मध्यप्रदेश

Administration team sealed Vishal Mega Mart | प्रशासन की टीम ने विशाल मेगा मार्ट को सील किया: फायर सेफ्टी चेकिंग के दौरान निकली कई कमियां – Ujjain News

उज्जैन। शहर में फायर एनओसी को लेकर एक बार प्रशासन सख्त हुआ है। राज्यशासन के निर्देश पर जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों ने शुक्रवार रात को विशाल मेगा मार्ट पर फायर सेफ्टी चेकिंग की तो कई कमियां सामने आई। एसडीएम के निर्देश पर मार्ट को सील

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राज्य शासन के निर्देश पर फायर सेफ्टी चेकिंग अभियान के अंतर्गत एसडीएम एलएन गर्ग के नेतृत्व में शुक्रवार रात में विशाल मेगा मार्ट का निरीक्षण कर फायर सेफ्टी एवं आग बुझाने के उपकरण के मापदंडों को चेक कर फायर ऑडिट की कार्रवाई की गई है। टीम ने मौके पर देखा कि मार्ट में फायर उपकरण बंद पाया गया वहीं फायर एनओसी नही पाई गई। मॉल में एग्जिट गेट जिसकी चाबी कार्रवाई होने तक नही मिल पाई। कर्मचारी ट्रेड नही पाए गए आग बुझाने के संकेतक एवं चेतावनी संकेतक भी नही मिले।

एसडीएम गर्ग ने बताया कि विशाल मेगा मार्ट में जी प्लस पर तो कमर्शियल रूप से संचालित है। उसके ऊपर रेसीडेसिंयल है। मौके पर जांच की तो फायर एनओसी प्लान नही मिला। एक ही रास्ते से लोगों का आना और जाना था। उस पर भी प्लेटफार्म पर सामान रखा हुआ था। यदि भगदड़ मचती है तो बड़ा हादसा हो सकता है। हमने देखा कि यदि 65 डिग्री तापमान होता है तो फायर अलार्म सिस्टम भी बंद मिला। नेशनल बिल्डिंग कोर्ट के पैमाने में फेल रहे। बहुत सारी कमियों के बाद हमने अस्थाई तौर पर जब तक सभी मापदंड पूरा नही करते है। मार्ट को सील करने की कार्रवाई की गई है। कार्रवाही के दौरान अपर तहसीलदार राधेश्याम पाटीदार, सीएसपी दीपिका शिंदे, उपायुक्त मनोज मौर्य, एनके भास्कर, कार्यपालन यंत्री आदित्य शर्मा, निगम के फायर विभाग के कर्मचारी मौजूद थे।

इसलिए होती है फायर एनओसी की आवश्यकता

फायर एनओसी यह सत्यापित करती है कि संबंधित भवन में यदि आगजनी होती है तो आम आदमी सुरक्षित निकल सकता है। फायर एनओसी में फायर इक्युपमेंट, आपतकालीन गेट, फायर अलार्म सिस्टम, बहुमंजिला इमारतों में एमरजेंसी के लिए सीढिय़ां आदि होने चाहिए। जबकि शहर में विभिन्न कामर्शियल मार्केट में सिंगल डोर बेसमेंट है और हादसा होने पर वहां आपातकालीन गेट तक नहीं है। इतना ही नही, बहुमंजिला इमारतें रिहायशी इलाकों में बन रही है, लेकिन अधिकांश के पास फायर एनओसी नहीं है। इनके निर्माण के समय नगर निगम के फायर अधिकारी फायर एनओसी को गंभीरता से नही लेते है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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