आइंस्टीन ने बताया था निवेश का चमत्कारिक मंत्र, दिन दूना-रात चौगुना पैसा बढ़ाता है यह आठवां अजूबा

हाइलाइट्स
महंगाई से निपटने का यही तरीका है कि फायदे वाले कारोबार में पैसे लगाकर वहां से मुनाफा कमाया जाए.
निवेश में फेल होने का मतलब है कि आपकी खरीद शक्ति कम होगी और जीवन स्तर में गिरावट आ जाएगी.
निमेश शाह का कहना है कि निवेश का एक प्रमुख पहलू बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटना है.
नई दिल्ली. निवेश करना और उससे पैसे बनाना दोनों ही बहुत अलग तरह का मामला है. एक आम निवेशक बाजार में पैसे लगाकर सिर्फ रिटर्न की उम्मीद करता है, जबकि एक रिसर्च बेस्ड रणनीतिकार अपने निवेश पर रिटर्न को लेकर आश्वस्त रहता है. महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी निवेश को लेकर एक चमत्कारिक मंत्र बताया था, जिसे मार्केट के बिग बुल भी आठवां अजूबा मानते हैं.
निवेश ऐसे ही दिग्गज रणनीतिकार और बिग बुल माने जाने वाले आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ निमेश शाह व मनी पाठशाला के संस्थापक विवेक ला ने निवेशकों को कुछ जबरदस्त टिप्स दिए. एनएसई के पॉडकास्ट पर चर्चा के दौरान उन्होंने अपने 30 साल के अनुभवों के आधार पर कहा कि निवेश और जोखिम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
आइंस्टीन की बात का दिया हवाला
महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था, ‘चक्रवृद्धि ब्याज दुनिया का आठवां आश्चर्य है, जो इसे समझते हैं वे इसे कमाते हैं, और जो नहीं समझते हैं वे चुकाते हैं.’ यह निवेशकों के लिए भी मूलभूत अवधारणा है. चाहे आप पैसे उधार ले रहे हों या निवेश कर रहे हों. चक्रवृद्धि ब्याज आपके वित्तीय भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर आप यह समझ गए कि चक्रवृद्धि ब्याज के माध्यम से आपका पैसा समय के साथ कैसे बढ़ सकता है, तो आपकी वित्तीय सफलता तय है. अगर आप यह ठीक से समझ गए तो बाकी बड़े-बड़े शब्दों का कोई खास महत्व नहीं रह जाता है.
भारतीय निवेशक स्वयं को एक बेजोड़ या अद्वितीय स्थिति में पाते हैं. भारत प्रति वर्ष 6-7% की विकास दर के लिए तैयार बैठा है, जबकि महंगाई 4-5% के आसपास है. जब इन आंकड़ों को जोड़ दिया जाता है, तो यह ग्रोथ रेट 10-12% के आसपास रहती है. जैसे-जैसे भारत इस दर से बढ़ता रहेगा, इसके भीतर बड़ी कंपनियां भी इसी तरह की वृद्धि का अनुभव करेंगी और आगे बढ़ेंगी. यह भारतीय निवेशकों को कई अन्य देशों की तुलना में आगे रखता है.
निवेश में फेल हुए तो बचत खा जाएगी महंगाई
निमेश शाह ने कहा कि महंगाई निवेशकों के लिए बड़ी चिंता का विषय है. महंगाई से निपटने का यही तरीका है कि फायदे वाले कारोबार में पैसे लगाकर वहां से मुनाफा कमाया जाए. निवेश में फेल होने का मतलब है कि आपकी खरीद शक्ति कम होती जाएगी और जीवन स्तर में गिरावट आ जाएगी.
उतार-चढ़ाव से निपटने का मंत्र है धैर्य
निमेश शाह का कहना है कि निवेश का एक प्रमुख पहलू बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटना है. शॉर्ट टर्म बाजार में उतार-चढ़ाव परेशान करने वाला हो सकता है, लेकिन दीर्घकाल यानी 5 साल से अधिक का निवेश है तो चिंतित नहीं होना चाहिए. देश की वृद्धि और कंपनियों की कमाई बढ़ेगी तो आपका मुनाफा भी तय है. पिछले एक दशक में (2013 से) भारतीय शेयर बाजार ने औसतन 11-13% का रिटर्न दिया है, जो देश की 10% की विकास दर से थोड़ा अधिक है. सफल निवेशक वे हैं जो लंबी अवधि तक बनाए रखते हैं और बाजार में गिरावट आने पर घबराते नहीं हैं.
मल्टी एसेट फंड तो वरदान है
लंबे समय के लिए ऐसे फंड को पकड़ना चाहिए जो इक्विटी एक्सपोजर कुल कॉर्पस के 30-80% के बीच रखे और ऑटोमेटिक रूट से जोखिम मैनेज करे. एक अन्य फंड जिस पर निवेशक विचार कर सकते हैं, वह मल्टी-एसेट फंड हैं, जो इक्विटी, डेट और सोने में निवेश करता है. ये फंड पोर्टफोलियो को विविधीकरण और संतुलन प्रदान करते हैं, संभावित रूप से जोखिम को कम करते हैं. युवा पीढ़ी अपने फाइनेशियल मैनेजमेंट में अधिक समझदार और सक्रिय हो रही है. अब करियर की शुरुआत में ही निवेश के सफर पर चल पड़ते हैं.
छोटे शहरों का बड़ा योगदान
शाह ने बताया कि अब निवेशक सिर्फ छोटे शहरों से नहीं आते, बल्कि इस इंडस्ट्री में 25% बिजनेस टियर 2 और टियर 3 शहरों से आता है. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निवेश में दिलचस्पी बढ़ रही है. अनुमान है कि यह अगले दशक में बैंकिंग क्षेत्र का 33% प्रतिनिधित्व कर सकता है. चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति, बाजार की अस्थिरता के भीतर अवसरों और लांग टर्म इन्वेस्टमेंट के महत्व पर जोर देने से निवेश पर ज्यादा रिटर्न कमाना मुश्किल नहीं होगा.
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Tags: Business news in hindi, Investment and return, Mutual fund, Mutual fund investors
FIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 19:00 IST
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