क्रेशर संचालकों को निजी फायदा पहुंचाने के लिए कलेक्टर ने डीएमएफ फण्ड का किया दुरुपयोग

नियमों को ताक में रखकर प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा से कराया अनुमोदन
छतरपुर। छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बीते रोज प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा से खनिज विकास निधि के द्वारा लगभग 15 करोड़ 38 लाख के विकास कार्य स्वीकृत कराए। इन कार्यों में एक कार्य 12 करोड़ 23 लाख की लागत का रेल्वे सब ब्रिज का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। यह कार्य क्रेशर संचालकों को निजी फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। जबकि खनिज विकास निधि की राशि का उपयोग मूल रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पेयजल के अलावा पर्यावरण में खर्च करने का प्रावधान है। नियमों को ताक में रखकर कलेक्टर के द्वारा खनिज विकास निधि का दुरुपयोग किया गया है। जिसको लेकर नेताओं के द्वारा कलेक्टर पर खनिज विकास निधि का दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है। मिली जानकारी के अनुसार खनिज विभाग में यह राशि जिले के विकास के लिए काटी जाती है और वर्तमान में यह खनिज शाखा में लगभग 11 करोड़97 लाख रुपए मार्च माह तक जमा थी। मार्च के बाद से यह राशि लगभग 4 करोड़ 27 लाख 14 हजार 955 रुपए और आ गई है। इस राशि का उपयोग प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद जिले के विभिन्न विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है परंतु छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने क्रेशर संचालकों को लाभ पहुंचाने के लिए कवरई रेलवे ब्रिज बनाने के लिए एक मुस्त राशि 12 करोड़ 38 लाख रुपए स्वीकृत कर दी है।जो कि एक प्रश्र चिन्ह खड़ा कर रही है आखिरकार कलेक्टर ने इतनी बड़ी राशि क्रेशर संचालकों के धंधे को लाभ पहुंचाने के लिए कैसे स्वीकृत करा ली है। हालांकि इस संबंध में खनिज विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह ब्रिेज कांग्रेस सरकार के प्रभारी मंत्री स्व. ब्रजेन्द्र सिंह राठौर के द्वारा स्वीकृत की गई थी लेकिन जिले में प्रभारी मंत्री न होने के कारण मप्र शासन के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के द्वारा जिलाप्रशासन प्रस्ताव के आधार पर इस ब्रिज कोस्वीकृति प्रदान की गई थी और उस समय 25 लाख रुपए झांसी के डीआरएम के खाते में यह राशि भेजी जानी थी उसी समय से यह प्रप्रोजल पेंडिंग में चल रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक दर्जन से ज्यादा क्रेशर संचालकों ने कलेकटर से सांठगांठकर इस ब्रिज के लिए इतनी बड़ी राशि स्वीकृत करा ली है और बाकी जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में इस राशि का कोई फायदा नहीं मिला है। इसी प्रकार कलेक्टर के द्वारा बकस्वाहा में 80 लाख की लागत से उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन बनाने की राशि भी स्वीकृत कराई गई है। जबकि बकस्वाहा में एक हीरा उत्खनन करने वाली कंपनी ने बकस्वाहा क्षेत्र में यह बीड़ा उठाया था कि बकस्वाहा क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए वह निशुल्क राशि खर्च करेगी। लेकिन कंपनी का पैसा खर्च न हो और कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कलेक्टर ने 80 लाख की राशि खर्च करने के लिए खनिज विकास निधि का दुरुपयोग किया है। जो कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संबंध में खनिज इंस्पेक्टर अजय मिश्रा का कहना है कि खनिज विकास निधि का उपयोग जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होता है और कबरई क्षेत्र में जो रेलवे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है वह कांग्रेस सरकार के समय प्रप्रोजल तैयार कराया गया था परंतु प्रभारी मंत्री का अनुमोदन न होने के कारण इस बैठक में प्रभारी मंत्री के द्वारा अनुमोदन कराया गया है क्रेशर संचालकों को परिवहन में ब्रिज न होने से काफी परेशानियां होती थीं और क्रेशर का व्यवसाय प्रभावित होता था छतरपुर जिले से क्रेशर का व्यवसाय सुचारू रूप से चलता रहे इसके लिए यह रेलवे ब्रिज बनना बहुत जरूरी था। इस ब्रिज के लिए राज्य शासन से अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी खनिज विकास निगम निधि की राशि से केवल दो करोड़ अभी दिए जाएंगे। कुल मिलाकर छतरपुर कलेक्टर के द्वारा खनिज विकास निधि का दुरुपयोग हो रहा है कांग्रेस के कई विधायक इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे और जिले के विकास के लिए मिलने वाली राशि का एक मात्र क्षेत्र में उपयोग किए जाने का विरोध करेंगे।