पढ़-लिखकर किसानी को बनाया करियर, खेती के लिए छोड़ दी नौकरी, सालाना 1 करोड़ कमा रही ये लड़की

[ad_1]
हाइलाइट्स
रोजा रेड्डी ने टेक्नोलॉजी कंपनी की नौकरी छोड़कर खेती शुरू की.
किसानी के कारोबार में में पिता और भाई को नुकसान होने के बाद फैसला लिया.
ऑर्गेनिक खेती के जरिए रोजा रेड्डी सब्जियों की खेती कर रही है.
Success Story : बच्चे गांव के हों या शहर के पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करना चाहते हैं लेकिन कुछ युवाओं के सपने इससे भी बढ़कर होते हैं और रोजा रेड्डी की कहानी कुछ ऐसी ही है. इस लड़की ने दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी की नौकरी छोड़कर अपने पारिवारिक व्यवसाय खेती को अपना लिया. हैरानी की बात है कि रोजा रेड्डी नौकरी छोड़कर खेती-किसान करने के लिए अपने परिवार से लड़ी.
रोजा रेड्डी के पिता और भाइयों ने जिस खेती से मुंह फेरकर दूसरा काम करने का फैसला कर लिया. रोजा ने उसी खेती-किसानी के बिजनेस से सालाना 1 करोड़ रुपये कमाकर दिखाए. पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी छोड़ कृषि व्यवसाय में सफल होने के बाद अब रोजा के तरक्की की मिसाल दी जा रही है.
ये भी पढ़ें- सब्जी की खेती ने बदली 60 साल के किसान की किस्मत, हर दिन कमा रहे 2 से 3 हजार रुपये
मेहनत से सबको चौंकाया
देश में आमतौर पर लोगों का मानना है कि खेती-किसानी के व्यवसाय में मेहनत ज्यादा और आमदनी कम है लेकिन रोजा रेड्डी ने इसे गलत साबित कर दिया. किसान परिवार में जन्मी रोजा रेड्डी कर्नाटक के एक छोटे-से गांव में रहती हैं. जैसा कि हर मां-बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर नौकरी करें, ठीक ऐसा ही सपना रोजा के माता-पिता ने देखा. रोजा ने अपने पैरेंट्स के सपने को पूरा कर दिखाया. इस लड़की ने पढ़ाई भी की और नौकरी भी पाई. लेकिन फिर खुद को खेती-किसानी के व्यवसाय में व्यस्त कर लिया.
दरअसल जब देश में कोरोना महामारी आई तो रोजा की कंपनी ने उन्हें वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दिया और इस मौके का उन्होंने बेहतर इस्तेमाल किया. रोजा ने बताया कि खेती में नुकसान होने के कारण उनके भाई और पिता किसानी छोड़ने वाले थे. इस मुश्किल हालात में उन्होंने अपने परिवार के खेती-किसानी के बिजनेस को फिर से खड़ा करने का संकल्प लिया.
ये भी पढ़ें- 40 साल पहले छोड़ी IAS की नौकरी, सरकार की ना सुनकर दिल की सुनी, एक फैसले ने पलट दी तकदीर
ऑर्गेनिक फॉर्मिंग से बदली ग्रामीणों की तकदीर
रोजा रेड्डी ने इसके लिए ऑर्गेनिक फॉर्मिंग का सहारा लिया. वह रोजा ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद शाम को 4 बजे से खेत में काम करने लगीं. रोजा ने खेती के दौरान अपनी साइंटिफिक सूझबूझ का इस्तेमाल भी किया और पैदावर में गिरावट की वजह को पहचाना. खेतों में जरूरत से ज्यादा केमिकल के इस्तेमाल से उपज में गिरावट आ रही थी. इसके बाद रोजा रेड्डी ने तय किया कि वह ऑर्गेनिक तरीके से खेती करेंगी. इससे पैदावर बढ़ेगी और धरती की उर्वरकता क्षमता भी बेहतर होगी.
हालांकि, नौकरी छोड़ी ऑर्गेनिक खेती करना का फैसला इतना आसान नहीं था चूंकि रोजा यह ठान चुकी थी कि खेती ही करना है. परिवार वाले चाहते थे कि रोजा जॉब नहीं छोड़े. लेकिन अपनी जिद को पूरा करते हुए रोजा रेड्डी एक सफल किसान बन गई. रोजा खेत में 40 तरह की सब्जियां उगाने लगीं. इसके अलावा रोजा ऑर्गेनिक खेती के मुद्दे पर किसानों को जागरूक करने लगीं.
रोजा ने अपने नेटवर्क का विस्तार उडुपी, दक्षिण कन्नड़ आदि जिलों में किया. रोजा ने निसारगा नेटिव फार्म्स नाम का वेंचर शुरू कर दिया. इसमें 500 किसानों का नेटवर्क जुड़ा हुआ है. इनका वेंचर रोजाना 500 किलो से 700 किलो सब्जी की पैदावार करता है. इससे रोजा की सालाना कमाई करीब 1 करोड़ रुपये है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Agriculture, Karnataka, Start Up, Success Story
FIRST PUBLISHED : May 05, 2023, 16:07 IST
Source link