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Cash for Query Case: दुनिया की कोई ताकत नहीं बचा सकती, कैश फॉर क्वेरी मामले में निशिकांत का मोइत्रा पर तंज

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति की कार्यवाही के बारे में गलत विमर्श बनाने की कोशिश की. भाजपा नेता ने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई, कारोबारी दर्शन हीरानंदानी, आईटी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ ही उनके द्वारा सौंपे गए सबूतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि ‘दुनिया की कोई ताकत’ मोइत्रा को नहीं बचा सकती. दुबे की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुछ घंटे पहले आचार समिति के विपक्षी सदस्य मोइत्रा के साथ बैठक से बाहर चले गए और समिति के अध्यक्ष पर तृणमूल नेता से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया. मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने हीरानंदानी के इशारे पर सवाल पूछे और दुबई में रहने वाले एक जाने-माने कारोबारी परिवार के सदस्य से रिश्वत ली.

भाजपा सांसद ने दावा किया कि संसदीय समिति ऐसा निर्णय लेगी कि भविष्य में कोई भी सांसद इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं हो सके. दुबे ने कहा कि आज वह उतनी तेजतर्रार व्यक्ति नहीं हैं और विपक्षी सांसदों के साथ बाहर आ गई. उन्होंने कहा कि संसदीय समिति के समक्ष जो कुछ भी पेश किया जाता है, उसका खुलासा बाहर नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन समिति के समक्ष ‘आरोपी’ के रूप में पेश हुईं मोइत्रा ने खुले तौर पर मीडिया को साक्षात्कार दिया और बैठक के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसका जिक्र करती रहीं.

भाजपा नेता ने कहा, ‘आपने 61 सवाल पूछे. और इनमें से 50 कथित तौर पर दर्शन हीरानंदानी की मदद करने के लिए थे. मीडिया में आई खबरों के अनुसार दुबई में दर्शन हीरानंदानी के कार्यालय से 47 बार सवाल पूछे गए. क्या आचार समिति उनसे इस बारे में नहीं पूछेगी.’ उन्होंने कहा, ”आपने (महुआ मोइत्रा) कहा कि दर्शन हीरानंदानी ने ऐसा नहीं किया, (उनके) पीए ने ऐसा किया. क्या आचार समिति को यह पूछने का अधिकार नहीं है कि आपने फोन पर किससे बात की? (सवालों का) मसौदा किसने तैयार किया? फोन नंबर क्या है? कॉल डिटेल क्या है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं तो क्या यह निजी हो जाता है.’

दुबे ने कहा कि समिति कारोबारी द्वारा दायर हलफनामे पर मोइत्रा से पूछताछ करने के लिए बाध्य है. भाजपा सांसद ने कहा, ‘लेकिन उन्होंने लोगों के सामने गलत कहानी गढ़ने की कोशिश की. आज जो कुछ भी हुआ, वह देश के संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है.’ भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष इस तथ्य से परेशान है कि समिति का नेतृत्व ऐसे सदस्य कर रहे हैं जो अनुसूचित जाति समुदाय से हैं. उन्होंने कहा, ‘समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं. वे लोग इसे पचा नहीं पा रहे हैं और इसलिए वे आधारहीन टिप्पणी कर रहे हैं.’ दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे.

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था.




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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