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Parliament Security Breach: सुरक्षा जांच में हुई चूक या अंदर किसी ने की मदद, क्‍या सीसीटीवी कैमरे उठा पाएंगे इस राज से पर्दा 

नई दिल्‍ली. विजिटर लॉबी से सांसदों की कुर्सियों पर कूद कर संसद की सुरक्षा पर बड़ा प्रश्‍नचिन्‍ह लगाने वाले सभी आरोपी भले ही एक-एक कर गिरफ्तार हो रहे हों, लेकिन एक बुनियादी सवाल अभी तक बना हुआ है. यह सवाल है कि आरोपी स्‍मोक क्रैकर स्‍प्रे लेकर संसद के भीतर कैसे पहुंच गया. यह स्‍मोक क्रैकर स्‍प्रे सुरक्षा की चूक की वजह से संसद भवन के अंदर पहुंचा या फिर इन दोनों युवकों की किसी अंदर के आदमी ने मदद की. 

अब इन दोनों संभावनाओं में कौन सी संभावना सही है, यह जानने के लिए अब सीसीटीवी कैमरों की तरफ बड़ी उम्‍मीद से देखा जा रहा है. देखना यह है कि सीसीटीवी कैमरे सुरक्षा एजेंसियों की इस पहेली को सुलझा पाने में सफल हो पाएंगे या नहीं?

गवर्नमेंट बिल्डिंग सिक्‍योरिटी(जीबीएस) से जुड़े रहे एक वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, नई संसद की विजिटर गैलरी तक पहुंचने के लिए किसी भी व्‍यक्ति को दो बार जांच से गुजरना पड़ता है. पहली बार जांच संसद भवन में प्रवेश करते समय होती है, जबकि दूसरी बार पुरानी संसद से नई संसद में जाते समय होती है. दोनों ही चेक पोस्‍ट एक्‍स-रे मशीन, हैंड हेल्‍ड मेटल डिटेक्‍टर (एचएचएमडी), डोर फ्रेम मेटल डिटेक्‍टर (डीएफएमडी) सहित अन्‍य सुरक्षा उपकरण से लैस हैं. 

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स्‍मोक क्रैकर स्‍प्रे में स्‍प्रे वाला पार्ट मेटल का होता है, ऐसे में जांच के दौरान डीएफएमडी और एचएचएमडी को बीप करना चाहिए. यहां पर पहली संभावना यह है कि बीप आने के बावजूद सुरक्षा अधिकारी ने उसे नजरअंदाज किया या फिर दूसरी संभावना है कि बीप की आवाज आई ही नहीं.

वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, यदि पहली संभावना सही है तो सीधे तौर पर पहली और दूसरी चेकपोस्‍ट पर तैनात सुरक्षा अधिकारी इस बड़ी चूक के लिए जिम्‍मेदार हैं और उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. लेकिन यदि हम दूसरी संभावना पर जाते हैं तो सवाल और बड़ा हो जाता है, और यह बड़ा सवाल है कि कहीं इन दोनों आरोपियों की मदद किसी ने अंदर से तो नहीं की. 

PHOTOS: संसद में हर जगह था धुआं ही धुआं… कैसा था लोकसभा के अंदर का नजारा, जब सुरक्षा चूक में हुई चूक

यदि यह संभावना रूल आउट होती है तो फिर संसद की सुरक्षा में चूक का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता. ऐसी स्थिति में हर उस शख्‍स पर शक की उंगली उठेगी, जो सिर्फ स्‍थायी पास दिखाकर बिना सुरक्षा जांच के संसद भवन के भीतर जा रहा है. उस शख्‍स को पकड़ना सुरक्षा एजेंसियों के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती होगी. वहीं, चर्चा इस बात की भी है कि दोनों आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम देकर यह बता दिया है कि संसद की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है.  

Tags: Parliament, Parliament house, Parliament news, Parliament Winter Session


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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