मध्यप्रदेश

The meat trade is being carried out in the city by tying curtains on the roof and opening gates covered with black film | आदेश-नियमों का कत्ल: पर्दे छप्पर पर बांधे, काली फिल्म वाले गेट खोलकर हो रहा है शहर में मांस का व्यापार – Gwalior News


दिसंबर में 15 दिन के अभियान के बाद जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस विभाग के अफसर खुले में मांस व लाउड स्पीकरों के शोर पर कार्रवाई करना ही भूल गए। जिसका नतीजा ये हुआ कि बाजारों में खुले में मांस धड़ल्ले से बिकने लगा और धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों

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जिसकी शिकायतें पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शनिवार से अफसरों की फिर क्लास लगाई तो प्रदेशभर में एक बार फिर इन दोनों मामलों में कार्रवाई शुरू हो गई है। अफसरों का दावा है कि रविवार दोपहर से टीमें बाजारों में कार्रवाई के लिए पहुंची, लेकिन सब कुछ नियमों के मुताबिक चल रहा था, लेकिन भास्कर रिपोर्टर ने अलग-अलग बाजारों में शाम को पहुंचकर देखा तो आदेश-नियमों की धज्जियां उड़ती मिलीं।

दो दिन में सिर्फ 14 लाउडस्पीकर उतरवाए: एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि 2 दिन में अलग-अलग टीमों ने शहर से 50 से अधिक धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर चेक किए गए और नियम का उल्लंघन कर रहे 14 लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से उतरवाए गए।

अभियान के बाद जनवरी से कार्रवाई भूले अफसर, अब सब खुल्लमखुला

मछली मंडी: लधेड़ी के पास शहर की सबसे बड़ी मछली मंडी है। रविवार शाम 5 बजे के बाद यहां 22 दुकानों की स्थिति ये रही कि सभी ने पर्दे दुकान के छप्पर से बांध रखे थे। सभी दुकानदार सड़क किनारे ही मछलियां बेच रहे थे। कुछ दुकानों पर मछली पकौड़े बन रहे थे। देर रात तक यहां खुले में व्यापार होता रहा।

छप्परवाला पुल: लश्कर का यह प्रमुख मांस बाजार हैं। यहां दुकानदार नियमों की धज्जियां उड़ाते मिले। यहां दुकानों पर डाले गए हरे पर्दे ऊंचे करके मांस काटा और बेचा जा रहा था। साथ ही सड़क पर जिंदा मुर्गों के पिंजरे रखे थे। ऐसी ही स्थिति कंपू में मिली। वहां भी दुकानदार पर्दे ऊंचे कर खुले में मांस बेचते दिखे।

थाटीपुर: पुराने जिला पंचायत भवन से पहले मांस की 5 दुकानों पर काले कांच के गेट लगे थे, लेकिन दुकानदार गेट खोलकर व्यापार करते मिले। यहां मृत जानवर का मांस दुकान के दरवाजे पर शोपीस की तरह लटकाकर भी रखा गया और जिंदा जानवर बकरा-बकरी सड़क किनारे के खंभे से बांधकर रखे गए थे।

पिंटो पार्क: यहां पानी की टंकी के पास मीट मार्केट में आधी ऊंचाई तक पर्दे डालकर मांस बेचा जा रहा था। यहां दुकानों पर जिंदा मुर्गे व कटता मांस राहगीरों को साफ नजर आ रहा था। इस मीट मार्केट के पास ही इस क्षेत्र की बड़ी सब्जी मंडी भी है। इस कारण यहां आने वाले लोगों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अभियान में ये हुई थी कार्रवाई और व्यवस्था

  • खुले में मांस बेचने पर 337 कार्रवाई की गई। जिसमें सामान जब्ती के साथ चालान शामिल हैं। 15 दिन में निगम की टीम ने 23, 600 रुपए का जुर्माना वसूला था।
  • सभी मांस दुकानों पर हरे पर्दे इस प्रकार टंगवा दिए गए थे। जिससे कि किसी भी तरफ से राहगीरों को जिंदा जानवर या मांस दिखाई न दे।
  • जो दुकानें पक्की हैं, उनमें काली फिल्म वाले कांच के गेट लगवाए गए। ताकि, जिंदा जानवर व मांस बाहर से राहगीरों को नजर न आ सके।

कलेक्टर की फटकार के बाद निकली टीमें, 9 हजार रुपए का जुर्माना वसूला
कलेक्टर रुचिका चौहान ने रविवार को राजस्व, नगर निगम और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के दुरुपयोग और खुले में मांस-मछली का विक्रय रोकने के लिए अभियान बतौर कार्य करें। धार्मिक स्थान व विभिन्न संस्थाओं इत्यादि में निर्धारित मानक से ज्यादा ध्वनि के लाउड स्पीकर का उपयोग न हो। शहर में कहीं भी खुले में मांस-मछली की बिक्री न हो। उन्होंने निगमायुक्त हर्ष सिंह को निर्देश दिए कि मांस-मछली के व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों को लाइसेंस लेने के लिए कहें।

नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों की दुकानों को सील्ड कर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस बैठक के बाद संयुक्त टीमों ने बाजार में पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वैभव श्रीवास्तव एवं अनुज शर्मा ने बताया कि रविवार को विभिन्न स्थानों पर 9 हजार 800 रुपए का जुर्माना वसूला।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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