मध्यप्रदेश

The person doing illegal business of mobile committed suicide | तमिलनाडु पुलिस भी कर चुकी जांच; करोड़पति व्यापारी के सुसाइड की वजह तलाश रही पुलिस

इंदौर5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

इंदौर के आजाद नगर में रहने वाले मोबाइल कारोबारी ने रविवार को सुसाइड कर लिया। पुलिस के मुताबिक कुछ व्यापारियों के पास उसका करोड़ों रुपए अटक गया था। इस लेनदेन का कोई प्रमाण नहीं होने के कारण लोग उसका पैसा वापस नहीं कर रहे थे। इसके चलते वह डिप्रेशन में था। जल्द पूरी कहानी सामने आएगी। हालांकि परिवार ने किसी तरह की परेशानी होने की बात से इंकार किया है।

आजाद नगर इलाके के मदीना नगर में रहने वाले अमीर पुत्र जमील खान ने रविवार को फांसी लगा ली। आमीर जेल रोड का बड़ा मोबाइल करोबारी है। उसका करोड़ों रुपये मार्केट में उलझ गया था। परिवार में भी इस बात को लेकर विवाद हो रहा था। वह इस बात को लेकर काफी तनाव में था। मामले में आजाद नगर टीआई नीरज मेंढा का कहना है कि परिवार के बयान के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आमीर ने अपने मोबाइल का अवैध कारोबार देश के कई राज्यों सहित बांग्लादेश में भी फैला लिया था। आमीर अपनी गैंग के साथ आईएमईआई नंबरों को बदल देता था। इस धंधे से उसने करोड़ों रुपए कमाए थे। आमीर ने कोलकाता में भी प्रॉपर्टी खरीदी थी। पुलिस सूत्रों का दावा है कि आमीर ने अपना काला धन जेल रोड सहित अन्य जगहों के व्यापारियों को ब्याज पर दिया था। लेकिन वे आमीर का पैसा वापस नहीं कर रहे थे। डॉलर मार्केट से कारोबार शुरू करने वाले आमीर ने पैसा अधिक आ जाने के कारण डॉलर मार्केट से ही दूरी बना ली थी।

तमिलनाडु पुलिस ने की थी जांच
तमिलनाडु की जांच एजेंसी ने दिसंबर 2020 में एक गैंग का खुलासा किया था। इस गैंग ने कृष्णागिरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कंटेनर के ड्राइवर के साथ मारपीट करते हुए वारदात को अंजाम दिया। इस गैंग ने करीब 33 बार कंटेनर की नंबर प्लेट बदली। इसमें अलग-अलग राज्यों से इंदौर में माल की डिलीवरी हुई। इसके बाद यहां भरत उसके भाई और अमीर ने इन मोबाइल का सौदा किया। जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने इन पर कार्रवाई की थी।

अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी भेजे मोबाइल
तमिलनाडु की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को यह पता चला था कि भरत और आमीर ने इस गिरोह से माल लेकर इंदौर, भोपाल, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता के साथ बांग्लादेश में भी मोबाइल बेचे हैं। इसके बाद टीमों ने यहां भी रेड की। इसमें गैंग से पता चला कि यह मोबाइलों के आईएमआई नंबर बदल देते थे। जिसमें एक बड़ा रैकेट का खुलासा हुआ।

खबरें और भी हैं…

Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!