अजब गजब

लोगों को रास नहीं आया बिजनेस, बोले- इंजीनियरिंग करके उठा रहा गोबर, लड़के ने 5 हजार से खड़ी की 50 करोड़ की कंपनी

Business idea: अगर बिजनेस करने की चाहत और लगन हो तो कोई भी बिजनेस छोटा नहीं होता. एक छोटे से बिजनेस से भी कड़ी मेहनत करके करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया जा सकता है. आज हम एक ऐसे इंजीनियर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने हजार परेशाजियों के बाद भी हार नहीं मानी. लोगों के ताने सुनें मगर उसका अपने पर कोई असर नहीं होने दिया. बस फिर क्या इस मेहनत आखिर रंग लाई. आज मात्र 25 साल के इस लड़के की कंपनी की वैल्यूएशन 50 करोड़ से अधिक है.

हम बात कर रहे हैं 25 साल के अक्षय श्रीवास्तव की. यदि आपने इनका नाम नहीं सुना है तो कोई बात नहीं, आज के बाद इनका नाम कभी भूलेंगे नहीं. अक्षय के पिता किसान थे इसलिए सब कुछ खेती पर ही निर्भर था. अक्षय ने बेहद ही कठिन परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई पूरी की. स्कॉलरशिप के बेस पर गोरखपुर की एक यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की. बचपन से गांव के किसानों की परेशानियों को देखते हुए बड़े हुए अक्षय ने आगे चलकर कुछ ऐसा करने की ठान रखी थी कि उनकी मुश्किलों को दूर कर सकें.

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लोगों के सुने ताने, मगर नहीं मानी हार
अक्षय ने सिर्फ 2 किलोग्राम खाद बनाने से बिजनेस की शुरुआत की थी. करीब 3 साल में ही अब वह हर महीने 500 टन बायो फर्टिलाइजर बना रहे हैं. अक्षय ने फरवरी 2020 में बायो फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए लैब में कल्चर बनाना शुरू किया था, लेकिन तभी कोरोना ने दस्तक दे दी. तीन चार महीने के लिए सभी घर में बंद हो गए. जो कल्चर तैयार हुआ था, वो मर गया, जीवाणु नष्ट हो गए. घरवाले भी परेशान थे कि आखिर मैं कर क्या रहा हूं. मैं भी डिप्रेशन में जा रहा था. इधर गांव के लोग, रिश्तेदार कहने लगे जब गोबर ही उठाना था, तो फिर इंजीनियरिंग क्यों की. मां बाप ने पेट काटकर इंजीनियरिंग कराया, बेटा गोबर उठा रहा है.

पढ़ें लिखे किसानों किसानों को किया टारगेट
अक्षय बताते हैं कि शुरुआत में कोई उनसे फर्टिलाइजर नहीं खरीदना चाहता था. किसान उनसे बात तक नहीं करना चाहते थे. फिर उन्होंने गांवों के किसी एक पढ़े लिखे किसान को टारगेट करना शुरू किया. सबसे पहले हम उन इलाकों का सर्वे किया, किसानों से बातचीत की. उन्हीं किसानों में से किसी एक किसान को फ्री में बायो फर्टिलाइजर देते थे. इस तरह वह किसान हमारा डीलर बन जाता है. इसके बाद उन्होंने हर तरह के अलग अलग फसल के मुताबिक बायो फर्टिलाइजर तैयार करना शुरू किया.

95 शहरों में फैला कारोबार
जब मैंने पहली बार खाद बनाई और उसका सैंपल अपने ग्रुप में भेजा, तो एडवांस में ऑर्डर आने शुरू हो गए. पेमेंट भी एडवांस में आने लगे, जिससे मेरी गाड़ी चल पड़ी. प्रोडक्शन और टीम बढ़ने लगी. सबसे पहले हमने पूरे उत्तर प्रदेश में काम करना शुरू किया. जब मैंने बायो फर्टिलाइजर बनाना शुरू किया था, तो IIT कानपुर, BHU समेत देश के अलग अलग संस्थानों ने मेरे आइडिया को लेकर मदद की. अभी मेरे साथ 30 हजार से अधिक किसान जुड़े हुए हैं. 9 राज्यों के 95 शहरों में हम काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हमने दूसरा प्लांट लगाया है.

Tags: Business ideas, Success Story, Successful business leaders


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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