मध्यप्रदेश

Sonkutch Seat:भाजपा हो या कांग्रेस, 30 साल से जीता तो वर्मा ही, दबंग पुलिस अधिकारी पन्नालाल भी सज्जन से हारे – Sonakchha Seat Was Captured By Congress Eight Times And Bjp Seven Times


सोनकच्छ सीट
– फोटो : Amar Ujala Digital

विस्तार


देवास जिले की सोनकच्छ विधान सभा सीट एक प्रतिष्ठित सीट है। इस पर 2018 में कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा निर्वाचित हुए थे। वर्मा देवास शाजापुर संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुके है। 1985 में सज्जन सिंह वर्मा पहली बार कांग्रेस से इस सीट पर निर्वाचित हुए थे। एक संयोग है इस सीट पर विजयी होने वाले कांग्रेस या भाजपा के उम्मीदवार रहे हों, उनके उपनाम में वर्मा शब्द रहता ही है। यह क्रम 1985 से जारी है।

1952 से अस्तित्व में है सीट 

सोनकच्छ विधानसभा सीट 1952 से अस्तित्व में है। 1957 तक यह सीट सामान्य वर्ग के लिए थी, लेकिन 1967 के परिसीमन से यह सीट अनुसचित जाति के लिए आरक्षित की गई जो अभी तक आरक्षित है। वैसे सोनकच्छ कांग्रेस की परंपरागत सीट है। 1957 से 2018 तक 15 विधानसभा चुनाव में आठ बार कांग्रेस और सात भाजपा बार (1977 में जनता पार्टी) का कब्जा रहा।

भाजपा के उम्मीदवार थे पन्नालाल

इस सीट पर सज्जन सिंह वर्मा के भाई अर्जुन वर्मा तो भाजपा नेता और सांसद रहे फूलचंद वर्मा के बेटे राजेंद्र वर्मा भी चुनाव लड़ चुके हैं। सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा के पिता-पुत्र दोनों को चुनाव में हराया है। 2003 में सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश के चर्चित और दबंग पुलिस अधिकारी पन्नालाल को भी पराजित किया था।  

हमनामों के प्रत्याशी भी निर्दलीय लड़े

2003 में पन्नालाल भाजपा से उम्मीदवार थे तो एक निर्दलीय उम्मीदवार जिसका नाम पन्नालाल था वह भी मैदान में भाग्य आजमा रहा था। ठीक इसी तरह 2008 में फूलचंद वर्मा नाम से निर्दलीय मैदान में था। वर्ष 2008, 2013 और 2018 में राजेंद्र वर्मा नाम से निर्दलीय मैदान में था। 1998 सुरेंद्र वर्मा भाजपा से तो एक निर्दलीय, जिसका नाम सुरेंद्र वर्मा था मैदान में था, परंतु इन समान नामों से मूल उम्मीदवार पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

वर्मा सरनेम वाले प्रत्याशी खूब रहे

प्रदेश चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के सरनेम वर्मा कुछ ज्यादा ही रहे हैं। वर्ष 2018 में 41, 2013 में 20 और 2008 में 24 वर्मा उपनाम वाले उम्मीदवार प्रदेश भर के खड़े हुए थे। प्रदेश के चुनावों में चाहे सज्जन सिंह  विश्नार, सज्जन सिंह सिसोदिया, सज्जन सिंह उईके, सज्जन सिंह दांगी, सज्जन भैया विभिन क्षेत्रों से अपना भाग्य आजमाते रहे हैं। जाहिर है सज्जन नाम भी प्रदेश में खूब छाया रहा।

सोनकच्छ से सज्जन सिंह वर्मा की परंपरागत सीट है, कांग्रेस की सूची में वर्मा नाम रहता है तो देखना होगा क्या वे अपना क्षेत्र सुरक्षित रख पाएंगे, क्योंकि भाजपा इस बार इस सीट को प्राप्त करने का पुरजोर प्रयास करेगी।

सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी

  • चुनाव वर्ष   विजयी प्रत्याशी      पार्टी         पराजित प्रत्याशी व पार्टी
  • 2018         सज्जन सिंह वर्मा       कांग्रेस      राजेंद्र फूलचंद वर्मा भाजपा     
  • 2013         राजेंद्र फूलचंद वर्मा   भाजपा     अर्जुन वर्मा, कांग्रेस     
  • 2008         सज्जन सिंह वर्मा       कांग्रेस      फूलचंद वर्मा, भाजपा     
  • 2003         सज्जन सिंह वर्मा       कांग्रेस      पन्नालाल, भाजपा     
  • 1998         सज्जन सिंह वर्मा       कांग्रेस      सुरेंद्र वर्मा, भाजपा     
  • 1993         सुरेंद्र वर्मा                भाजपा     सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस     
  • 1990         कैलाश                   भाजपा      बापूलाल मालवीय, कांग्रेस     
  • 1985         सज्जन सिंह वर्मा       कांग्रेस,     सूरजमल बुनकर भाजपा     

सोनकच्छ चुनाव की कुछ रोचक जानकारी

  • सोनकच्छ में सर्वाधिक उम्मीदवार वर्ष  2013 में 14 और न्यूनतम दो वर्ष 1972 में थे। 
  • 2018 में मतदान प्रतिशत 83.9 रहा था जो अब तक का सर्वाधिक रहा।  
  • 1993 में भाजपा के सुरेंद्र वर्मा कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा से 123 मतों से विजय इस क्षेत्र की अभी तक की सब कम मतों से जीत थी।
  • 1998 में सज्जन सिंह वर्मा की भाजपा के अर्जुन वर्मा पर 22,855 मतों से विजय अभी तक की रिकॉर्ड जीत रही है।
  • सोनकच्छ से सर्वाधिक 5 बार विजयी होने का रिकॉर्ड कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा के नाम है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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