मध्यप्रदेश

Terror of jackals in Amla | आमला में सियारों की दहशत: कॉलोनियो और आम रास्तों पर दिखाई पड़ रहे झुंड, वन विभाग ने पीछा न करने की अपील की – Betul News

आमला के रिहायशी इलाकों में सियारों के झुंड की चहलकदमी से दहशत का माहौल है। ये सियार कॉलोनियों में घूम रहे हैं, जबकि आमला के मुख्य मार्ग पर भी कई बार आने जाने वालों से उनका सामना हुआ है। वन विभाग इसे सामान्य घटनाक्रम बता रहा है। विभाग ने खुले में भोजन

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समाजसेवी मनोज विश्वकर्मा के मुताबिक सियारों का यह झुंड मुख्य मार्गों के आसपास दिखाई दे रहा है। कई बार यह आने जाने वालों के रास्ते में खड़ा हो जाता है। जिससे लोगों में डर का माहौल है। यह पास में ही झाड़ियों में रहते हैं। रात करीब दस बजे से इनकी चहलकदमी बढ़ जाती है। इस बारे में वन विभाग को भी सूचना दी गई है, लेकिन अब तक कोई प्रभावी उपाय नहीं किया गया है।

इधर वन विभाग के रेंजर आरएस उईके के मुताबिक सूचना मिलने के बाद हमारी टीम लगातार गश्त कर रही है। यह सियार है। अक्सर लोग बाहर खाना डाल देते है। ये उन्हें खाने आते हैं। लोग उनके पीछे टॉर्च लेकर दौड़ रहे हैं। ऐसे में वन्य प्राणी हिंसक हो जाता। बाइक लेकर पीछा करते। वे इन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे। लोगो से अपील है की वे इनका पीछा न करे।

इंसानों के लिए हो सकते हैं खतरनाक

सियार खुले इलाकों में रहते हैं। वे रात में घूमने वाले जानवर हैं जो आमतौर पर दिन में झाड़ियों या झाड़ियों में छिप जाते हैं और शाम को शिकार करने के लिए निकल पड़ते हैं। वे अकेले, जोड़े में या झुंड में रहते हैं और जो भी छोटे जानवर, पौधे या सड़ा हुआ मांस उपलब्ध होता है, उसे खाते हैं।भेड़िया और सियार एक ही वंश के हैं लेकिन दोनों बिल्कुल अलग-अलग प्रजातियां हैं।

सियार कैनाइन परिवार की एक छोटी से मध्यम आकार की प्रजाति है। लगभग चार प्रजातियां हैं जिन्हें सियार कहा जाता है। साइड-स्ट्राइप्ड, गोल्डन, सिमीयन और ब्लैक-बैक्ड सियार ये चार प्रजातियां हैं। सियार आमतौर पर इंसानों से बचते हैं। हालांकि, अगर वे खुद को खतरे में महसूस करें तो काट सकते हैं। जंगली जानवरों से दूरी बनाए रखना ही सबसे अच्छा उपाय है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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