मध्यप्रदेश

Mp Election Result 2023:लाडली बहना की ढाल भी नहीं बचा पाई, गृह मंत्री-कृषि मंत्री समेत 12 मिनिस्टर हारे – Mp Election Result 2023: Even The Shield Of Laadli Behna Could Not Be Saved, 12 Ministers Including Home Minis


भाजपा की प्रचंड जीत में भी 12 मंत्री हारे
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश में भाजपा की लाडली बहना की आंधी में कांग्रेस बुरी तरह उड़ गई। हालांकि, इस आंधी में भी भाजपा के दिग्गज 12 मंत्री चुनाव हार गए। 2018 में जब भाजपा चुनाव हारी थी तब तब 13 मंत्री हारे थे। अब इन मंत्रियों की हार को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इसमें जानकारों का कहना है कि अधिकतर मंत्रियों की हार का कारण व्यक्तिगत छवि और उनके खिलाफ जनता की नाराजगी है।

दतिया- नरोत्तम मिश्रा

दतिया विधानसभा सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता और शिवराज सरकार के दूसरे नंबर के कहे जाने वाले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा हार गए है। उनको कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती ने कड़ी टक्कर में हरा दिया। यहां पर दोबारा काउंटिंग हो रहे है। बताया जा रहा है कि मिश्रा 7742 वोटों से हार गए। मिश्रा के हार के पीछे की वजह उनके समर्थकों की क्षेत्र में दबगई से नाराजगी को बड़ा कारण बताया जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी थी।

हरदा- कमल पटेल

प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल बहुत कम वोटों से हार गए हैं। उनको कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक आरके दोगुने ने चुनाव हराया। मंत्री 870 वोट से चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी को क्षेत्र में सक्रिय रहने और मंत्री को जनता से दूरी बनाए रखने का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

अमरपाटन- राम खेलावन पटेल

यहां पर मंत्री राम खेलावन पटेल चुनाव हार गए हैं। उनको कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने चुनाव हराया। मंत्री बनने के बावजूद रामखेलावन पटेल क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय नहीं थे ना ही कोई विकास के काम किए। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कमजोर तबके से उनकी मदद करने को लेकर जुड़े रहे। यह उनकी हार का कारण बना।

बड़वानी- प्रेम सिंह पटेल

आदिवासी नेता और भाजपा सरकार के मंत्री प्रेम सिंह पटेल को को हार का सामना करना पड़ा है। उनको कांग्रेस के राजन मण्डलोई ने 11 हजार 171 वोट से हराया है। प्रेम सिंह पटेल की हार का कारण क्षेत्र में सक्रिय नहीं होना और पकड़ नहीं होना है। उनके खिलाफ जनता में असंतोष था।

पोहरी- सुरेश धाकड़

इस विधानसभा सीट पर भाजपा सरकार के मंत्री सुरेश धाकड़ चुनाव हार गए हैं। उनको उनको कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह ने 49 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। धाकड़ के मंत्री होने के बावजूद क्षेत्र में सक्रियता या विकास के कार्य नहीं करने के कारण हार का सामना करना पड़ा है।

बमोरी- महेंद्र सिंह सिसोदिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक महेंद्र सिंह सिसोदिया बमोरी से चुनाव हार गए हैं। उनको कांग्रेस प्रत्याशी ऋषि अग्रवाल ने 8389 वोटों से हराया। अग्रवाल भाजपा सरकार में मंत्री रहे केएल अग्रवाल के बेटे हैं। वह भाजपा में टिकट कटने पर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इससे ऋषि अग्रवाल को भाजपा के भी नाराज कार्यकर्ताओं का साथ मिला। दूसरा महेंद्र सिंह सिसोदिया के खिलाफ क्षेत्र में नाराजगी थी। पार्टी उनका टिकट भी काटने वाली थी। हालांकि अंत में उनको टिकट दे दिया गया।

बदनावर- राजवर्धन दत्तीगांव

इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी और मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव 2976 वोट से चुनाव हार गए हैं। उनको भाजपा के बागी कांग्रेस प्रत्याशी भंवर सिंह शेखावत ने चुनाव हराया। दत्तीगांव को स्थानीय लोगों की नाराजगी भारी पड़ी। मंत्री से जुड़ा एक महिला का वीडियो सामने आने के बाद उनकी छवि धूमिल हुई थी।

ग्वालियर ग्रामीण भरत सिंह कुशवाह

इस सीट मंत्री भरत सिंह कुशवाह चुनाव हार गए हैं। उन्होंने कांग्रेस साहब सिंह गुर्जर ने 3282 वोटों से हराया है। कुशवाह भी अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे। इससे जनता में नाराजगी रही।

अटेर-अरविंद भदौरिया

अटेर से मंत्री अरविंद भदौरिया को पूर्व गृहमंत्री सत्यदेव कटारे के बेटे हेमंत कटारे ने 20 हजार 228 वोटों से हराया है। इस सीट पर पांच साल में बदलाव का रिवाज कायम है। वहीं, भदौरिया को भाजपा के बागी पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदौरिया के चुनाव लड़ना भी भारी पड़ा।

बालाघाट- गौरीशंकर बिसेन

बालाघाट से मंत्री गौरीशंकर बिसेन चुनाव हारें। यहां कांग्रेस की अनुभा मुंजारे ने जीत दर्ज की है। वह 29 हजार 195 वोट से जीती है। गौरीशकर बिसेन को बालाघाट का जादूगर समझा जाता था। उन्होंने पहले अपनी बेटी मौसम को टिकट दिलाया। पांच साल तक बेटी को टिकट दिलाने के लिए प्रयास करते दिखे। वहीं, अंतिम समय में क्षेत्र में सक्रिय नहीं हुए। जिसका खामियाजा उनको हार के रूप में उठाना पड़ा।

परसवाड़ा- रामकिशोर कांवरे

परसवाड़ा से रामकिशोर कांवरे चुनाव हार गए है। उनको कांग्रेस मधु भगत ने 25 हजार 948 वोट से हराया है। कांवरे मंत्री होने के बावजूद क्षेत्र में कोई विशेष काम नहीं कर सके। क्षेत्र में सक्रियता नहीं होना और कोई उपलब्धी नहीं होना कांवरे की हार का बड़ा कारण है।

खरगापर- राहुल लोधी

खरगापुर से मंत्री राहुल लोधी चुनाव हार गए हैं। उनको कांग्रेस की चंदा सिंह गौर ने 8117 वोट से हराया। राहुल लोधी को 2018 को चुनाव जीतने पर भी कोर्ट ने भ्रष्ट आचरण के चलते दोषी पाते हुए उनका निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। राहुल लोधी मध्य प्रदेश सरकार से लाभ ले रही एक फर्म के पार्टनर थे। ऐसे में चर्चा है कि उनकी छवि के कारण जनता में नाराजगी थी, जिसका खामियाजा उनको चुनाव हार के रूप में भुगता पड़ा।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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