Chhatarpur:सर्द मौसम आते ही पैर फैलाने लगा निमोनिया, 40 बच्चों की क्षमता वाले वार्ड में भर्ती हैं 55 बच्चे – Chhatarpur Due To Pneumonia 55 Children Are Admitted In Ward With Capacity Of 40 Children

अस्पताल में भर्ती बच्चे
– फोटो : अमर उजाला
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सर्दी का मौसम आते ही निमोनिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में इजाफा होने लगा है। इन दिनों जिला अस्पताल के 40 बच्चों की क्षमता वाले वार्ड में निमोनिया से ग्रसित 55 बच्चे भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। बच्चों का इलाज करने के साथ ही जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज द्विवेदी लोगों को निमोनिया के शुरुआती लक्षणों की जानकारी देते हुए समय पर इलाज कराने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि समय पर इलाज मिलने के बाद इस बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है।
गौरतलब है कि ग्रामीण अंचलों के लोग निमोनिया को सामान्य सर्दी-जुकाम समझकर समय पर बच्चों का इलाज नहीं कराते, जिस कारण से यह संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज द्विवेदी ने बताया कि इस मौसम में निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है। चूंकि मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है और वातावरण में आद्रता बढ़ रही है। इसलिए बच्चे निमोनिया से ग्रसित हो रहे हैं।
डॉ. द्विवेदी ने निमोनिया के लक्षण बताते हुए कहा कि यदि बच्चे को खांसी आ रही है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है या फिर स्तनपान करने वाले बच्चे ठीक ढंग से स्तनपान नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में परिजनों को बिना लापरवाही किए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र अथवा चिकित्सक को दिखाकर इलाज कराना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने निमोनिया संक्रमण से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि आमतौर पर अगर हम ठीक ढंग से बच्चों की देख-रेख करें तो बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि यदि हम एक लेयर (स्वेटर, इनर इत्यादि) पहनकर ठंड से बच रहे हैं तो ऐसे मौसम में हमें बच्चों को दो लेयर पहनाना चाहिए और यदि हम दो लेयर पहनकर ठंड से बच रहे हैं तो बच्चों को हमें तीन लेयर पहनाना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को ठंड से बचाना चाहिए। उन्हें पूरे कपड़े पहना कर रखें, कान ढककर रखें। चूंकि निमोनिया संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से संक्रमण फैलता है। इसलिए ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
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