अजब गजब

सिविल सेवा में धूम मचाने के बाद बिहार का लाल बना मशहूर उपन्यासकार, अपनी लेखनी से कर रहा लोगों के दिल पर राज

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अभिषेक तिवारी/ दिल्ली: काम के साथ-साथ लिखना-पढ़ना एक बड़ी चुनौती होती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे हैं जो 1997 बैच के IRTS (भारतीय रेलवे यातायात) ऑफिसर हैं और वर्तमान में रेल मंत्रालय में कार्यरत हैं. जी हैं हम बात कर रहे हैं मुकुल कुमार की जो एक दशक से भी अधिक समय से खुद को लिखित शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करने के जुनूनी हैं. ऐसा एक भी दिन नहीं गुजरता है, जिस दिन वह कोई कविता न लिखते हो या किसी कहानी को एक साथ ना जोड़ते हों.

आईएएस अफसर मुकुल कुमार ने बताया कि लेखन एक कला है, जो ईश्वर की देन है, जिसे आप लेकर ही पैदा होते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं बचपन से ही कविताएं लिखा करता था, स्कूलों में अनायास जो भी शब्द और वाक्य दिमाग में आते थे उन्हें अपने नोट्स में उतार लिया करता था. इस सिलसिले को मैंने आज तक जारी रखा है. मैंने अपने पैशन को कभी नहीं छोड़ा. क्योंकि मैं सोचता हूं कि कला प्रकृति की देन है और इसके लिए प्रकृति ने मुझे चुना है’.

कई किताबों का प्रकाशन
आपको बता दें कि मुकुल कुमार अब तक चार नॉवेल लिख चुके हैं. उनकी प्रकाशित कृतियों में चार उपन्यास, ‘एज़ बॉयज़ बिकम मेन’ (रूपा प्रकाशन), सेडक्शन बाय ट्रुथ’ (ब्लूम्सबरी, भारत) और आरज़ू-अरशान (ई-बुक) और तीन काव्य संकलन- ‘द इर्रेप्रेसिबल इकोज़’, ‘कैथार्सिस’ और ‘खंडहरों की लय’ शामिल है. इन दिनों उनका नया नॉवेल ‘लॉस्ट इन द लव मेज़’ काफी सुर्खियां बटोर रहा है.

मुकुल कुमार की किताब- लॉस्ट इन द लव मेज़

नए-नए लेखकों को दी सलाह
नए लेखकों के लिए मुकुल कुमार ने बताया कि फैशन में आकर नहीं लिखना चाहिए, कलम आप तभी उठाइए जब आपको कहने के लिए ऐसी कोई चीज हो. जिसे बिना कहे आप नहीं रह पाएंगे और इसे आप अपने हृदय और आत्मा से लिखिए और समाज को आप ऐसी चीज दीजिए, जिसे सिर्फ आप ही दे पाएंगे. ये बैचेनी है, आप तभी कलम को पकड़िए और दूसरी बात आप महान साहित्यकारों को ज़रूर पढ़ें. क्योंकि इससे आपकी इमेजिनेशन पावर और बढ़ेगी, आप समाज को कुछ नया और अच्छा दे पाएंगे.

राष्ट्र निर्माण करना हमारा लक्ष्य
स दूसरी तरफ आपको राष्ट्र सेवा करने का मौका मिलता है. जिसके जरिए आप लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘ मैं बिहार से ताल्लुक रखता हूं. बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यों में सिविल सर्विसेज का बहुत ज्यादा क्रेज है. वह कहीं ना कहीं प्रेरणा का एक स्रोत है, जिसने मुझे सिविल सर्विसेज में लाया’.

हर युवा करे सिविल सर्विसेज की तैयारी
सिविल सर्विसेज में आने वाली युवाओं के लिए मुकुल कुमार ने बताया कि युवाओं को ग्रेजुएशन के बाद ही इस एग्जाम को दे देना चाहिए. ज्यादा कुछ नहीं सोचना चाहिए और अगर आपके पास पैशन और धैर्य है. तभी आपको इस क्षेत्र में आना चाहिए. मेरा मानना है कि हर युवा को कम से कम एक साल यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि इस तैयारी से आप को बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है. ज्यादा जानकारी के लिए www.mukulkumar.co.in पर ले सकते हैं.

Tags: Success Story, Upsc exam

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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