‘वे मरना चाहते थे….यीशु से मिलना चाहते थे’, केन्या में एक उपदेशक की बातों में आकर भूखे मर गए सैकड़ों लोग

मालिंदी (केन्या). दिल्ली का बुराड़ी कांड आप लोगों को याद होगा, जिसमें एक ही परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस की जांच में इस आत्महत्या के पीछे किसी तरह का धार्मिक अनुष्ठान करना सामने आया था, जिसकी वजह से गलती से सभी की जान चली गई थी. 2018 के जुलाई माह में हुई इस घटना पर ‘हाउस ऑफ सीक्रेट्स दि बुराड़ी डेथ्स’ नाम से नेटफ्लिक्स पर एक वेबसीरीज भी बनाई गई थी, जिसमें अंत में पता चलता है कि किस तरह ईश्वर से मिलन और अंधविश्वास के चलते परिवार के 11 सदस्य अपनी जान धो बैठे थे. अब ऐसा ही एक वाकया केन्या से सामने आया है. मालिंद में अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाले विक्टर काउडो ने यहां के शाखोला वन ( जो इन दिनों सामूहिक हत्या का स्थल बन चुका है) की यात्रा करने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स को जानकारी दी कि वह लोगों को भूख से बचाना चाहते थे, लेकिन लोगों को मरकर जीजस से मिलने की इच्छा थी. केन्या में इस तरह भूखा रखकर सैकड़ों लोगों को मारने का आरोप एक ईसाई उपदेशक पर लगा है.
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, केन्याई पंथ से जुडी जांच में मरने वालों की संख्या बढ़कर 201 पहुंच गई है, यहां जांचकर्ता को तटीय जंगल में 22 और दफ्न किए हुए शव बरामद हुए हैं. पुलिस का मानना है कि जंगल में मिले ज्यादातर शव हिंद महासागर के निकट बसे शहर मालिंदी से संबंध रखते हैं जो टेक्सी ड्राइवर से उपदेशक बने पॉल नथेंग मेंकेन्ज़ी के अनुयायी थे. इस उपदेशक पर आरोप है कि कि वह लोगों को भूखा रहने के लिए उकसा रहा है, ताकि उनकी मुलाकात जीजस से हो सके. ताजा मौत का आंकड़ा जारी करते हुए तटीय क्षेत्र के कमिश्नर रोडा ओन्यान्चा ने बताया कि इस मामले में मेकिन्जी सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, यह वह लोग थे जो यह सुनिश्चित करते थे कि कोई भूखा रहने का व्रत ना तोड़े.
सरकारी पैथोलॉजिस्ट जॉनसर ओदुअर के मुताबिक शवों की जांच के बाद साफ होता है कि मरने की मुख्य वजह भूखा रहना है. अब सैंकड़ों लोग जिन्हें यह लगता है कि उनके रिश्तेदारों को उसी जगह पर गाड़ दिया गया है जहां से बाकी शव मिले है, अपने प्रियजनों की तलाश में जुट गए है. लेकिन यह घिनौना कृत्य हुआ क्यों और कैसो एक आदमी ने इतने सारे लोगों को मरने के लिए मना लिया? न्यूज 18 ने इस बात की तह तक जाने की कोशिश की है.
मौत का जंगल
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ,जो लोग मारे गए वह पॉल एनथेंग मेकेंजी के अनुयायी थे, जो एक टेलीवेंगलिस्ट (एक इंजील उपदेशक जो रोज़ाना टीवी पर दिखता है और लोगों में अपने विचारों को फैलाता है और धन के लिए आग्रह करता है) था, इससे पहले पॉल एक कैब ड्राइवर हुआ करता था, जिसने उपदेशक के तौर पर घोषणा की कि दुनिया खत्म होने जा रही है. और इससे बचाव के लिए उसने इंजील इसाई आश्रय लेने का उपदेश दिया. स्वर्ग की राह दिखाने वाला 800 एकड़ का फार्म अब एक भयानक अपराध स्थल है, जो उथली हुई कब्रों से अटा पड़ी है, यह वह अनुयायी है जिन्होंनें भूखा रहकर खुद को मार डाला या मकिंजे ने उन्हें सूली पर चढने के लिए उकसाया ताकि वह यीशु से मिल सके.
