‘गोली’ देकर बनाया 55 करोड़ का बिजनेस, स्कूल छोड़ने वालों को दी नौकरी, विदेशी कॉलेज तक गूंजा कंपनी का नाम

हाइलाइट्स
गोली वड़ा पाव के 20 राज्यों में आउटलेट्स हैं
इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के ठाणे से हुई थी.
कंपनी का टर्नओवर 50 करोड़ से अधिक है.
नई दिल्ली. वैंकटेश अय्यर तमिलनाडु के एक सामान्य परिवार से आते हैं. उन्होंने 2004 में वड़ा पाव की शॉप डाली थी. वड़ा पाव, जो कि ‘बॉम्बे बर्गर’ के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र में तो एक पसंदीदा नाश्ता है ही, धीरे-धीरे पूरे भारत में इसकी ख्याति फैल गई है. वैंकटेश ने वड़ा पाव की इस बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए इसे बड़ा बिजनेस बनाने की ठानी. गोली वड़ा पाव के साथ उन्होंने ऐसा कर के भी दिखाया.
उनके इस बिजनेस की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गोली वड़ा पाव के आज 350 आउटलेट्स हैं. उनके इस बिजनेस पर हार्वर्ड से लेकर ISB हैदराबाद तक में केस स्टडी की जा चुकी है. गोली वड़ा पाव करीब 20 राज्यों में पैर पसार चुका है. वेस्टर्न स्टाइल पर आधारित गोली वड़ा पाव के आउटलेट देखने में भले छोटे लगें लेकिन उन आउटलेट्स का कुल टर्नओवर 55 करोड़ रुपये सालाना से अधिक है.
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क्या गोली दे रहा है?
गोली शब्द के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. वैंकटेश ने अपने पुराने एक इंटरव्यू में बताया है कि शुरुआत में जब वह किसी से वड़ा पाव की दुकान को लेकर बात करते थे तो लोग उनसे कहते थे, ‘क्या गोली दे रहा है’. उन्होंने बताया कि यह मुंबई में आम बोलचाल की भाषा में काफी बोला जाता है. उन्हें यहीं से अपनी दुकान के नाम का आइडिया आया. वैंकटेश ने 2004 में अपना पहला स्टोर ठाणे में शुरू किया.
स्कूल ड्रॉपआउट्स को नौकरी
गोली वड़ा पाव शॉप्स की एक खास बात यह भी रही कि कंपनी ने 10वीं तक या उससे पहले किसी कारण से स्कूल छोड़ देने वाले लोगों को नौकरी पर रखा. वह इसके जरिए जरूरतमंदों की मदद करना चाहते थे. वैंकटेशन ऐसे बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी काम कर रहे हैं जो आर्थिक वजहों से खुद स्कूल जाने में सक्षम नहीं हैं. कंपनी के मूल में ‘थ्री ई’ को प्रमुखता से शामिल किया गया है. इसका मतलब एजुकेशन, एंप्लॉयमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप है. वैंकटेश कहते हैं कि वह इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति से बेहद प्रभावित हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 07:54 IST
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