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Explainer : कैसे सरकार मुफ्त में दे रही खाद्यान्न, क्या है योजना, क्यों बढ़ाई गई

हाइलाइट्स

प्रति व्यक्ति मुफ्त अनाज योजना वर्ष 2020 में कोरोना काल में अप्रैल से जून तक के लिए पहली बार शुरू की गई
ये योजना कई बार विस्तार दी जा चुकी है, अबकी बार इसे पांच साल तक दिसंबर 2028 तक के लिए बढ़ाया गया

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) एक ऐसी योजना है जो भारत में गरीब लोगों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करती है. यह योजना अप्रैल 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए शुरू की गई थी. इस योजना के तहत हर लाभार्थी को हर महीने 05 किलो मुफ्त अनाज मिलता है. ये योजना सब्सिडी के साथ दिए जाने वाले राशन के अलावा है.

सवाल – प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) में क्या अंतर है?
– प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजचीकेएवाई) के तहत गरीबों को हर महीने मुफ्त अनाज दिया जाता है जबकि एनएफएसए के सार्वजनिक वितरण प्रणाली है, जिसमें राशन की दुकानों से सब्सिडी वाला अनाज, चीनी का वितरण होता है. एनएफएसए में मध्याह्न भोजन योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और एकीकृत बाल विकास सेवाएं जैसी योजनाएं भी शामिल हैं.

सवाल – प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को क्यों बढ़ाया गया और इसमें कितने लोगों को मुफ्त अनाज दिया जाता है?
– PMGKAY को 1 जनवरी 2024 से पांच साल के लिए बढ़ाया गया है. केंद्र सरकार का मानना है कि इस योजना के जरिए गरीबों को फायदा मिल रहा है और इसे जारी रखा जाना चाहिए. पहले ये योजना केवल कोरोना काल के लिए थी, इसके बाद इसे एक साल बढ़ाया गया. अब एक साथ 05 साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे 81.35 करोड़ गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा. योजना के लिए सरकार 11.8 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.

सवाल – ये योजना कितनी बार बढ़ाई जा चुकी है, क्या ऐसी योजना दुनिया में कहीं और भी चलाई जाती है?
– शुरू में PMGKAY योजना की घोषणा केवल तीन महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए थी. फिर इसे लगातार बढ़ाया जाता रहा. कई विस्तारों के बाद इसे 31 दिसंबर 2023 को खत्म होना था लेकिन अब इसे एक साल पांच साल का बड़ा विस्तार देकर दिसंबर 2028 तक कर दिया गया है.
पीएमजीकेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजनाओं में एक है, हालांकि दुनियाभर में अलग अलग तरह मुफ्त खाद्यान्न योजनाएं चलती हैं. लेकिन ऐसी योजना कहीं नहीं है. कुछ देशों में संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डबल्यूएफपी) खाने जैसे प्रोग्राम चलाता है लेकिन वो सीमित तरीके से चलाया जाता है.

सवाल – पीएमजीकेएवाई के तहत कौन से अनाज बांटे जाते हैं?
– मुफ्त खाद्यान्न के तौर पर चावल, गेहूं और मोटा अनाज/बाजरा में कोई एक अनाज दिया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य गरीबों की वित्तीय कठिनाई को कम करना है.

सवाल – प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में किन लोगों को कवर किया जा रहा है और ये योजना पूरे परिवार के लिए है या प्रति व्यक्ति है?
– राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत कवर किए गए सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जाता है. यानि इसमें उन लोगों को कवर किया जाता है, जो राशन कार्ड के जरिए सब्सिडी पर खाद्यान्न हासिल करते हैं.

सवाल – राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चलने वाली सार्वजनिक राशन दुकानों पर लोगों को अनाज सब्सिडी के बाद किस कीमत में मिलते हैं?
– एनएफएसए के तहत सरकार 3 रुपये प्रति किलो चावल, 2 रुपये प्रति किलो गेहूं और मोटा अनाज 1 रुपये प्रति किलो मुहैया कराती है.

सवाल – इस प्रोग्राम के तहत कैसे मुफ्त अनाज गरीबों तक पहुंचता है?
– इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की हिस्सेदारी होती है. अनाज भंडारण करने वाला भारतीय खाद्य निगम जिलाधीश के आदेश के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त ठेकेदार वहां के पूरा अनाज उठाता है और फिर उन्हें सार्वजनिक वितरण की दुकानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करता है.

सवाल – संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) क्या करता है, जो खुद भी कई देशों में खाद्यान्न वितरण का काम करता है?
– ये एक विश्वव्यापी मानवीय संगठन है जो आपात स्थिति में लोगों की मदद करता है. पोषण में सुधार के लिए काम करता है. डब्ल्यूएफपी की स्थापना 1961 में हुई थी. इसके 80 देशों में कार्यालय हैं. 2021 में इस संगठन ने 120 से अधिक देशों में 128 मिलियन से अधिक लोगों तक खाना पहुंचाने का काम किया.

डब्ल्यूएफपी भारत में देश की सब्सिडीयुक्त खाद्य वितरण प्रणाली की दक्षता में सुधार के लिए काम कर रहा है. वहीं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का “फीडिंग होप” के जरिए जरूरतमंद समुदायों को मुफ्त में भोजन देता है. ये मिडडे मील के तहत भी स्कूल में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराता है.

सवाल – क्या दुनिया का कोई और भी देश अपने नागरिकों को इस तरह मुफ्त में भोजन प्रदान करता है?
– दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जो इस तरह नागरिकों को मुफ्त भोजन या खादान्न देता हो. हालांकि कुछ देश वंचित क्षेत्रों में छात्रों के लिए मुफ्त या रियायती भोजन देते हैं. इसमें ब्राज़ील में 1940 के दशक से कम आय वाले बच्चों के लिए मुफ्त स्कूल भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देश ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, फ्रांस, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, पोलैंड और रोमानिया ये कर रहे हैं. कुछ देशों में सस्ता और स्वास्थ्यप्रद भोजन उपलब्ध होता है, जिसमें वियतनाम, जापान, मैक्सिको, थाईलैंड, पेरू, इंडोनेशिया, कोस्टा रिका और मोरक्को जैसे देश हैं. यूरोपीय संघ के 05 देश कम से कम कुछ उम्र के लिए मुफ्त स्कूल भोजन प्रदान करते हैं.

लंदन में लगभग 300,000 प्राथमिक छात्रों को पूरे 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में मुफ्त स्कूल भोजन दिया जा रहा है. जर्मनी में दोपहर का भोजन केवल पूरे दिन के स्कूलों में दिया जाता है लेकिन ज्यादातर सब्सिडी पर. हंगरी में नियमित बाल संरक्षण लाभ प्राप्त करने वाले या पालक देखभाल में रहने वाले बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय में यह मुफ़्त है. फ़्रांस में 35,000 में से लगभग 50 नगर पालिकाओं में भोजन मुफ़्त है. फिनलैंड में भी स्कूलों में मुफ्त भोजन दिया जाता है.

Tags: Food, Food safety Act, Free Ration


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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