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त्वरित टिप्पणी: तो क्या I-N-D-I-A के रास्ते पीएम पद तक पहुंचना चाहते हैं नीतीश कुमार?

नई दिल्ली. इंडिया गठबंधन के संयोजक के रास्ते क्या प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाना चाहते हैं नीतीश कुमार? ये सवाल इसलिए क्योंकि मंगलवार यानी 2 जुलाई की सुबह इंडिया गठबंधन के दलों के बीच बिना किसी चर्चा के पटना से जेडीयू ने सूत्रों के हवाले से अचानक खबर फैला दी कि नीतीश कुमार को 3 जनवरी को इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं की होने वाली ऑनलाइन बैठक में संयोजक चुन लिया जाएगा. बिना किसी चर्चा के जदयू द्वारा नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की खबरें फैलाने की वजह आखिर क्या हो सकती है? क्या नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का चेहरा बनना चाहते हैं?

क्या नीतीश कुमार इस चेहरे के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी पुरानी अदावत का बदला लेने के लिए उनके समकक्ष खड़ा होना चाहते हैं? ये खबर इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि हाल ही में नीतीश कुमार ने ललन सिंह को हटाकर अपनी पार्टी के अध्यक्ष का पद भी हासिल कर लिया. वह बिहार जैसे राजनीतिक जटिलता वाले राज्य के मुख्यमंत्री हैं. पार्टी का अध्यक्ष पद हथियाने के बाद अब उनकी नजर इंडिया गठबंधन के संयोजक पर टिक गई है. नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में खुद को एक मजबूत नेता के रूप में पेश कर पीएम पद की दौड़ के सबसे आगे रखना चाहते हैं.

नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं का शिगूफा
दरअसल नीतीश कुमार यह देख रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में जितने भी नेता हैं उनमें उनकी संभावना राष्ट्रीय फलक पर सबसे ज्यादा है. उसकी वजह उनका विशाल राजनीतिक अनुभव ,पार्टी पर मजबूत पकड़ ,पिछड़े वर्ग से आना, एक राज्य के मुख्यमंत्री का पद और गठबंधन के बाकी दलों के मुकाबले उनकी स्वीकार्यता है. ये स्वीकार्यता ममता या अखिलेश के लिए नहीं दिखती. कांग्रेस भी उनके नाम पर सकारात्मक दिखती है. इन्हीं वजहों से उनकी पार्टी के नेताओं ने संयोजक पद का शिगूफा छेड़ना शुरू कर दिया है.

चुनाव लड़ने और बनारस में रैली की हुई थी चर्चा
नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री पद पर नजर अरसे से है पिछले दिनों खबर आई थी कि वह उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ सकते हैं. यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट की चर्चा भी हुई थी इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में रैली भी करने वाले थे हालांकि रैली का कार्यक्रम बाद में टाल दिया गया. इन सब संकेतों से साफ है कि वह प्रधानमंत्री मोदी से लड़ते हुए देखना तो चाहते हैं और इसी सहारे विपक्ष के गठबंधन का चेहरा भी बनना चाहते हैं.

नीतीश कुमार की प्रेशर पॉलिटिक्स
कुछ लोग इसे नीतीश कुमार की प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में भी देख रहे हैं और चर्चा यह भी है कि एक बार फिर वह एनडीए के संपर्क में है. यानी इंडिया गठबंधन पर दबाव बनाने के लिए एनडीए गठबंधन ज्वाइन करने का संकेत भी उनके लोग दे रहे हैं. सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार की प्रेशर पॉलिटिक्स के सामने ममता बनर्जी शरद पवार अखिलेश यादव जैसे नेता सरेंडर कर जाएंगे? नीतीश कुमार कभी अपने नेता रहे जॉर्ज फर्नांडिस के नक्शे कदम पर चलकर विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनना चाहते हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपने आसपास के करीबी नेताओं को इतिहास में किनारे लगाया है उससे विपक्ष के कई नेता उनसे सतर्क भी रहते हैं.

क्‍या नीतीश खुद संयोजक बनना चाहते हैं
इंडिया गठबंधन की चार बैठक हो चुकी है और अब तक संयोजक का पद तय नहीं हो पाया है ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई इंडिया गठबंधन के घटक दल नीतीश को संयोजक बनाना चाहते हैं या नितीश खुद संयोजक बनना चाहते हैं? जवाब जो भी हो लेकिन तस्वीर अभी धुंधली है और अभी यह तय नहीं है कि नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जाएगा या नहीं!

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Bihar News, CM Nitish Kumar, INDIA Alliance, JDU nitish kumar, Opposition political parties


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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