मध्यप्रदेश

CM is showered with affection | नेताजी ने उजागर किया पार्टी का प्लान-बी; सांसद की चुनाव प्रचार से दूरी

राजेश बादल . भोपाल3 मिनट पहले

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भास्कर इलेक्शन पॉडकास्ट में सबसे पहले जानते हैं चुनावी सुर्खियां।

  • मालवा और निमाड़ में प्रियंका गांधी की तूफानी सभाएं। बेरोजगारी पर शिवराज सरकार को घेरा। प्याज की कीमतों के बहाने महंगाई रोकने में सरकार के असफल रहने का आरोप।
  • बीएसपी सुप्रीमो मायावती पहुंचीं बुंदेलखंड। उन्होंने दावा किया कि बीएसपी अमीरों से चंदा नहीं लेती। कांग्रेस और बीजेपी पर तीखे प्रहार।
  • शिवराज के प्रति अचानक केंद्रीय नेताओं का उमड़ पड़ा लाड़। हर नेता बता रहा उन्हें मुख्यमंत्री के लिए सर्वश्रेष्ठ चेहरा। प्रधानमंत्री के बाद प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर के बाद उमा भारती ने भी तारीफ के पुल बांधे।
  • कहां हैं भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर? राज्य और आसपास के प्रदेशों के कई सांसद प्रचार में ले रहे हिस्सा। प्रज्ञा की ग़ैर हाज़िरी से चर्चा का बाज़ार गरम।

चुनावी सभाओं में शिवराज सिंह के गीत
बीजेपी के सुर और रंग बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री की रैलियों में लगातार उपेक्षा और अपमान का दंश लेकर जी रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चकित हैं कि अचानक पार्टी के शिखर नेता उनके गीत क्यों गाने लगे हैं। नरेंद्र मोदी सभाओं में शिवराज का नाम नहीं लेते थे और न उनकी स्वप्निल योजना लाड़ली बहना का जिक्र करते थे।

पूर्व सीएम उमा भारती, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी शिवराज सिंह चौहान को बेहतर सीएम बताया।

पूर्व सीएम उमा भारती, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी शिवराज सिंह चौहान को बेहतर सीएम बताया।

विदाई भाषण के बाद ऋषिकेश दौरा
शिवराज के चेहरे पर उस समय मायूसी पढ़ी जा सकती थी। वे चुप थे, लेकिन अंदर ही अंदर उबल रहे थे। इशारों ही इशारों में तो उन्होंने मोदी को डिंडौरी में संकेत दे दिया, जब मतदाताओं से पूछा कि मोदीजी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए या नहीं। उन्होंने यह तक कहा कि हम उनका साथ देते हैं, जो हमारा साथ देते हैं। इन्हीं दिनों उन्होंने अधिकारियों की बैठक में भी विदाई भाषण दे दिया। फिर वे दो दिन के लिए गंगा किनारे ऋषिकेश चले गए।

इसके बाद पार्टी के हाथ-पांव फूल गए। इंटेलिजेंस की गोपनीय रिपोर्ट कहती थी कि बिना शिवराज सरकार सत्ता में नहीं लौट सकती। इसके बाद सुर बदलने का आगाज हुआ। पहले उमा भारती ने इशारों में कहा कि अपने प्रचार की पावर ऑफ अटॉर्नी तो उन्होंने शिवराज को दे रखी है। फिर प्रहलाद पटेल के बोल फूटे कि हम सब जितने सांसद चुनाव मैदान में हैं, उन सब में मुख्यमंत्री के लिए बेहतर शिवराज ही हैं। इसके बाद नरेंद्र तोमर ने कहा कि अभी तो शिवराज ही बेहतर सीएम हैं।

मंत्री गोपाल भार्गव एक सभा में मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा का खुलकर इजहार कर चुके हैं।

मंत्री गोपाल भार्गव एक सभा में मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा का खुलकर इजहार कर चुके हैं।

महत्वाकांक्षा का इजहार कर चुके नेता
आपको याद होगा कि कैलाश विजयवर्गीय और गोपाल भार्गव तो पहले ही मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा का खुलकर इजहार कर चुके हैं। ऐसे में अचानक शिवराज पर प्यार क्यों लुटाया जा रहा है।

दरअसल, पर्दे के पीछे की कहानी यह है कि सारे ओबीसी नेता-कार्यकर्ता बीजेपी से नाराज हैं। इसका अहसास आलाकमान को हो गया है। और यदि शिवराज को हटाना ही था तो सबसे अच्छा समय था, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से फोड़कर लाए थे और कमलनाथ सरकार गिराई थी। यह तय है कि शिवराज का कद अब राष्ट्रीय है।

