अजब गजब

पोहेवाला नहीं, लाखों के मुनाफेवाला बिजनेसमैन, महीने भर का प्रॉफिट अच्छे-अच्छों की सैलरी से ज्यादा

हाइलाइट्स

इंदौर पोहावाला की स्टोरी सोशल मीडिया पर वायरल.
साल भर में कमा लेता है 50 लाख से ज्यादा का मुनाफा.
हालांकि, लोगों का कहना है कि यह सही नहीं है.

नई दिल्ली. कई लोग अच्छी-खासी पढ़ाई करके और एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लेकर भी उतनी कमाई नहीं कर पाते जितना इंदौर का एक पोहावाला हर महीने प्रॉफिट बना रहा है. एक आम आदमी से पूछा जाए कि उसकी मंथली इनकम कितनी है तो वह 50,000 से 1 लाख रुपये के बीच ही बोलेगा. अगर हम आपसे कहें कि एक पोहावाला केवल एक ठेले से हर महीने 75 हजार रुपये का मुनाफा कमा ले रहा है तो आप जरूर हैरान हो जाएंगे.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक पोहेवाला बताता है कि उसे हर दिन एक ठेले से 2.5 हजार रुपये का सीधा मुनाफा हो जाता है. इस लिहाज से देखा जाए तो उसे हर महीने 1 ठेले से करीब 75 हजार रुपये का मुनाफा कमाता है. उसके पास 6 ठेले हैं. वह कहता है कि थोड़ा-बहुत ऊपर-नीचे करके लगभग हर ठेले से उसे इतना ही मुनाफा हो जाता है.

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हर महीने का कुल मुनाफा
पोहेवाला बताता है कि उसकी कमाई हर महीने की 6-7 हजार रुपये का है और मुनाफा 2.5 हजार रुपये के आसपास रहता है. महीने में कुल 6 ठेलों से उसे 4.5 लाख रुपये तक का मुनाफा मुल जाता है. पूरे साल में ठेले वाले को करीब 54 लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है. यानी 2 साल के अंदर वह पोहेवाला करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा बना रहा है. इस वीडियो पर कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. अधिकांश लोग इसे फर्जी और झूठ ही बता रहे हैं.

क्या कहना है लोगों का
सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि यह पोहेवाला एक प्लेट के लिए 40 रुपये मांग रहा है जबकि इंदौर में किसी ठेले पर 10 रुपये से ज्यादा का पोहा नहीं मिलता है. एक युवक ने कमेंट किया है कि वह खुद भी पोहा बेचता है और उसकी कीमत 10 रुपये ही है. एक युवक ने कहा कि वह हर दिन केवल 700 रुपये ही बना पाता है. एक ने कमेंट किया कि अगर गैर-संगठित क्षेत्र आईटीआर भरना शुरू कर दे तो देश सुपरपावर बन जाएगा. एक शख्स ने लिखा कि अगर इनके 6 स्टॉल होते और इतना कमा रहे होते तो खुद एक स्टॉल पर नहीं खड़े होते, किसी लड़के को रखकर काम करवा रहे होते.

Tags: Business ideas, Business news, Business news in hindi, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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