शाखोला नरसंहार को केन्याई मीडिया ने अब तक की सबसे भयानक घटना करार दिया, जिसके बाद मौजूदा सरकार पूरी तरह से सकते में है क्योंकि एक देश जो खुद को अफ्रीका के सबसे आधुनिक और स्थिर देशों में से एक होने का दावा करता है, वहां सरकार की नाक के नीचे इतना भयानक कांड हो गया है. खास बात यह है कि कई लोगों ने जीवन की बहुत बुनियादी ज़रूरत के ऊपर भूखा रहकर मरने का चुनाव किया जो एक संवेदनशील चिंता पैदा करता है.
मरने वाले चर्च के सदस्यों के बेबस परिजन. (News18)
लोगों को बचाया तो सिर मूंड दिया
मार्च में अधिकारों के लिए लड़ने वाले विक्टर कौडो ने मालिंदी की यात्रा की थी, उन्होंनें जब इन लोगों की मदद करने की कोशिश की थी तो उसे यीशु का दुश्मन करार देते हुए श्राप दिया गया था. उनके बनाए हुए वीडियो में बताया गया था कि किस तरह वह एक भूख से तड़पती महिला को जब खाना देने पहुंचे,तो पंथ के आदेश पर उसका सिर मुंडवा दिया गया था. हालांकि मेकिंजे ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने कभी भी किसी अनुयायी को भूखा रहने के लिए नहीं कहा बस उसने न्यू टेस्टामेंट के अंतिम अध्याय में जो भविष्यवाणी की है और अंत समय की पीड़ा के बारे में बताया गया है उसकी जानकारी दी है. मेकिंजे को अप्रैल में गिरफ्तार कर लिया गया था और जल्दी ही उसे रिहाई मिल गयी थी लेकिन फिर कुछ दिनों में ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उस पर हत्या, आतंकवाद और अन्य आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

केन्या में 200 से अधिक मौतों जिम्मेदार 50 वर्षीय फर्जी पादरी पॉल मैकेंज़ी (News18)
‘शुरुआत में वह भी एक सामान्य चर्च ही था’
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, मालिंदी के एक कैथोलिक प्राथमिक स्कूल के बगल में पत्थरों से बने एक आंगन में टेक्सी ड्राइवर मेकिंजे ने एक टीवी चैनल की शुरुआत की और यहीं से उसने खुद के पैर फैलाना शुरू किया. रूथ काहिंदी इस ज़मीन के मालिक थे, मेकिंजे से करीब की एक बापटिस्ट चर्च में मिलने के बाद उन्होंनें उसे घर पर उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंनें गुड न्यूज इंटरनेशनल नाम से खुद का चर्च तैयार किया और काहिंदी के घर को हेडक्वार्टर के तौर पर इस्तेमाल किया.
न्यू यार्क टाइम्स को काहिंदी को बेटी नाओमी ने बताया कि, पहले पहल तो वह एक सामान्य चर्च था. नाओमी मेकिंजे को एक अद्भुत वक्ता मानती है जो मौलिकतौर पर बाइबल और क्राइस्ट पर माध्यम से मुक्ति के इंजील सिद्धांतों की बात करते थे. रूथ काहिंदी की बेटी के मुताबिक रूथ मेकिंजे से 2008 में अलग हो गए थे. वहीं गुड न्यूज चर्च से 2015 में जुड़े मूंगफली विक्रेता टाइटस कटाना, जो बाद में यहां के डिप्टी पादरी हो गए थे, ने बताया कि वह मेकिंजे को बहुत मानते थे, लेकिन बाद में उनके उपदेश नकली भविष्यवाणियों में बदलेने लगे, जो मुख्यतौर पर दुनिया के अंत को लेकर हुआ करती थी.
