Misconceptions harm palm oil industry | गलत धारणाओं से पाम ऑयल उद्योग को नुकसान: एक्सपर्टस बोले; छोटे किसान भी हो रहे प्रभावित, लोगों को बदलनी सोच – Indore News

पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक होने के नाते भारत खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल के वर्षों में स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण पर इसके प्रभाव के बारे में भ्रामक रिपोर्ट सामने आई हैं। इससे किसानों को नुकसान हुआ है। साथ ही अर्थव्
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यह बात शुक्रवार को एक दिनी पाम ऑयल सम्मेलन में एक्सपर्टस ने कही। डॉ. शतद्रु चट्टोपाध्याय ने मानकों के अनुसार स्वस्थ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गलत धारणाएं न केवल इस उद्योग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती हैं। हमारा प्रयास इन मिथकों को दूर करने और पाम ऑयल उत्पादन और इससे होने वाली आजीविका को बढ़ावा देना है। अजय झुनझुनवाला ने कहा कि किसानों को भारतीय पाम ऑयल स्थिरता मानक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारी कृषि पद्धतियां पर्यावरण के अनुकूल और सामाजिक रूप से जिम्मेदार हों।
डॉ. बीवी मेहता ने कहा कि भारत द्वारा हर साल 9 मिलियन टन पाम ऑयल का आयात किया जाता है। इससे स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर पाम की खेती को बढ़ाने की आवश्यकता है। देश में कुल खाद्य तेल खपत में से पाम ऑयल की खपत 38% से अधिक हो गई है। सोयाबीन, सरसों और सूरजमुखी के तेलों की खपत भी उसके बाद है। डॉ. सुरेश मोटवानी ने कहा कि पाम ऑयल से जुड़े मिथकों को दूर करके, भारत निश्चित रूप से खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार कर सकता है।
सौगात नियोगी ने कहा पाम 3-4 टन प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष उपज देने की क्षमता के साथ, अन्य वनस्पति तेल की तुलना में अधिक उपज देने वाली फसल है। इसमें गन्ना और धान जैसी अन्य फसलों की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है। यह किसानों को अंतर-फसल के माध्यम से आय के वैकल्पिक स्रोत के अलावा 20 से अधिक वर्षों के लिए आय का एक सुनिश्चित स्रोत भी प्रदान करता है।
डॉ. विजया खादेर ने कहा कि पाम ऑइल में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसी कारण से खाद्य और गैर-खाद्य दोनों उत्पादों में इसका उपयोग होता है। पाम ऑयल के बारे में कोई भी राय बनाने से पहले, यह जरूरी है कि लोग इसके गुणों के बारे में अच्छे से पढ़ें और समझें। केवल सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करने के बजाय सही निर्णय ले पाएंगे। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने से हृदय, मस्तिष्क स्वास्थ्य और आंखों की सेहत के लिए अच्छा है विशेषज्ञों ने बताया कि कच्चे पाम ऑयल में कैरोटीनॉयड बहुत अधिक मात्रा में होता है। इसमें संतुलित फैटी एसिड की संरचना होती है। साथ ही कई फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। ये हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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