सरकार ने नियम क्या बदला, टूट पड़े निवेशक, 7 महीने में लगा दिए 72 हजार करोड़, कौन सी है ये खास स्कीम?

हाइलाइट्स
डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलता.
डेट फंड में जोखिम बहुत कम होता है और इस पर रिटर्न एफडी के मुकाबले ज्यादा मिलता है.
डेट फंडों पर इंडेक्सेशन का लाभ बंद किए जाने के बाद निवेशकों का मोहभंग भी शुरू हो गया.
नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड में निवेश तो सभी को पसंद है, लेकिन इस फंड की एक कैटेगरी ऐसी है जिसमें अचानक लोगों का क्रेज बढ़ गया है. ऐसा न तो शेयर बाजार के किसी जादू से हुआ और न ही किसी फंड के दमदार प्रदर्शन की वजह से हो रहा है, बल्कि सरकार के एक नियम बदलने का असर है. अब निवेशकों को इस खास कैटेगरी के फंड में न सिर्फ ज्यादा रिटर्न दिखाई दे रहा, बल्कि टैक्स की बचत भी ज्यादा दिख रही है.
दरअसल, बजट 2023 (Budget 2023) में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने ऐलान किया था कि डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं दिया जाएगा. इंडेक्सेशन का लाभ महंगाई दर के सापेक्ष निवेश पर होने वाले खर्च पर टैकस की अतिरिक्त छूट के रूप में दिया जाता है. इस ऐलान के तत्काल बाद निवेशकों की प्रवृत्ति में भी बदलाव दिखना शुरू हो गया.
निवेशकों ने क्यों बदला मन
दरअसल, डेट फंड में जोखिम बहुत कम होता है और इस पर रिटर्न एफडी के मुकाबले ज्यादा मिलता है. लिहाजा ऐसे निवेशक जो बिना जोखिम उठाए एफडी से ज्यादा पैसा कमाना चाहते थे, उनकी पहली पसंद अभी तक डेट फंड ही रहते थे. लेकिन, बजट में डेट फंडों पर इंडेक्सेशन का लाभ बंद किए जाने के बाद निवेशकों का मोहभंग भी शुरू हो गया. हालांकि, उन्होंने इक्विटी का रुख नहीं किया क्योंकि यहां बाजार का जोखिम ज्यादा रहता है. तो, उन्होंने बीच का रास्ता अपनाया और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund) में पैसे लगाने शुरू कर दिए.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड से क्या फायदा
जैसा कि इसके नाम से जाहिर है कि यह हाइब्रिड कैटेगरी का है. मसलन, इसमें लगाया पैसा डेट और इक्विटी दोनों ही कैटेगरी में निवेश किया जाता है. यह स्कीम इक्विटी यानी शेयरों के साथ सरकारी प्रतिभूतियों और सोने-चांदी जैसे एसेट में भी कुछ हिस्सा निवेश करती है. इस रणनीति के कारण ये फंड ज्यादा रिटर्न भी देते हैं और इन पर बहुत जोखिम भी नहीं रहता है. अब जबकि सरकार ने इंडेक्सेशन का लाभ बंद कर दिया है तो जाहिर है कि निवेशक ज्यादा रिटर्न लेकर अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं. यही कारण है कि इस कैटेगरी में चालू वित्तवर्ष के दौरान जमकर पैसे लगाए जा रहे हैं.
अब कितना निवेश आया
भारतीय म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (Amfi) के आंकड़े देखें तो मार्च, 2023 यानी नया नियम लागू होने से ठीक पहले डेट फंड वाली स्कीम से निवेशकों ने 12,372 करोड़ रुपये की निकासी कर ली थी. वहीं, अप्रैल से नया वित्तवर्ष लागू होने के बाद हाइब्रिड फंडों निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है. अप्रैल से सितंबर तक 6 महीने में निवेशकों ने इस स्कीम में 62,174 करोड़ रुपये लगा दिए. अक्टूबर में भी हाइब्रिड स्कीम में 9,907 करोड़ रुपये का निवेश आया है. इस तरह, देखा जाए तो महज 7 महीने में इस स्कीम ने अकेले 72 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आकर्षित किया है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हाइब्रिड फंड में निवेश की गई कुल रकम में से 48,978 करोड़ रुपये आब्रिट्रेज कैटेगरी में डाले गए हैं. इससे पहले डेट फंड कैटेगरी में अगर 3 साल या उससे ज्यादा समय तक निवेश रखा जाता था, तो उस पर इंडेक्सेशन का लाभ मिलता था. जाहिर है कि निवेशकों को टैक्स की बचत होने से उनका शुद्ध रिटर्न भी काफी बढ़ जाता था.
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Tags: Business news in hindi, Equity scheme, Mutual fund, Mutual fund investors, Share market
FIRST PUBLISHED : November 24, 2023, 12:02 IST
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