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Nepal: पुष्प कमल दहल ने की पीएम पद पर दावेदारी, राष्ट्रपति से की मुलाकात

काठमांडू. पुष्प कमल दहल प्रचंड नेपाल के अगले प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दहल ने पीएम पद पर अपनी दावेदारी की और उम्मीदवारी के लिए आवेदन दाखिल किया. प्रचंड का दल माओवादी केंद्र नेपाल की संसद में तीसरी बड़ी पार्टी है. उसने सत्ताधारी गठबंधन से नाता तोड़ दिया है. माओवादी केंद्र ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अपने वादों से मुकर गए हैं.

कहा जा रहा है कि अब ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे. विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दल रविवार को नाटकीय घटनाक्रम में सीपीएन-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को अपना समर्थन देने पर सहमत हो गए. इसके साथ ही प्रचंड के नेपाल के अगले प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया.

विपक्ष ने किया प्रचंड को समर्थन देने का फैसला
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक बैठक यहां हुई. बैठक में सभी दल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमत हुए. सीपीएन-एमसी महासचिव देब गुरुंग ने बताया कि सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी और अन्य दल संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत 165 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति कार्यालय ‘शीतलनिवास’ जाकर प्रचंड के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश करने को तैयार हैं. गुरुंग ने बताया कि राष्ट्रपति को सौंपने के लिए एक समझौता पत्र भी तैयार किया जा रहा है.

संसद में यह है दलों की स्थिति
ओली के आवास बालकोट में आयोजित बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री ओली के अलावा प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन, जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अशोक राय सहित अन्य लोगों ने भाग लिया. प्रचंड और ओली के बीच बारी-बारी से (रोटेशन के आधार पर) सरकार का नेतृत्व करने के लिए सहमति बनी है और प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर ओली ने अपनी रजामंदी जताई है. नये गठबंधन को 275-सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के छह और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सदस्य शामिल हैं.

(इनपुट भाषा से भी)

Tags: Nepal Politics, World news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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