OPINION: ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ ने उड़ाई विपक्ष की नींद, कांग्रेस ने उठाए सवाल तो मिला ये जवाब…

सीबीडीटी यानी प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा आयकर विभाग के शीर्ष अधिकारी को लिखे खत ने विवाद बढ़ा दिया है. आयकर विभाग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर को लिखे खत में कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव ने मांग की है डिप्टी सेक्रेटरी से लेकर संयुक्त सचिव के पद पर काम कर रहे दिल्ली रीजन के 15 अधिकारियों को सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए जिला रथ प्रभारी यानी विशेष अधिकारियों के रूप में काम करने के लिए नामित किया जाए. कुछ इसी तर्ज पर सरकार के तमाम विभागों के अधिकारियों को देश भर के 765 जिलों की 2.69 लाख ग्राम पचायतों में काम पर लगाया जाएगा.
सरकार की मंशा पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस चिठ्ठी को ट्वीट करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को चिठ्ठी लिख कर आरोप लगाया है कि सिविल सेवा के अधिकारियों और सैनिकों को जिन्हें हमेशा राजनीति से स्वतंत्र माना गया, उन्हें राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए. खड़गे ने आरोप लगाया कि अधिकारियों का राजनीतिकरण किया जा रहा है.
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करने में देरी नही लगाई. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि जनता की सुविधा के लिए बनी योजनाओं को मुकाम पर पहुंचाने की नीयत कांग्रेस की भले ही नहीं रही हो, लेकिन मोदी सरकार के लिए ये एक ड्यूटी है. अगर मोदी सरकार अगले 6 महीने में अपनी तमाम योजनाओं को सभी लाभार्थियों तक पहुंचाना चाहती है तो गरीब जनता के हितों के बारे में सोचने वाले किसी भी शख्स को किसी भी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए.
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नड्डा ने कहा-कांग्रेस की नीति गरीबविरोधी
जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से गरीबों को गरीब ही रखना चाहती रही है इसलिए पीएम मोदी की सरकार के इस कदम का विरोध कर रही है। इशारों इशारों में कांग्रेस के पुराने दिग्गजों पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को जन सेवा के लिए लगाए जाने वाले रथ से आपत्ति है तो फिर क्या जनता के पैसे पर युद्धपोतों का व्यक्तिगत याट के रुप में इस्तेमाल सही कदम था. नड्डा ने सिविल सेवा के अधिकारियों को सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आम जनता के बीच जाने को सही ठहराते हए कहा कि ये ही शासन की मूल भावना है.
अमित मालवीय ने भी कांग्रेस से सवाल पूछा
उधर बीजेपी के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि कौन कह रहा कि भारत सरकार में काम कर रहे अधिकारी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लागू करने के मुद्दों पर बात नहीं कर सकते हैं. क्या वो सिर्फ कार्यालय में बैठने के लिए अधिकारी बने हैं और सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत का आकलन नहीं करें. सभी अधिकारियों का ये कर्तव्य है कि वो लोगों की सेवा में लगे रहें जैसा कि चुनी हुई सरकारें उन्हें निर्देश दें. सरकारी सूत्रों का मानना है कि महज इसलिए कि 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और 7 महीने में आम चुनाव, हम शासन करना छोड़ दें.
विकसित भारत संकल्प यात्रा का मकसद
इस योजना के मुताबिक पूरी सरकार 2.7 लाख पंचायतों में पहुंचेगी और इसके लिए बड़ी तैयारी की गई है. मोदी सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से उन लाभार्थियों तक पहुंचेगी जिन तक वो अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं. मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को शो केस करने का, योजनाओं के बारे में सही सूचनाएं पहुंचाने और जागरूकता बढ़ाने का ये कार्यक्रम 20 नवंबर से 25 जनवरी तक चलेगा. साथ ही साथ जो लाभार्थी अब तक इनरोल नहीं हो पाएं हैं, उनका भी इनरोलमेंट सरकार करेगी.
गुजरात में अधिकारियों को जमीन पर उतारते थे पीएम मोदी
सूत्रों के मुताबिक चुनाव हों या ना हों, गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी खुद सुनिश्चित करते थे कि जून और जुलाई के महीने में सभी अधिकारी जमीन पर उतरें और सुनिश्चित करें कि स्कूल जाने के लिए तैयार सभी बच्चों को दाखिला मिले. इन कोशिशों का फायदा ये हुआ कि सबके लिए शिक्षा पूरे गुजरात में सुनिश्चित की गई. कुछ इसी तर्ज पर पीएम मोदी चाहते हैं कि उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई तमाम योजनाएं को अगले 6 महीने में हर लाभार्थी तक पहुंचाया जाए. इसमें पीएम आवास योजना (ग्रामीण), नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन, पीएम किसान, फसल बीमा योजना, पोषण अधियान, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, जन औषधि योजना, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, कौशल विकास, विश्वकर्मा योजना जैसी मोदी सरकारी की योजनाएं अगले 6 महीने में हर लाभार्थी तक पहुंचे.
‘विकास का काम अनवरत जारी रहना चाहिए’
दरअसल ये हमेशा होता आया है कि चुनावों की आहट पाते ही विकास के काम का ऐलान भी नही हो पाता और न ही विकास के काम को लागू करने में किसी का जोर रहता है. नौकरशाहों को भी चुनावों के चंद महीने पहले न्यूट्रल हो जाने की आदत सी हो गई है. ऐसे में योजनाओं के लाभ को लाभार्थियों तक पहुंचाने की इस मुहिम ने विपक्ष की नींद उड़ा दी है, लेकिन मोदी सरकार का मानना है कि चुनाव आएंगे और जाएंगे, लेकिन उसे अपना काम करने दें क्योंकि विकास का काम अनवरत जारी रहना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2023, 16:54 IST
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