आगे चलकर उनकी मुख्य रुचि दुनिया को उपदेश देने में नहीं बल्कि पैसा कमाने में हो गई थी. मेकिंजे को याद करते हुए टाइटस बताते हैं कि उन्होंनें अपने अनुयायियों को चिकित्सकों पर भरोसा नहीं करने और 2017 तक बच्चों को स्कूल नही भेजने के लिए प्रेरित किया. उनके चर्च में, उन्होंनें अपना खुद का गैरपंजीकृत, फीस भुगतान वाले स्कूल की स्थापना की. उसका यह भी दावा था कि उसके पास लोगों को ठीक करने की दैवीय शक्ति है, जिसके लिए वह लोगों से पैसे लेता था. यही नहीं कटाना का कहना था कि शिक्षा और दवा को लेकर उसका मानना था कि पाप की शुरूआत इसी से हुई है.
यहीं से केन्याई तट से दूर तक उसका प्रसार हो गया, उसकी स्थापित टाइम्स टीवी की बदौलत वह इंटरनेट के ज़रिये पूरे अफ्रीका में अपने हिंसक विचारों को प्रसारित करता था. एक नाइजीरियाई नागरिक जो केन्या फ्लाइट में अटेंडेंट था वह भी शाखोला में गायब होने वालों में शुमार है. जंगल में भूख से मर रहे एक व्यक्ति की बहन एलज़ाबेथ सिओम्बुआ ने बताया कि मेकिंजे के टेलीविजन प्रसारण ने उसे और उसके भाई को मोहित कर लिया था. उसने बताया कि उसकी बातों का असर आदत की तरह पड़ गया था, इसलिए उसे सुनने के लिए हम मोम्बासा में सिलाई कारखाने में काम करने के बाद भाग कर घर जाते थे, ताकि उसे सुन सके.

केन्या के जंगलों में दफ़्न ले जाते रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य. (न्यूज़18)
सरकार की नाक के नीचे सब हुआ
इस मामले से पूरा केन्या स्तब्ध है और राष्ट्रपति विलियम रूटो ने मौत की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है साथ ही एक टास्क फोर्स की स्थापना की है जो धार्मिक निकायों के नियंत्रित करने वाले नियमों की समीक्षा करे.
मेकिंजे खुद को ईसा मसीह की तरह प्रस्तुत कर रहा था, वह गैली नाम की जगह में रहता था जिसका नाम फिलिस्तीन के क्षेत्र की तर्ज पर दिया गया था जहां ईसा मसीह ने अपना अधिकांश वक्त गुजारा.
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कटाना के मुताबिक भूखे रहकर मरना एक सोची समझी रणनीति के तहत उठाया गया कदम था, सबसे पहले युवाओं को धूप में उपवास करना था ताकि वह जल्दी से मरे. महिलाओं की बारी मार्च और अप्रैल में आती उसके बाद पुरुषों का नंबर आता. केटाना के मुताबिक मेकिंजे ने कहा कि वह अपने अनुयायिओ की सहायता के लिए जिंदा रहेगा, लेकिन जब उसका सभी को यीशु से मिलाने का मकसद पूरा हो जाएगा तो वह खुद को भूखा रखकर मर जाएगा.

केन्या रेड क्रॉस के सदस्य गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च नामक एक ईसाई पंथ के एक बीमार शख्स को बचाते हुए. (News18)
कटाना कहते हैं कि इसी दौरान वह उनसे अलग हो गए और जब आत्महत्या होना शुरू हुई तब वह शाखोला में नहीं थे, लेकिन उन्हें एक अनुयायी ने बताया कि उन्होंनें पुलिस को शिकायत दर्ज की थी कि बच्चे मर रहे हैं लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की. वहीं लोगों में अब बेहद नाराज़गी है, वह मेकेंजी को लेकर बहुत आवेग में हैं वहीं एक और इंजील चर्च के उपदेशक डामारिस मुटेटी इसमें मेकेंजी से ज्यादा सरकार को दोषी मानते हैं. (न्यूयॉर्क टाइम्स और एएफपी की रिपोर्ट)
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Tags: Africa, Deaths, KENYA, Starvation
FIRST PUBLISHED : May 15, 2023, 19:01 IST
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