वैदिक विवाह का बढ़ रहा चलन, आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में जापान, मंगोलिया और अमेरिकी जोड़ों ने की शादी

बेंगलुरु: दुनिया भर के जोड़ों मे वैदिक परंपरा के अनुसार विवाह का चलन बढ़ रहा है. दशहरे के अवसर पर जापान, मंगोलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के कई जोड़े आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की उपस्थिति में विवाह बंधन में बंधे.
गुरुदेव ने आध्यात्मिक ज्ञान, योग और आयुर्वेद का उपहार लाखों लोगों तक पहुंचाया है, साथ ही उन्होंने समय के साथ विलीन हो चुकी कई भारतीय परंपराओं को भी पुनर्जीवित किया है. उनमें से एक है, पारंपरिक वैदिक विवाह. जिसमें शास्त्रों के शाश्वत मंत्रों और गहन आध्यात्मिक अनुष्ठानों के महत्व को दर्शाया गया है. खर्चीली और भव्य भारतीय शादियों के युग में, गुरुदेव ने वैदिक विवाह को लोकप्रिय बनाया है जो प्रतिज्ञाओं और प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करती है.
प्राचीन धर्मग्रंथों के अनुसार, विवाह संपन्न करते समय किए जाने वाले वैदिक मंत्रों का उद्देश्य दो लोगों को एक ऐसे सहज बंधन में बांधना है जो अनंत काल तक चलता है और उन्हें चेतना के एकत्व की याद दिलाता है.
गुरुदेव ने कई भारतीय परंपराओं को पुनर्जीवित किया है और उनमें से एक है पारंपरिक वैदिक विवाह.
मंगोलिया के ब्यासगलन और सुरेंजार्गल ने कहा, “ऐसा महसूस हुआ जैसे हम पर आशीर्वादों की वर्षा हो रही है. यह आज हमारे लिए एक बिल्कुल नई शुरुआत है.” केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका से आये रे मोंगी और लॉरेन डर्बी-लुईस ने कहा, “हम 8 वर्षों से एक साथ हैं. मेरा साथी सदा वैदिक शैली में विवाह करना चाहता था, इसलिए हमें आरंभ से ही ज्ञात था कि यह इस तरह संपन्न होगा. समारोह बहुत अच्छा था. जिस तरह से पंडितों ने मंत्रोच्चार किया, हमने गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया, हम इससे अधिक कुछ नहीं मांग सकते थे.”
इससे पूर्व के नौ दिनों में, आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर का वातावरण प्राचीन वैदिक मंत्रों, पवित्र हवन समारोहों, भक्ति संगीत, नृत्य, और ज्ञान के साथ उत्सव की ध्वनियों से गूंज उठा था. क्योंकि समारोह का हिस्सा बनने के लिए दुनिया भर से आए लाखों भक्त यहां पहुंचे थे.

जापान, मंगोलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के जोड़े दशहरे के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की उपस्थिति में विवाह बंधन में बंधे.
देवी मां की पूजा के लिए एक प्रभावशाली आयोजन, चंडी होम, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस और कनाडा सहित विश्व स्तर पर 30 स्थानों पर आयोजित किया गया था और पूरे भारत में 100 स्थानों पर दुर्गा होम का आयोजन किया गया था. अष्टमी के शुभ दिन पर, आश्रम की रसोई में 1.2 लाख से अधिक लोगों को भोजन परोसा गया. प्रसाद में 17 से अधिक शाकाहारी व्यंजन शामिल थे.
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Tags: Marriage news
FIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 17:30 IST
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