कुख्यात बाल बलात्कारी एजाज शेख धारा 377 में दोषी,हजारों पीड़ितों को मिला न्याय

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कश्मीर के कुख्यात बाल बलात्कारी एजाज शेख को धारा 377 के तहत दोषी ठहराया गया है. शेख ने इमाम, शिक्षक और धर्म गुरु बनकर बच्चों का यौन शोषण किया. पीड़ितों ने न्याय की लड़ाई में दृढ़ता दिखाई.
बच्चों का शोषण करने वाले को मिली कड़ी सजा. (Image:News18)
हाइलाइट्स
- एजाज शेख को धारा 377 के तहत दोषी ठहराया गया.
- शेख ने इमाम, शिक्षक और धर्म गुरु बनकर बच्चों का शोषण किया.
- शेख को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
श्रीनगर. कश्मीर के सबसे कुख्यात बाल बलात्कारियों में से एक, मुंदजी सोपोर के एजाज शेख को आखिरकार रणबीर दंड संहिता की धारा 377 के तहत दोषी ठहराया गया है. इस सजा का मतलब है कि शेख को अब पिछले तीन दशकों में अपने भयानक कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा, जिसके दौरान उसने उत्तरी कश्मीर के सोपोर में हजारों बच्चों का यौन शोषण किया. धारा 377 में कहा गया है कि जो कोई भी ‘अप्राकृतिक यौन संबंध’ बनाता है, उसे आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा हो सकती है. आरोपी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सजा सुनाते हुए कहा कि बाकी बचे हुए लोग, जो कानूनी तौर पर वर्तमान मामले में केवल गवाह के रूप में पंजीकृत थे, उनको अपने उत्पीड़क के खिलाफ अलग से एफआईआर दर्ज करने की आजादी है. शेख के खिलाफ मामला 2 मार्च, 2016 को एफआईआर दर्ज करने के साथ शुरू हुआ. अक्टूबर 2017 में उसके खिलाफ आरोप लगाए गए और तब से, मुकदमे में देरी हो रही है. बचाव पक्ष के वकीलों ने कई वर्षों की सुनवाई के बाद 3 जनवरी, 2025 को पहली बार अपनी दलीलें पेश कीं और मामले को 17 फरवरी के लिए फैसले के लिए सुरक्षित रखा गया. अब, दोषसिद्धि के साथ, शेख को अपने अपराधों के लिए कानून के पूर्ण भार का सामना करना पड़ रहा है.
एजाज शेख ने माता-पिता का भरोसा जीतने के लिए इमाम, स्कूल शिक्षक और धर्म गुरु के रूप में अपनी विभिन्न भूमिकाओं का फायदा उठाया. जिससे उसे कमजोर बच्चों तक पहुंचने में मदद मिली. उसकी चालाकी भरी रणनीति ने उसे दशकों तक बिना रोक-टोक के अपने शोषण को जारी रखने में सक्षम बनाया. शेख के शोषण के पीड़ितों ने अपने अनुभवों के बारे में परेशान करने वाले विवरण साझा किए हैं.
एक पीड़ित ने बताया कि तीन वर्षों में 500 से अधिक बार उसका बलात्कार किया गया, जिससे उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हुईं. अन्य पीड़ितों ने बताया कि शेख के देखते-देखते उन्हें एक-दूसरे के साथ यौन क्रिया करने के लिए मजबूर किया गया. एक पीड़ित ने कहा कि ‘कभी-कभी मुझे लगा कि यह कानूनी लड़ाई खुद शोषण से भी अधिक दर्दनाक थी. बार-बार की देरी बेहद निराशाजनक थी, लेकिन आज की सजा यह साबित करती है कि दृढ़ता मायने रखती है. चुप्पी केवल दुर्व्यवहार करने वालों को सशक्त बनाती है, और न्याय, चाहे कितना भी विलंबित क्यों न हो, लड़ने लायक है.’
Srinagar,Jammu and Kashmir
February 17, 2025, 21:39 IST
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