निवेश की कई शक्तियों से लैस है यह अकेला फंड, शेयर-सोना-संपत्ति सभी में लगाता है पैसा, सिर्फ 1 सितंबर तक है मौका

नई दिल्ली. हर निवेशक की यही चाहत होती है कि उसे शेयर बाजार जैसा बंपर रिटर्न मिले, लेकिन उसके पैसों पर किसी तरह का जोखिम न हो. ऐसे चमत्कारी निवेश की ख्वाहिश रखने वालों को मल्टी एसेट एलोकेशन फंड का विकल्प चुनना चाहिए. हाल में ही श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने एक न्यू फंड ऑफर (NFO) पेश किया है, जो 1000 रुपये की न्यूनतम राशि से पैसे लगाने का विकल्प देता है. यह एनएफओ 1 सितंबर, 2023 को बंद हो जाएगा.
श्रीराम समूह की एएमसी ने श्रीराम मल्टी एसेट एलोकेशन फंड लॉन्च किया है. इस फंड का लक्ष्य इक्विटी जैसी कई परिसंपत्तियों में निवेश के माध्यम से लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न पाना है. यह स्कीम डेट और सोने-चांदी के ईटीएफ में निवेश करती है. न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) 1 सितंबर 2023 को बंद हो जाएगा तो इसमें पैसे लगाने के लिए आपके पास सिर्फ 1 सप्ताह का समय बचा है.
कैसे कर सकते हैं निवेश
निवेशक अपने वित्तीय और पारिवारिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लिक्विड या ओवरनाइट फंड से सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी), टॉप-अप या सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के माध्यम से नियमित रूप से इस फंड में पैसे लगा सकते हैं. एकमुश्त निवेश के लिए न्यूनतम राशि 5,000 है, जबकि एसआईपी के लिए यह 1,000 रुपये अथवा 3,000 प्रति तिमाही है. इसमें कोई लॉक-इन अवधि शामिल नहीं है.
कहां-कहां से रिटर्न जुटाता है फंड
इस फंड के कोष का 65% से 80% हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाएगा. इसमें श्रीराम एएमसी के स्वामित्व वाले इन्हांस्ड क्वांटामेंटल इन्वेस्टमेंट (ईक्यूआई) मॉडल के 30 से 40 स्टॉक शामिल हैं. चूंकि, इस फंड के जरिये इक्विटी में 65% से ज्यादा का न्यूनतम आवंटन होता है, लिहाजा इससे निवेशक को 10% लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का फायदा उठाने का भी मौका मिलता है.
ट्रिपल A रेटिंग पर निगाह
यह फंड किसी भी क्रेडिट जोखिम से बचने के लिए उच्च रेटिंग (AAA Rating) वाले लघु से मध्यम अवधि के डेट में 10% से 25% राशि का आवंटन करता है. सरकार और सरकार समर्थित प्रतिभूतियों के लावा गोल्ड/सिल्वर ईटीएफ में 10% से 25% तक, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) में 10% तक के निवेश का भी विकल्प मिलता है.
संकट से बचाएगा सोना
श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ कार्तिक एल जैन का कहना है कि बीते 5 वर्षों के विश्लेषण से पता चलता है कि मल्टी एसेट एलोकेशन फंड की श्रेणी में इक्विटी जैसे रिटर्न के साथ कम अस्थिरता देखी गई है. इसके अलावा किसी गिरावट जैसे संकट से बचने के लिए गोल्ड में भी निवेश करते हैं. सोने में निवेश से हमें विशेष रूप से संकट की अवधि के दौरान बाजार की अस्थिरता से बचाव मिलता है.
टैक्स पर भी मिलेगी छूट
यह नया फंड निवेशक को एक वित्तीय वर्ष में पूंजीगत लाभ के 1 लाख की सीमा को पार करने पर 10% की दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) (अतिरिक्त अधिभार और उपकर) का लाभ प्रदान करता है. यदि कोई निवेशक अपने परिसंपत्ति आवंटन को पुनर्संतुलित करने के लिए इक्विटी, ऋण, सोना अलग-अलग खरीदता/बेचता है, तो उसे प्रत्येक लेनदेन पर पूंजीगत लाभकर देना पड़ता है. जब फंड मैनेजर स्कीम के भीतर लेनदेन करता है, तो स्कीम पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगता है. ये दो पहलू इस फंड को निवेशकों के लिए टैक्स बचाने का बेहतर विकल्प देते हैं.
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Tags: Business news in hindi, Investment, Investment and return, Mutual funds, Returns of mutual fund SIPs
FIRST PUBLISHED : August 23, 2023, 06:45 IST
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