बिजावर विधानसभा: सपा एवं बसपा ने बिगाड़े कांग्रेस के समीकरण, भाजपा प्रत्याशी को मिल सकता है जनता का भरपूर समर्थन

छतरपुर। बिजावर विधानसभा क्षेत्र हमेशा से भाजपा का गढ़ माना जाता था। पिछले चुनाव में जरूर भाजपा से लड़ रहे पुष्पेन्द्र नाथ पाठक सपा के राजेश शुक्ला से पराजित हुए थे परंतु इसके पहले का इतिहास उठाया जाए तो भारतीय जनता पार्टी के वर्ष 1990 में जुझार सिंह बुंदेला भाजपा के विधायक चुने गए थे उसके बाद उनकी बेटी आशारानी भी इसी क्षेत्र से भाजपा की विधायक रहीं। उसके बाद पुष्पेन्द्र नाथ पाठक जो कि नौगाांव क्षेत्र से बिजावर क्षेत्र में चुनाव लडऩे के लिए आए थे वह भी विजयी हुए। राजेश शुक्ला दो बार कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े और दोनों बार पराजित हुए। पिछली बार वह सपा से चुनाव लड़े थे और जनता की सिंम्पैथी थी जिसके चलते वह चुनाव जीत गए थे परंतु उन्होंने अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था और उनकी टिकट इसलिए काफी देर में कंफर्म हुई। फिलहाल इस समय बिजावर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी चरण सिंह चुनाव मैदान में हैं तो वहंी दूसरी ओर सपा से रेखा यादव चुनाव लड़ रही हैं। यह भी बड़ामलहरा क्षेत्र से दो बार विधायक चुनी गई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया तो इन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर सपा का दामन थामा है। बिजावर विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी को भारी बहुमत मिलने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी से महेन्द्र गुप्ता चुनाव मैदान में हैं। सपा एवं बसपा से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चरण सिंह को हो रहा है। यादव बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र से दो उम्मीदवार यादव जाति के मैदान में उतरे हुए हैं। जिससे यादव मतदाताओं में वोट को लेकर सामंजस पैदा हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने चरण सिंह को मैदान में उतारा है चरण सिंह के पास स्थानीय लोगों का अभाव होने के कारण वह अच्छे खासे परेशान नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही सपा ने भी रेखा यादव को मैदान में उतारकर कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक भी कांगेस प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजेश शुक्ला को जनता का भारी जनसमर्थन मिल रहा है। स्थानीय प्रत्याशी होने के नाते अन्य दल के कार्यकर्ता भी राजेश शुक्ला से विवाद लेना नहीं चाहते। इसलिए वह खुलकर अन्य दल के प्रचार प्रसार में नहीं लग रहे हैं। बिजावर विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होना है। सपा कांग्रेस एवं भाजपा के प्रत्याशियों के बीच मुकाबल होगा और सीधी टक्कर कांगेस और भाजप के बीच की होगी। किंतु विजयी भाजपा प्रत्याशी होना इस क्षेत्र से लगभग तय माना जा रहा है। इसके बावजूद भी क्षेत्र में अभी प्रत्याशियों को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। संभवत: केशूराजा निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं आप पार्टी से अमित भटनागर चुनाव लड़ रहे हैं वह भाजपा को नुकसान कर सकते हैं। अमित भटनागर का आदिवासी क्षेत्र में अच्छा होल्ड है। आम आदमी पार्टी भी इस क्षेत्र में भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है। फिलहाल छतरपुर जिले से एक मात्र सीट ऐसी है जो कि भाजपा की झोली में जाती दिख रही है। कांग्रेस पार्टी ने यदि अन्य दलों से सामजस नहीं बैठाया तो कांग्रेस पार्टी की करारी हार होना सुनिश्चित है।