Janmashtami today: 100 crore ornaments will enhance Radha-Krishna’s beauty | सिंधिया कालीन इन गहनों में जड़े हैं बेशकीमती हीरा, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम

ग्वालियर44 मिनट पहले
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गोपाल मंदिर में बेशकीमती गहनों से सजे राधा-कृष्ण (फाइल फोटो)
- आज सुबह विशेष सुरक्षा में बैंक लॉकर से लाए जाएंगे गहने
ग्वालियर में आज (गुरुवार) को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। जब जन्माष्टमी की बात हो और शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर और राधा-कृष्ण के 100 करोड़ के बेशकीमती गहनों का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। जन्माष्टमी पर ग्वालियर के गोपाल मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण 100 करोड़ के गहनों से सिंगार करते हैं। सिंधिया रियासत के समय के इन सोने के गहनों में हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्न जड़े हैं।
यह गहने एंटिक हैं। इन्हें साल भर बैंक के लॉकर में विशेष सुरक्षा में रखा जाता है। जन्माष्टमी की सुबह उनको कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से निकालकर लाया जाता है। गुरुवार सुबह 11 बजे इनको कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से निकाला जाएगा। जिसके बाद गहनों और उनमें जड़े रत्नों की गणना करने के बाद भगवान राधा-कृष्ण को यह गहने पहनाए जाएंगे। जिसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे।
मंदिर की स्थापना 102 साल पहले हुई थी
गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और मालिक लगे हैं, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं। हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त सालभर का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहता है। इनमें विदेशी भक्त भी शामिल रहते हैं।
नगर निगम करता है गहरों और मंदिर की देखरेख
गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण पर चढ़ाए जाने वाले बेशकीमती व एंटीक गहनों का रख-रखाव और उनको बैंक से निकालने का काम नगर निगम प्रशासन के जिम्मे रहता है। गोपाल मंदिर में विराजमान राधाकृष्ण के विशेष श्रृंगार के लिए बेशकीमती गहनों को बैंक लॉकर में रखा जाता है। नगर निगम ग्वालियर के पास इनको निकालने व रखने का अधिकार है। जन्माष्टमी से पहले एक समिति बनाई जाती है, जो जन्माष्टमी की सुबह गहनों को बैंक लॉकर से निकालकर राधा-कृष्ण का शृंगार करवाती है। गुरुवार सुबह नगर निगम की समिति द्वारा यह गहने बैंक लॉकर से निकालकर लाए जाएंगे। रात भर मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता है। अगले दिन सुबह गहने निकालकर उन्हें बॉक्स में रखकर वापस बैंक लॉकर में रखवा दिया जाता है। यह पुलिस की विशेष सुरक्षा में रहता है। जब गहने निकाले जाते हैं तो 30 से 40 पुलिस जवान ट्रिपल लेयर सिक्युरिटी देते हैं।
साल 2007 से लगातार हो रहा है शृंगार
देश की आजादी से पहले तक भगवान इन जेवरातों धारण किए रहते थे, लेकिन आजादी के बाद से जेवरात बैंक के लॉकर में रखवा दिए गए। जो 2007 में नगर निगम की देखरेख में आए और तब से लेकर हर जन्माष्टमी पर इन्हें लॉकर से निकाला जाने लगा। तभी से लगातार हर जन्माष्टमी पर यह गहनों से भगवान राधा-कृष्ण सजते हैं।
यह हैं गहनों में शामिल
सोना-चांदी, माता राधा के सात लड़ी के हार में पन्ना, हीरे और माणिक जड़े हुए हैं। राधा-कृष्ण दोनों के मुकुट में हीरे के साथ ही पदम, पन्ना जड़े हैं। कृष्ण की बांसूरी सोने की है और उस पर भी हीरे लगे हैं। राधा-कृष्ण के हार में बेशकीमती नीलम, पुखराज, पन्ना, माणिक लगे हैं। पूरे गहने सोने के हैं और उनमें हीरे, मोती, पन्ना, माणिक, नीलम, पुखराज ऐसे लगे हैं जैसे आकाश में तारे चमक रहे हों।
200 से ज्यादा जवान रहेंगे सुरक्षा में
गोपाल मंदिर में 100 करोड़ रुपए के एंटीक व बेशकीमती गहनों से सजे राधा-कृष्ण की सुरक्षा और यहां दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्तों की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए 200 से ज्यादा जवान व अफसर तैनात जा रहे हैं। मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक और सड़कों तक एक सैकड़ा CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। मंदिर में ही इसका CCTV कन्ट्रोल रूम बनाया जा रहा है। जिससे मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक निगरानी रखी जाएगी।
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