मध्यप्रदेश

Those who were in the headlines throughout the election did not get even 1% votes | जो पूरे चुनाव सुर्खियों में रहे,उन्हें 1% वोट भी नहीं: पूर्व स्पेशल DG, ‘रजनीकांत तो ‘नोटा’ से भी हारे; हितेंद्र को सबसे कम वोट – Bhopal News

भोपाल सांसद की कुर्सी के लिए जो कैंडिडेट पूरे चुनाव सुर्खियों में रहे, वे 1% वोट भी नहीं ला सके। चुनाव के दौरान कोई चिल्लर लेकर नॉमिनेशन भरने पहुंचा था तो कोई निर्दलीय होते हुए ‘मोदी कुर्ता’ पहन वोट मांग रहा था। रिटायर्ड स्पेशल DG मैथिलीशरण गुप्त ने

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भोपाल लोकसभा सीट पर कुल 22 कैंडिडेट मैदान में थे। इनमें से BJP के आलोक शर्मा और कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव के बीच मुख्य मुकाबला रहा, लेकिन रिटायर्ड स्पेशल डीजी गुप्त समेत बसपा और निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत के दावे किए थे। चुनाव प्रचार से ऐसा लगा कि ये कैंडिडेट ‘नोटा’ से ज्यादा वोट तो ले ही आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी के आलोक शर्मा रिकॉर्ड 5 लाख 1499 वोटों से जीते तो कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव दूसरे नंबर पर रहे। तीसरे नंबर पर बसपा के भानुप्रताप सिंह और ‘नोटा’ चौथे नंबर पर रहा। बाकी इसके बाद ही रहे।

सबसे अमीर कैंडिडेट गुप्त रहे 19वें नंबर पर
रिटायर्ड डीजीपी मैथिलीशरण गुप्त मप्र के लोकसभा चुनाव में इकलौते पूर्व नौकरशाह थे, जो चुनावी मैदान में रहे। उन्होंने भोपाल लोकसभा से नामांकन भरा था। सभी 22 कैंडिडेट में वे सबसे अमीर हैं, लेकिन चुनाव में वोटों के मामले में वे 19वें नंबर पर रहे। उन्हें सिर्फ 448 वोट ही मिले थे।

मैथिलीशरण के प्रचार का अंदाज जुदा रहा। बाकी प्रत्याशियों की तरह कुर्ता-पजामा नहीं, बल्कि धोती-कुर्ता और स्पोर्ट्स शूज पहनते थे। वे हाथ में गुब्बारे लेकर लोगों के घर चाय पीने जाते थे और उन्हें क्राइम फ्री इंडिया के कॉन्सेप्ट के बारे में बताते। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इसकी मुहिम चलाई थी, पर वे चुनाव में खास नहीं कर सके।

पूर्व डीजी पुलिस मैथिलीशरण गुप्त भी मैदान में थे, लेकिन उन्हें बहुत कम वोट मिले हैं।

पूर्व डीजी पुलिस मैथिलीशरण गुप्त भी मैदान में थे, लेकिन उन्हें बहुत कम वोट मिले हैं।

‘मोदी कुर्ता’ पहनकर लड़ा चुनाव, 529 वोट लेकर आए
भेल (BHEL) से रिटायर्ड आरके महाजन भी चुनाव मैदान में थे। इनका चुनाव प्रचार और वोट मांगने का तरीका दिलचस्प रहा। वे कैंडिडेट तो निर्दलीय थे, लेकिन वोट PM नरेंद्र मोदी के नाम पर मांग रहे थे। वे जो कुर्ता पहन रहे थे, उस पर पीएम मोदी की ही तस्वीर थी। उन्हें चुनाव में 529 वोट ही मिले।

भेल (BHEL) से रिटायर्ड आरके महाजन को भी हार का सामना करना पड़ा।

भेल (BHEL) से रिटायर्ड आरके महाजन को भी हार का सामना करना पड़ा।

13वां चुनाव भी हारे भोपाली ‘रजनीकांत’
भोपाल ‘रजनीकांत’ के नाम से फेमस अब्दुल ताहिर खान अपना 13वां चुनाव भी नहीं जीत सके। लोकसभा चुनाव से पहले वे 12 चुनाव लड़ चुके थे और सभी में उन्हें का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में वे सिर्फ 473 वोट ही ला सके।

'रजनीकांत' लुक में चुनाव लड़ने वाले अब्दुल ताहिर को चुनाव में सिर्फ 473 वोट ही मिले।

‘रजनीकांत’ लुक में चुनाव लड़ने वाले अब्दुल ताहिर को चुनाव में सिर्फ 473 वोट ही मिले।

नॉमिनेशन भरने पहुंचे मुदित भटनागर, संजय सरोज चिल्लर लेकर गए थे। इस दौरान उसे गिनने में समय लगा था।

नॉमिनेशन भरने पहुंचे मुदित भटनागर, संजय सरोज चिल्लर लेकर गए थे। इस दौरान उसे गिनने में समय लगा था।

14.99 लाख वोट पड़े थे चुनाव में
लोकसभा चुनाव में कुल 14 लाख 99 हजार 334 वोट पड़े थे। यदि 1 प्रतिशत वोट पर नजर डाले तो यह 15 हजार होता है। भोपाल में बीजेपी और कांग्रेस कैंडिडेट ही इससे ज्यादा वोट ला सके हैं। बाकी 20 कैंडिडेट को 15 हजार से कम वोट ही मिले हैं। इनमें भी बसपा के भानुप्रताप सिंह ही एकलौते प्रत्याशी रहे, जिन्हें 13 हजार 305 वोट मिले थे। इनके बाद निर्दलीय दीनदयाल अहिरवार को ही 3641 वोट मिले हैं। बाकी कैंडिडेट को इससे कम वोट ही मिले।

ये जीते हैं चुनाव में…


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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