देश/विदेश

कैश फॉर क्वेरी केस: एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने से पहले ही महुआ मोइत्रा ने जताई यह इच्छा, जानें क्या?

नई दिल्ली: टीएमसी यानी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के आरोप के मामले में लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होने से एक दिन पहले बुधवार को वह पत्र साझा किया जो उन्होंने इस समिति के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर को लिखा था. महुआ मोइत्रा के इस पत्र पर 31 अक्टूबर की तिथि है. इस पत्र को साझा करते हुए उन्होने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘समिति ने मुझे समन किए जाने की जानकारी मीडिया को देना उचित समझा, इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं भी कल अपनी ‘सुनवाई’ से पहले समिति को लिखा अपना पत्र जारी करूं.’

पत्र में महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह दो नवंबर को समिति के सामने पेश होंगी और अपने खिलाफ की गई शिकायत का पर्दाफाश कर देंगी. उन्होंने पत्र में कहा कि आपराधिक मामलों में संसदीय समितियों के पास अधिकारक्षत्र का अभाव है और ऐसे मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शामिल करने की जरूरत है. मोइत्रा ने उन्हें कथित तौर पर ‘रिश्वत देने वाले’ दर्शन हीरानंदानी से जिरह करने की इच्छा भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हीरानंदानी ने ‘पर्याप्त सबूत पेश किए बिना’ समिति के समक्ष एक हलफनामा प्रस्तुत किया था.

क्या है 2005 वाला वह ‘कैश फॉर क्वेरी स्कैम’, जिसमें नपे थे 11 सांसद, अब महुआ मोइत्रा पर भी लटकी तलवार!

लोकसभा सदस्य ने शिकायतकर्ता वकील जय अनंत देहाद्रई से भी जिरह करने की मांग की. उन्होंने समिति के प्रमुख से आग्रह किया, ‘आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, यह जरूरी है कि कथित ‘रिश्वत देने वाले’ दर्शन हीरानंदानी को गवाही देने के लिए बुलाया जाए.’ मोइत्रा ने कहा, ‘मैं रिकॉर्ड पर रखना चाहती हूं कि स्वाभाविक न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए मैं हीरानंदानी से जिरह करने के अपने अधिकार का उपयोग करना चाहती हूं.’ उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जिरह का अवसर दिए बिना पूछताछ ‘अधूरी और अनुचित’ होगी.

मोइत्रा ने दावा किया कि समन जारी करने में आचार समिति ने ‘दोहरा मापदंड’ अपनाया. उनके मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी के सदस्य दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को लेकर बहुत अलग दृष्टिकोण अपनाया गया, जिनके खिलाफ विशेषाधिकार समिति के समक्ष ‘नफ़रत फैलाने वाले भाषण की बहुत गंभीर शिकायत’ लंबित है. मोइत्रा ने कहा कि बिधूड़ी को मौखिक साक्ष्य देने के लिए 10 अक्टूबर को बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने गवाही देने में असमर्थता जताई क्योंकि वह राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए गए हुए थे.

Tags: India news, Mahua Moitra, TMC


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!