Success Story: इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ खरीदने लगे कबाड़ा, आज 10 करोड़ है टर्नओवर, 300 लोगों को दिया रोजगार

हाइलाइट्स
शुरूआत में दोनों ने खुद घर-घर जाकर कबाड़ खरीदने के ऑर्डर लिए.
मुंबई की इन्वेस्टर फर्म से 15 करोड़ रुपए की बड़ी फंडिंग मिली
Success Story: इंजीनियर जैसी नौकरी होने के बाद भी घरों से कबाड़ खरीदना. सुनकर अजीब लगा न. लेकिन दो युवक इसकी परवाह न करते हुए कबाड़ीवाला बन गए. आज उनके स्टार्टअप का सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है. वे खुद तो आथिक रूप से समृद्ध हैं ही और उनकी कंपनी 300 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रही है.
भोपाल के आईटी इंजीनियर अनुराग असाटी और रविंद्र रघुवंशी ने 2014 में द कबाड़ीवाला स्टार्टअप शुरू किया. उन्होंने वेबसाइट तैयार की. बहुत रिसर्च किए बिना दोनों काम शुरू कर दिया. काम करते हुए सीखते गए. धीरे-धीरे कॉल पर ऑर्डर आने लगे. कुछ महीने पहले उन्हें मुंबई की इन्वेस्टर फर्म से 15 करोड़ रुपए की बड़ी फंडिंग मिली गई. भोपाल में यह पहला मौका था जब किसी स्क्रैप बिजनेस स्टार्टअप को इतनी बड़ी फंडिंग मिली.
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कभी कॉलेज की फीस भरने के पैसे नहीं थे
अनुराग ने भोपाल के ओरिएंटल कॉलेज से इंजीनियरिंग की है. वे बताते हैं कि कभी उनके पास इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस भरने लायक पैसे भी नहीं होते थे. पहले लोन लिया. कुछ वक्त के बाद कॉलेज प्रबंधन ने फीस में छूट दे दी. इस तरह पढ़ाई पूरी की.
यहां से मिला आइडिया
अनुराग असाटी बताते हैं इजीनियरिंग के दौरान ही बस और ट्रेन में लोगों को सोशल मीडिया एप चलाते देखता था. तब मन में ख्याल आता था कि ये एप मैंने क्यों नहीं बनाए? एक दोपहर मैं कॉलेज से लौट रहा था. रास्ते में कबाड़ी को ठेला दिखा. अचानक से दिमाग में आया कि लोग हमेशा कबाड़ी वाले का इंतजार करते रहते हैं. क्यों न कुछ ऐसा किया जाए कि घर बैठे लोग ऑर्डर बुक कर दें और कबाड़ बेच दें. पहले तो घर पर नहीं बताया. अगर बताता तो वहीं गालियां पड़ती.
खुद घरों से उठाया कबाड़
अनुराग और कविंद्र बताते हैं कि जब इसकी शुरुआत की तो दो साल तक खुद घरों से आने वाली बुकिंग पर कबाड़ उठाने जाते थे. तब परिजन नहीं जानते थे कि हम क्या कर रहे हैं? जब काम आगे बढ़ा और प्रोग्रेस होने लगी तो उन्होंने घर के लोगों को इस बारे में बताया. इसके बाद फैमिली ने भी उन्हें सपोर्ट किया. फिर उन्होंने द कबाड़ीवाला के नाम से स्टार्टअप लॉन्च किया. अनुराग ने बताया कि उनके पास स्टार्टअप में निवेश के लिए पैसे नहीं थे. डिग्री पूरी करने के बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए नौकरी की. फिर 2015 में नौकरी छोड़ दी. शुरुआत में परिवार और दोस्तों की मदद से 25 लाख रुपए का निवेश किया. चार साल बाद निवेशकों के सामने प्रेजेंटेशन देकर, उन्हें फंडिंग करने के लिए राजी किया. 2019 में एंजल इन्वेस्टर ने तीन करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए थे.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2023, 07:30 IST
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