अजब गजब

कमाल है ये किसान! दिल्ली की नौकरी छोड़कर शुरू की फूलो की खेती, आज 2 रूपए के पौधे से कमा रहे लाखों

राहुल मनोहर/ सीकर. किसान अब वर्तमान समय में आधुनिक खेती की ओर आगे बढ़ रहा है. राजस्थान में पानी की समस्या के कारण किसान बारिश के पानी से खेती करते हैं. पूर्व के समय से होती आ रही परंपरागत खेती को छोड़कर युवा किसान अब नई तरीके की खेती को अपना रहे हैं और वे लाखों रुपए कमा कर अपने जीवन में भी बदलाव ला रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसे उन्नत किसान के बारे में बताएंगे जिसने मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर नौकरी करने के बाद भी उस फील्ड को छोड़कर खेती करने की ठानी. किसान ने परंपरागत खेती को छोड़कर कुछ नई तरीके की खेती की उसी का नतीजा रहा कि वे 4 बीघा में उन्नत खेती कर सालाना 6 लाख रुपए से भी अधिक की कमाई कर रहे हैं.

सीकर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर डांसरोली ग्राम पंचायत के राजस्व गांव प्रेमपुरा में जवान सिंह दूण नाम के एक किसान है. जवान सिंह ने सीकर से 2014 में अपनी मेडिकल (नर्सिंग) की पढ़ाई पूरी कर ली थी. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जयपुर के एक बड़े अस्पताल में 1 साल तक काम किया. जयपुर में बेहतरीन काम करने के कारण दिल्ली में जवान सिंह को कैट्स एंबुलेंस में नौकरी मिल गई हालांकि यह नौकरी उन्हें संविदा पर मिली थी. दिल्ली में रहते हुए उन्होंने लगभग 6 महीने तक एंबुलेंस में नौकरी की. अधिक मेहनत और पैसे कम मिलने के कारण जवान सिंह ने यह नौकरी भी छोड़ दी और वे अपने गांव प्रेमपुरा वापस आ गए.

गांव आकर फूलों की खेती शुरू की
मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद भी उन्हें अच्छा काम नहीं मिलने के कारण जवान सिंह काफी निराश थे. वे करीब 4 से 5 महीने तक अपने घर पर रहते हुए खेती के कार्य में अपने पिताजी की मदद किया करते थे. ऐसे में उन्हें आइडिया आया कि क्यों न परंपरागत खेती को बदलकर कुछ नई तरीके की खेती की जाए जिससे आय में बढ़ोतरी हो. जवान सिंह ने हमें बताया कि उन्होंने इंटरनेट पर आधुनिक खेती के बारे में काफी अधिक पड़ताल की उन्होंने, 15 दिन तक इंटरनेट पर आधुनिक खेती के बारे में सर्च किया और आधुनिक खेती करने वाले किसानों से जाकर मिले. अंत में उन्होंने फूलों की खेती करने की ठानी इसका कारण यह था कि बहुत कम समय और कम मेहनत से अच्छी कमाई की जा सकती थी.

फूलों की खेती में लाखों की कमाई
जवान सिंह ने बताया कि 2 महीने की मेहनत के बाद फूलों लायक मिट्टी तैयार की और अनुकूल वातावरण अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह) देखकर फूलों के पौधे लगाए. किसान जवान सिंह ने गेंदे के फूल की उन्नत किस्म के पौधे कोलकाता से मंगवाए थे. इसकी कीमत मात्र 2 रूपया थी. यह पौधे शेखावाटी क्षेत्र के गेंदे के फूल से काफी ज्यादा अलग थे यही कारण था कि यह फूल दिखाने में अलग होने से बाजार में इनकी कीमत भी अधिक मिलती रही है. करीब 2 महीने की मेहनत के बाद गेंदे के फूल के पौधे बड़े हुए तो मंडी के व्यापारियों ने खुद उनके घर आकर उनसे फूल खरीद कर ले जाने लगे ऐसे में शुरुआती समय में जवान सिंह को 1 साल में फूलों की खेती से 3 लाख रुपए मिले.

गेंदे की फूलों की खेती से 6 लाख का हुआ फायदा
जवान सिंह ने बताया कि वे फूलों की खेती बारिश के पानी से करते हैं. जमीन में खारा पानी होने की वजह से किसी तरह की फसल की बुवाई नहीं होती है तो फूलों की खेती के लिए उन्होंने बूंद बूंद सिंचाई तकनीक का इस्तेमाल किया. वे दो से तीन दिन में फूलों के पौधों में पानी देते हैं. ऐसे में कम पानी और अधिक मेहनत से अच्छी खासा मुनाफा उन्हें मिल जाता है. जवान सिंह को इस बार गेंदे की फूलों की खेती से 6 लाख रुपए का फायदा हुआ है.

4 सालों से जवान कर रहा है खेती
जवान सिंह पिछले 4 सालों से गंदे की फूलों की खेती कर रहे हैं. ऐसे में लगातार बढ़ते मुनाफे और घाटे की कम संभावनाओं के चलते वे गंदे की खेती का और अधिक विस्तार कर लिया है. जवान सिंह ने बताया कि उनके पास करीबन 30 बीघा जमीन है. इससे पहले वे 20 बीघा में गेहूं और जो सहित अन्य फसल की खेती किया करते थे. वहीं 10 बीघा में फूलों की खेती, खीरे की खेती और पोली हाउस आदि का उपयोग में लेते थे. लेकिन, फूलों की खेती में लगातार मिलते मुनाफे के कारण वह अब 20 बीघा क्षेत्र में फूलों की खेती करेंगे.

Tags: Agriculture, Local18, Sikar news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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