मध्यप्रदेश

Indore News:गूगल की गलतियां निकालने पर इंदौर के अमन को मिली करोड़ों की पुरुस्कार राशि – Aman Pandey Indore Google Bugs Expert Story

गूगल की गलतियां निकालने पर इंदौर के अमन पांडे को करोड़ों रुपए की पुरस्कार राशि दी गई है। हालांकि, कंपनी की नीतियों की वजह से वे यह नहीं बता सकते कि पुरुस्कार राशि कितनी है। बस इतनी जानकारी की पुष्टि करते हैं कि यह राशि करोड़ों में है। 

अमन एक टेक्नॉलोजी एक्सपर्ट हैं और वे दुनिया की शीर्ष कंपनियों में तकनीकी गलतियां निकालने का काम करते हैं। इससे पहले भी उन्हें गूगल और अन्य कंपनियों की तरफ से कई बड़े पुरुस्कार मिल चुके हैं। इससे पहले अमन को गूगल ने बग खोजने पर इनाम दिया था। अमन गूगल की 500 से अधिक गलतियां खोजकर बग रिपोर्ट भेज चुके हैं। अमन पांडे मूलरूप से झारखंड के रहने वाले हैं और इंदौर में बग्स मिरर नाम से कंपनी चलाते हैं। अमन कंपनी के सीईओ व फाउंडर हैं। इनकी कंपनी के सदस्यों ने मिलकर गूगल में बग खोजे हैं।

2017 से शुरू किया काम, अब स्टार्टअप में बदला

गूगल ने 2017 में बग निकालने का काम शुरू किया था। काम बढऩे के साथ उन्होंने अपने काम को स्टार्टअप का रूप दिया और अब उनकी कंपनी बग्स मिरर में लगभग 15 लोग काम करते हैं। वे अपनी कंपनी में अभी नई भर्तियां कर रहे हैं और भर्तियों का मुख्य नियम है कि वे 25 साल से कम उम्र के युवाओं को ही कंपनी में जॉब देते हैं। वे कहते हैं उनकी कंपनी जो काम करती है उसके लिए अनुभवी लोग नहीं मिलते। उन्हें सभी को काम सिखाना पड़ता है। इसलिए वे फ्रेशर्स रखते हैं ताकि वे इन चीजों को सीखकर बेहतर भविष्य बना सकें। 

झारखंड से की पढ़ाई

अमन पांडेय मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं। शुरुआती पढ़ाई पतरातू में हुई है। उसके बाद बोकारो स्थित चिन्मया विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई हुई है। अमन ने 12वीं के भोपाल एनआईटी से बीटेक किया है। इसके बाद वे इंदौर चले आए और यहां पर बग्स मिरर नाम की कंपनी की नींव डाली। अमन इंदौर में काम के सिलसिले में ही रहते हैं। उनका परिवार अभी भी झारखंड में रहता है। बग्स मिरर कंपनी के असिस्टेंट ऑपरेशन मैनेजर उदय शंकर बताते हैं कि अमन पांडे की देखरेख में बग्स मिरर टीम ने साल 2017-18 से गूगल की गलतियां खोजने शुरू की। गूगल की कार्यप्रणाली में बग्स ढूंढना कोई आसान काम नहीं है। इसमें कई साल लगातार मेहनत करनी पड़ती है। उदय शंकर के अनुसार बग्स खोजने पर गूगल ने दुनियाभर के हजारों शोधकर्ताओं को करोड़ों रुपए का इनाम दिया है। गूगल की विभिन्न सेवाओं में गलतियां खोजने के लिए दुनियाभर से लोग जुटे हुए हैं। 



एन्ड्रॉयड के लिए नए टूल्स तैयार कर रहे

अमन ने बताया कि अब उनके स्टार्टअप का काम काफी बढ़ गया है और वे नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एन्ड्रॉयड के बग्स निकालने के लिए कई टूल यानी तकनीकें तैयार की हैं। उनका फोकस अब देश-विदेश की कंपनियों में बग्स तलाशने पर है। इसके लिए वे कई तरह के सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रहे हैं। 

राशि का खुलासा नहीं करते अमन

पुरुस्कार राशि के बारे में पूछने पर अमन ने कहा कि कंपनी की नीतियों के तहत वे पुरुस्कार राशि का खुलासा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 65 करोड़ रुपए की पुरुस्कार राशि की जो बात मीडिया में आई थी वह गलत थी। 



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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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