मध्यप्रदेश

Getting DAP and Urea in Narmadapuram is a challenge for farmers | नर्मदापुरम में डीएपी, यूरिया लेना किसानों के लिए चुनौती: पुलिस की पहरेदारी में बंटे टोकन; 4 दिन बाद मिलेगा खाद – narmadapuram (hoshangabad) News

नर्मदापुरम जिले में गेहूं और चने की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान अब डीएपी और यूरिया लेने पहुंच रहे है। सोसाइटी और डबल लॉक गोदामों पर किसानों की भीड़ लग रही है। गुरुवार को नर्मदापुरम और इटारसी के डबल लॉक गोदामों पर सुबह से बड़ी संख्या में किसानो

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सुबह 5 बजे से कतार में दिखे किसान

इस दौरान सुबह 5 बजे से किसान टोकन के लिए कतार में लगे दिखे। 6 घंटे खड़े रहने के बाद सुबह 11 बजे से किसानों को टोकन मिलना शुरू हुए। किसानों की भीड़ अधिक होने से धक्का मुक्की होने लगी। इसके बाद एहतियात के तौर पर गोदाम प्रभारी को पुलिस को बुलाना पड़ी। जिसके बाद 450 किसानों को टोकन तो वितरित हुए। लेकिन, शुक्रवार-शनिवार और रविवार का अवकाश होने से डीएपी, यूरिया के लिए उन्हें सोमवार और मंगलवार को बुलाया गया।

नर्मदापुरम जिले में डीएपी और यूरिया लेने के लिए कतार में खड़े दिखे किसान।

मायूस होकर वापस लौटे

किसानों ने बताया कि दोपहर तक किसान इस उम्मीद में डबल लॉक गोदाम के पास खड़े रहे, कि उन्हें डीएपी, यूरिया खाद का वितरित किया जाएगा। लेकिन 6 घंटे कतार में लगकर पसीना बहाने और धक्का-मुक्की सहने के बावजूद किसान डीएपी, यूरिया नहीं ले जा सकें। उन्हें मायूस होकर खाली हाथ ही लौटना पड़ा।

इटारसी के डबल लॉक गोदाम पर भी इसी तरह किसानों की लंबी कतार लगी रही। टोकन के लिए धक्का-मुक्की हुई। टोकन के बाद खाद के लिए किसानों को चक्कर लगाना पड़ रहा है। किसान देवेंद्र यादव ने बताया कि सुबह 5 बजे से किसान की लाइन लगना चालू हो जाती है। खाद की मात्रा कम होने से किसान बहुत परेशान है।

कुछ किसानों ने बताया कि दोपहर तक खड़ा रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिली।

कुछ किसानों ने बताया कि दोपहर तक खड़ा रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिली।

डीएपी की जगह एनपीके या दूसरा विकल्प चुनें किसान

डीएपी, यूरिया खाद को लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सभी सहकारी समितियाें में पर्याप्त खाद उपलब्ध है। जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। डीएपी को लेकर कृषि उप संचालक जेआर हेड़ाऊ का कहना है कि डीएपी की किल्लत पूरे मप्र में है, इसलिए किसान डीएपी की जगह दूसरे विकल्प का चयन कर सकता है।

किसान एनपीके, सुपर फॉस्फेट पोटाश या नैनो डीएपी, नैनो यूरिया का उपयोग कर सकता है। जो डीएपी की तुलना में सस्ता है और डीएपी जैसा ही काम करता है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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