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संसद सुरक्षा चूक मामले में गृह मंत्रालय एक्शन में, जांच कमेटी का गठन, डीजी CRPF को मिला अहम जिम्मा

नई दिल्‍ली. संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद बुधवार का एक उच्‍चस्‍तरीय जांच कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है. लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय संसद भवन सुरक्षा चूक प्रकरण की जांच करेगा. जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने जांच के लिए डीजी सीआरपीएफ की देखरेख में कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. कमेटी इस बात की जांच करेगी कि आखिर संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई. कहां और किस स्‍तर पर गलतियां हुई और भविष्‍य में इसे सुधारने के लिए क्‍या कदम उठाए जा सकते हैं.

सीआरपीएफ के पास संसद के बाहरी लेयर की सुरक्षा का जिम्मा है, शस्त्र के साथ सीआरपीएफ जवान संसद भवन परिसर में मौजूद रहते हैं, संसद भवन के भीतर इनकी एंट्री नहीं होती. संसद की सुरक्षा से जुड़े हर प्‍लान को बनाने में सीआरपीएफ ही लीड एजेंसी होती है. अन्य एजेंसियों के साथ डीजी सीआरपीएफ अनीश दयाल मामले की जांच करेंगे. अनीश दयाल आईटीबीपी के डीजी हैं. उनके पास डीजी सीआरपीएफ का अतिरिक्त चार्ज है. अनीश इससे पहले काफी वक्त आईबी में भी बिता चुके हैं इसलिए इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए बनी उच्चस्तरीय कमेटी की वो अध्यक्षता कर रहे हैं.

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सांसदों के लिए स्‍मार्ट एक्‍सेस कार्ड
जानकारी के मुताबिक संसद भवन की सुरक्षा चूक मामले की जांच करने के लिए बनाई गई कमेटी में कई एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं. सारे दृष्टिकोण से यह एक्सपर्ट कमेटी जांच कर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी. लोकसभा सचिवालय की तरफ सुरक्षा में चूक प्रकरण के बाद एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसके तहत सांसदों को स्मार्ट एक्सेस कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसके अलावा संसद परिसर में मीडिया ब्रीफिंग का भी एक खास पॉइंट निर्धारित किया गया है.

संसद में फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम की प्रक्रिया शुरू
सुरक्षा निर्देश में यह भी कहा गया है कि सभी सांसद फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद संसद परिसर में दाखिल हों. लोकसभा और राज्‍यसभा की विजिटर गैलरी में कांच के शिशे लगाए जाएंगे ताकि फिर कभी कोई विजिटर पहली मंजिल से छलांग लगाकर संसद की कार्यवाही के बीच में न कूद सके.

Tags: Parliament, Parliament news, Parliament Winter Session


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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