अजब गजब

कभी ऑफिस में थे क्लर्क, पेट भर जाए मिलती थी इतनी पगार, अब बांटते लाखों रुपये सैलरी, 57,000 करोड़ का कारोबार

हाइलाइट्स

पीवी रामप्रसाद रेड्डी ने 1986 में अरबिंदो फार्मा की शुरुआत की.
अब यह जेनेरिक दवा निर्माण की दिग्गज कंपनी बन गई.
अरबिंदो फार्मा का मार्केट कैप 57,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

Success Story: देश और दुनिया में कामयाब लोगों से जुड़ी कई कहानियां हैं. इन सारी कहानियों में कुछ ना कुछ खास है जो युवा उद्यमियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अपने बिजनेस का कोई ज्ञान और अनुभव नहीं था लेकिन फिर उसमें हाथ आजमाया और बड़ी सफलता पाई.

हम बात कर रहे हैं हैदराबाद स्थित बिजनेसमैन पीवी रामप्रसाद रेड्डी की. आप में से कई लोगों ने इनके बारे में नहीं सुना होगा. फार्मा टाइकून के नाम से जाने जाने वाले पी वी रामप्रसाद आज 21,600 करोड़ रुपये ($ 2.6 बिलियन) से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. ऑफिस क्लर्क के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले रामप्रसाद आखिर इस आला मकाम तक कैसे पहुंचे, आइये आपको बताते हैं इनकी सक्सेस स्टोरी.

ये भी पढ़ें- 100 करोड़ का मुकुट, सोने की 52 नाव, 3.3 लाख करोड़ की प्रॉपर्टी, फिर भी शाही महल में नहीं रहता ये राजा

बिना अनुभव के उतरे बिजनेस में
देश की दिग्गज फार्मा कंपनी अरबिंदो फार्मा के फाउंडर पीवी रामप्रसाद रेड्डी की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है. क्योंकि, उन्होंने जिस बिजनेस को शुरू किया उसके बारे में उन्हें कोई नॉलेज नहीं था. आमतौर पर मेडिकल और फार्मा जैसे प्रोफेशन में साइंस बैकग्राउंड वाले लोग ही सफल होते हैं. लेकिन, पीवी रामप्रसाद ने इस बात को गलत साबित कर दिया.

फार्मा कंपनी में रहे क्लर्क
पीवी रामप्रसाद ने वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय तक पीवी रामप्रसाद ने विभिन्न कंपनियों में काम किया. इसके बाद वे केमिकल का बिजनेस करने लगे. अपने बिजनेस पार्टनर नित्यानंद के साथ पीवी रामप्रसाद रेड्डी ने 1986 में पांडिचेरी में अरबिंदो फार्मा की शुरुआत की. दरअसल नित्यानंद के पास इस सेक्टर में काम करने का अनुभव था. दरअसल पीवी रामप्रसाद रेड्डी, एक समय फार्म कंपनी में क्लर्क थे. बस यहीं से उन्हें फार्मा सेक्टर में काम करने का हौसला मिला.

1986 में अरबिंदो फार्मा की शुरुआत के बाद महज 9 साल बाद 1995 में पीवी रामप्रसाद रेड्डी ने कंपनी को सार्वजनिक कर दिया. खास बात है कि दवा निर्माण के लिए जरूरी एपीआई पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, अरबिंदो ने फॉर्मूलेशन में अपनी जगह बनाई और जेनेरिक दवा निर्माण की दिग्गज कंपनी बन गई.

अरबिंदो फार्मा आज कार्डियोवस्कुलर, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिकल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं में अव्वल है. इसका लगभग तीन-चौथाई राजस्व यूरोप और अमेरिका में व्यापार से आता है. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, लिस्टेड फर्म अरबिंदो फार्मा का मार्केट कैप फिलहाल 57,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

Tags: Business news in hindi, High net worth individuals, Pharma Companies, Success Story


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!