद्र का पानी अपेक्षाकृत गर्म हो जाता है. जब इसका तापमान 25-26 डिग्री तक पहुंच जाता है तो साइक्‍लोन बनने की आशंका बढ़ जाती है. एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि भारत जैसे गर्म इलाकों में साइक्‍लोन बनते हैं.

समुद्र का तापमान बढ़ने से साइक्‍लोन की आशंका
जब समुद्र का तापमान बढ़ता है तो उसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और यहां की आर्द्रता के कारण हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. इससे उस स्‍थान को भरने के लिए आसपास की हवा पहुंचती है, चूंकि नीचे की तरफ एयर प्रेशर कम हो जाता है. जैसे ही यहां ठंडी हवा पहुंचती है; वे भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है. यह चक्र एक बार शुरू होता है तो फिर यह लगातार बढ़ता जाता है और इससे बादल बनने लगते हैं. यह समुद्र में एक गोलाकार तूफान की तरह नजर आते हैं और इसे साइक्‍लोन कहते हैं.

भारत समेत 13 देश बारी- बारी देते हैं चक्रवाती तूफानों को नाम 
अमेरिका में आने वाले तूफानों का नामकरण 1953 से शुरू हुआ जबकि हिंद महासागर में इसकी शुरुआत 2004 में हुआ. यहां भारत समेत 13 देश हैं जो बारी-बारी से तूफान को नाम देते हैं. इनमें भारत, बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, ओमान, सऊदी अरब, पाकिस्‍तान, श्रीलंका, ईरान, कतर, यूएई, थाईलैंड और यमन शामिल हैं. संयुक्‍त राष्‍ट्र की वर्ल्‍ड मेट्रोलाजिकल आर्गेंनाइजेशन ने इसके लिए नियम तय किए हैं. इसमें केवल उन्‍हीं तूफानों का नामकरण होता है जिनकी गति कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा हो.

अगले तूफान को भारत ने ‘तेज’ नाम दिया, कई नाम हैं सूची में शा‍मिल
2017 में बांग्‍लादेश ने तूफान को ओखी नाम दिया था और इसके बाद सोमालिया में आए तूफान को भारत ने गति नाम दिया था. अब 2023 में आए चक्रवाती तूफान को बांग्‍लादेश ने बिपरजॉय नाम दिया था और इसके बाद आने वाले तूफान का नाम भारत ही तय करेगा. भारत ने अगले तूफान को ‘तेज’ नाम दिया है. भारत ने आगामी तूफानों के लिए कई नाम प्रस्‍तावित किए हैं जिनमें मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलधि और वेग शामिल हैं.

Tags: Cyclone, Cyclone Biparjoy, Cyclone updates, Cyclonic storm


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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