पार्टी का प्लान-बी उजागर
नरेंद्र तोमर एक साक्षात्कार में कह चुके हैं कि चुनाव के बाद शिवराज को यदि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। अनजाने में ही उन्होंने पार्टी का बी प्लान उजागर कर दिया। जिस शिवराज को दो दशक पहले लाल कृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री मटेरियल बता चुके थे, वह अब क्या रबर स्टैंप बनकर दिल्ली जाएगा? हां यह जरूर होगा कि मध्यप्रदेश में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद बना रहेगा। पहले यह दामाद के पास था, फिर प्रदेश पुत्र के पास चला जाएगा। पर क्या शिवराज इतने भोले और मासूम हैं कि अपने साथ हो रही सियासत को न समझें।

मायावती ने जनसभा में ईवीएम पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही हमेशा से ईवीएम का दुरुपयोग किया है।

मायावती ने जनसभा में ईवीएम पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही हमेशा से ईवीएम का दुरुपयोग किया है।

बुंदेलखंड से मायावती की सभाएं
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती सोमवार को बुंदेलखंड के निवाड़ी में थीं। उन्होंने सभा में दिलचस्प दावा किया कि उनकी पार्टी बड़े घरानों और पूंजीपतियों से मदद नहीं लेती। मुझे नहीं पता कि कितने लोग इस कथन पर भरोसा करेंगे। पर ये तय है कि उन्होंने चंदा को बिना लागत का धंधा बनाने का कभी विरोध नहीं किया। मायावती दोनों बड़ी पार्टियों को गरियाती हैं और अंदरखाने बीजेपी को समर्थन देने के आरोप भी उन पर लगते हैं। उन्होंने जो प्रत्याशी उतारे हैं, वे भले ही नहीं जीतें, लेकिन बीजेपी का भला कर सकते हैं और कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

प्रियंका गांधी ने धार जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के लेन-देन के वायरल वीडियो का जिक्र किया।

प्रियंका गांधी ने धार जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के लेन-देन के वायरल वीडियो का जिक्र किया।

प्रियंका की सभा में तोमर के बेटे के वीडियो की चर्चा
कांग्रेस की तेजतर्राट नेत्री प्रियंका गांधी सोमवार को धार के कुक्षी में थीं। कभी ये इलाका कांग्रेस की जमुना देवी के प्रभाव का था। प्रियंका के कारण ही इस बार कांग्रेस ने दो दर्जन से अधिक महिलाओं को मैदान में उतारा है। उन्होंने अपने पूर्वजों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के आदिवासी प्रेम को याद किया। प्रियंका ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के वीडियो का भी हवाला दिया। इस वीडियो में करोड़ों के लेन-देन की बात की जा रही है। अब इस वीडियो की जांच कराने की मांग भी उठ रही है।

अपने बयानों से चर्चा में रही भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर चुनाव प्रचार से दूर हैं। बताया जा रहा है कि वे मुंबई में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं।

अपने बयानों से चर्चा में रही भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर चुनाव प्रचार से दूर हैं। बताया जा रहा है कि वे मुंबई में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं।

सांसद के प्रचार से तौबा
एक सवाल मध्यप्रदेश की चुनावी फिजां में तैर रहा है। भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर आखिर आजकल कहां हैं? सूत्रों के मुताबिक वे बीमार हैं और मुंबई में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं, लेकिन पार्टी के अंदर से आ रही खबरें कहती हैं कि भोपाल के कुछ पार्टी उम्मीदवारों ने अनुरोध किया था कि वे अपने क्षेत्र में प्रज्ञा ठाकुर के बिना भी प्रचार कर सकते हैं। उनके आने से समीकरण बदल सकते हैं, इसीलिए उनका नाम स्टार प्रचारकों में भी शामिल नहीं था। अपने तीखे बयानों से प्रज्ञा चर्चा में रही हैं। उनके भाषण कट्टर होते हैं और भोपाल में बड़ी संख्या अल्पसंख्यकों की है। बीजेपी के विधायकों का संपर्क उन क्षेत्रों में अच्छा है, जहां मुस्लिम आबादी बड़ी तादाद में है। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रज्ञा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को करारी शिकस्त दी थी।

बहरहाल! अब सवाल है तो है। कोई क्या कर सकता है। आज के इलेक्शन पॉडकास्ट में बस यहीं तक। कल फिर मिलेंगे। इजाजत दीजिए। नमस्ते।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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