Villages Made Bridge With Bamboo And Wood In Sidhi District Of Madhya Pradesh Mp News – Amar Ujala Hindi News Live

सीधी जिले में ग्रामीणों ने बांस-बल्ली से पुल बना दिया।
– फोटो : अमर उजाला
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सीधी जिले के रामपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम डिठौरा में आज भी एक ऐसा स्थान है जहां न पुल है और न ही सड़क। जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव के लोगों के लिए यहां पहुंचने का एकमात्र रास्ता एक मेढ से होकर गुजरता है, जो न तो पक्का है और न ही सुरक्षित। प्रशासन ने पुल और सड़क निर्माण न किए जाने के कारण गांव के लोगों को लंबे समय से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जन्माष्टमी के दिन गांव में एक दृश्य देखने को मिला, जिसने सभी को हैरान कर दिया। गांव के लोगों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए कई बार तहसीलदार, एसडीएम और जनपद पंचायत सीईओ को पत्र लिखा, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अंततः, ग्रामीणों ने स्वयं बांस और लकड़ी की बल्लियों का सहारा लेकर पुल का निर्माण कर लिया। इस पुल का निर्माण एक वीडियो में देखा जा सकता है, जिसमें लोग खुद को सुरक्षित रखने के लिए बांस की लकड़ियों से पुल बनाते नजर आ रहे हैं।
गांव की 100 से अधिक आबादी
डिठौरा के स्कूल टोला में लगभग 30 से 35 घर हैं, जिनमें करीब 100 से अधिक लोग निवास करते हैं। यहां अभी तक पुल का निर्माण नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने मजबूर होकर इस अस्थायी पुल का निर्माण किया। हालांकि, इस पुल से गुजरना बेहद जोखिम भरा है, और कभी भी यह एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। समाजसेवी पीयूष पांडे ने बताया कि गांव के लोगों के पास कोई सुरक्षित रास्ता नहीं था, जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने बांस और लकड़ियों से पुल बना लिया। अब लोग इसी अस्थायी पुल से होकर सामान और मोटरसाइकिल ले जाते हैं। यहां तक कि छोटे बच्चे भी इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं। इस पुल के नीचे गहरी खाई और पानी भरा हुआ है, जिससे यह और भी खतरनाक हो जाता है। अगर यह पुल टूट गया, तो लोग गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
जल्द ही समस्या का समाधान करेंगेः तहसीलदार
इस मामले में तहसीलदार रामपुर नितिन कुमार जैन से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले ही इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर नायब तहसीलदार को स्थल निरीक्षण के लिए भेजा गया है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। हालांकि, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे ग्रामीणों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
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