Ban on those coming wearing western clothes | मां कालिका मंदिर में वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने पर रोक: पुजारी का फैसला-कटी-फटी जींस, मिनी स्कर्ट, बरमुडा वालों को नहीं मिलेगा प्रवेश – Ratlam News

रतलाम में आस्था के केंद्र मां कालिका माता मंदिर में अब श्रद्धालुओं को मर्यादित वस्त्र पहनकर मंदिर में आना होगा। छोटे, कम कपड़े, वेस्टर्न कपड़े और चड्डा-बरमुडा पहनकर आने वाले श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके लिए मंदिर के पुजारियों ने
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मंदिर के बाहर मर्यादित कपड़े पहन कर आने का अनुरोध का करने का सूचना बोर्ड लगाया।
मंदिर के बाहर सूचना लगाई
कालिका माता मंदिर में पहली बार ऐसा फैसला लिया गया है। पुजारी के अनुसार अगर कोई भी वेस्टर्न व अमर्यादित वस्त्रों में आता है तो वह बाहर से ही दर्शन कर पाएगा। मंदिर के दो द्वार से लेकर गर्भ गृह और हवन कुंड परिसर में बकायदा मर्यादित वेशभूषा में मंदिर के भीतर प्रवेश करने की सूचना लगाई है। इसके साथ यह भी लिखा है कि वेस्टर्न कल्चर के कपड़ों में प्रवेश करना निषेध है।
एक अन्य बोर्ड मंदिर के बाहर भी लगाया है, जिसमें लिखा है कि सभी धर्म प्रेमी भक्तों से निवेदन है कि मंदिर में मर्यादित वस्त्र पहनकर कर आवें। चड्डा-बरमुडा पहनकर न आवें। मंदिर की मान मर्यादा रखे।

वेस्टर्न कल्चर के कपड़े पहन कर मंदिर आने पर लगाई रोक की सूचना।
पुजारी बोले-मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आएं
मंदिर के पुजारी राजेंद्र शर्मा का कहना है कि मंदिर में शहर के अलावा दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। कुछ लोग ऐसे वस्त्र पहनकर आते हैं, जो अमर्यादित होते हैं। इस कारण श्रद्धालुओं से मर्यादित वस्त्रों में मंदिर में दर्शन के लिए आने का अनुरोध किया है।
पुजारी शर्मा ने श्रद्धालुओं से भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए सात्विक वस्त्र में मंदिर में प्रवेश करने का अनुरोध किया है। जिससे मंदिर की शालीनता बनी रही। अमर्यादित कपड़े जैसे कटी-फटी जींस, मिनी स्कर्ट, बरमुडा, नाइट सूट, छोटी ड्रेस, हाफ पैंट समेत अन्य वेस्टर्न कपड़े पहन कर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई है।
मंदिर के पुजारियों के इस फैसले से मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भी सहमत है। श्रद्धालु प्रीति पालीवाल ने कहा कि आजकल देखा जा रहा है कि मंदिरों में शार्ट्स कपड़े पहनकर लड़कियां आ रही है। इससे हमारी संस्कृति व सनातन धर्म बिगड़ रहा है। पंडित जी ने सही फैसला लिया है।

शहर की आस्था केंद्र है मां कालिका माता मंदिर।
हजारों श्रद्धालु आते है रोज
रतलाम का मां कालिका माता मंदिर शहर के मध्य स्थित होकर आस्था का बड़ा केंद्र है। गर्भ गृह में मां कालिका के साथ चामुंडा मां व अन्नपूर्णा मां की मूर्ति विराजित है। रतलाम शहर, जिले के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। नवरात्रि में 9 दिन गरबा रास के आयोजन के साथ मेला भी यहां पर लगता है। मंदिर शासकीय होकर कोर्ट ऑफ वार्ड्स के अंतर्गत (कलेक्टर के अधीन) है। इसके अलावा कालिका माता मंदिर ट्रस्ट भी बना है। उक्त निर्णय मंदिर के पुजारियों ने लिया है।
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